क्या आप भी हाइपरपिग्मेंटेशन की शिकार हैं? तो आज ही छोड़ें स्किन केयर की ये 5 आदतें

हाइपरपिग्मेंटेशन एक आम त्वचा की समस्या है, और हानिरहित है। मगर आपकी कुछ स्किन केयर हैबिट्स इसे और खराब कर सकती हैं। जानते हैं इनके बारे में!
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हाइपरपिग्मेंटेशन गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजेन के अधिक प्रोडक्शन के कारण हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 11 Nov 2021, 21:00 pm IST
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हम में से ज्यादातर लोग अपनी त्वचा को हल्के में लेते हैं! हम बिना सोचे-समझे सबसे अधिक केमिकल युक्त सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करते हैं। कभी -कभी आलस्य के कारण मेकअप को रिमूव नहीं करते। जिससे आपकी त्वचा में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इन्हीं में से एक समस्या है हाइपरपिग्मेंटेशन। आइए जानते हैं इसके कारण और बचाव के बारे में।

क्या है हाइपरपिग्मेंटेशन?

इससे पहले कि हम आपको कुछ आदतों के बारे में बताएं जिन्हें आपको आज ही से छोड़ना चाहिए, पहले समझते हैं कि हाइपरपिग्मेंटेशन का वास्तव में क्या मतलब है। यह एक ऐसा शब्द है जो गहरे रंग की त्वचा को दर्शाता है। यह छोटे पैच में दिखाई दे सकता है, या बड़े क्षेत्रों को भी कवर कर सकता है। कुछ लोगों के शरीर पर भी यह होता है!

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चेहरे की रंगत खराब कर सकती है हाइपरपिग्मेंटेशन! चित्र : शटरस्टॉक

हाइपरपिग्मेंटेशन के कुछ प्रकार क्या हैं?

मेलास्मा: यह हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है, और गर्भावस्था के दौरान सबसे अधिक देखा जाता है। काले धब्बे शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकते हैं, लेकिन अक्सर पेट और चेहरे पर देखे जाते हैं।

सनस्पॉट्स: जिन्हें लिवर स्पॉट भी कहा जाता है। सनस्पॉट अधिक सूर्य के संपर्क के परिणामस्वरूप विकसित होते हैं। वे आम तौर पर हाथों और चेहरे पर दिखाई देते हैं।

सूजन के बाद हाइपरपिग्मेंटेशन: यह त्वचा पर चोट या सूजन के परिणामस्वरूप होता है।

यदि आप हाइपरपिग्मेंटेशन का सामना कर रही हैं, तो क्या कोई ऐसी आदत है जिसे आपको छोड़ना चाहिए?

डॉ किरन सेठी, एमडी, इंटीग्रेटिव स्किन एंड एस्थेटिक स्पेशलिस्ट, हेल्थशॉट्स को कुछ आदतों के बारे में बताती हैं जिन्हें तुरंत दूर किया जाना चाहिए!

सनब्लॉक नहीं लगाना:

सन एक्सपोजर पिग्मेंटेशन का एक कारण है। तो सनब्लॉक से बचने से समस्या वास्तव में खराब हो जाएगी। लेडीज, इसे किसी भी कीमत पर लगाने से न चूकें, चाहे मौसम कोई भी हो!

पर्याप्त सनब्लॉक नहीं लगाना:

डॉ सेठी कहती हैं “लोग सोचते हैं कि बीबी क्रीम या फाउंडेशन में एसपीएफ पर्याप्त है। हकीकत यह है कि आपको यूवीए और यूवीबी कवरेज दोनों की आवश्यकता है। तो, बस थोड़ी सी बीबी क्रीम धूप से सुरक्षा के लिए कुछ नहीं करेगी।

चीनी का सेवन कम करें। चित्र : शटरस्टॉक

AHA का उपयोग करना और धूप में समय बिताना:

डॉ सेठी बताती हैं कि अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड या AHA सूर्य के प्रति आपकी संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं। “उत्पादों का उपयोग करते समय जागरूक नहीं होना आपकी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

त्वचा को रगड़ना:

डॉ सेठी कहती हैं “घर्षण से मलिनकिरण और भी ज्यादा हो सकता है। इसलिए, जितना अधिक आप अपनी त्वचा को रगड़ेंगे, यह उतना ही गहरा होता जाएगा।

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अतिरिक्त चीनी खाना:

उच्च ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थ गर्दन, पोर, अंडरआर्म्स और ग्रोइन पर एसेंथोसिस नाइग्रिकन्स नामक मलिनकिरण का कारण बन सकते हैं।

तो लेडीज, हाइपरपिग्मेंटेशन से मुक्ति पाने और स्वस्थ त्वचा के लिए इन सुझावों का पालन करें!

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