बढ़ते प्रदूषण में मुश्किल हो रहा है सांस लेना, तो इन 5 योगासनों का करें नियमित अभ्‍यास

टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 13:31 pm IST
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कोविड-19 के साथ शुरू हुआ यह साल अब चारों ओर धुंध में घिरा है। जाहिर है, 2020 आपके फेफड़ों के लिए सबसे खराब वर्ष साबित हो रहा है। यही कारण है कि अब आपके लिए अपने फेफड़ों पर ध्‍यान देना ज्‍यादा महत्वपूर्ण हो गया है, ताकि वे बेहतर काम कर सकें। इसके लिए योग पर भरोसा करने से बेहतर और क्या हो सकता है?

योग आसन और तकनीक तनाव को कम करने, और फेफड़ों की कार्य प्रणाली में सुधार करने के लिए जाना जाता है। योग में आसन के साथ, प्राणायाम और श्‍वास अभ्यास के अंतर्गत भस्त्रिका प्राणायाम, अनुलोम विलोम  और कपाल भाति जैसी तकनीक शामिल हैं।

ये सभी अभ्यास आपके फेफड़ों की क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं, जिससे आपके वायुमार्ग और नाक के मार्गों को साफ करने में मदद करते हैं। आप मध्यम गति पर इन श्वास तकनीकों का अभ्यास करें। इन योग का अभ्यास करने का सबसे अच्छा समय सुबह का है, क्योंकि इस तरह आप दिन भर ज्‍यादा सक्रिय,  ऊर्जावान  और  सकारात्मक रह सकते हैं।

तो आइए सबसे पहले योग के लिए वॉर्म अप करते हैं।

योग विशेषज्ञ ग्रैंड मास्टर अक्षर कहते हैं, चाहे वह योग हो या व्यायाम का कोई अन्य शारीरिक गतिविधि‍, उसके पहले वॉर्मअप जरूरी है। वार्म-अप में जोड़ों को तैयार करने के लिए धीरे-धीरे गर्दन,  भुजाओं, कलाई, कूल्हों और टखनों को हल्‍का घुमाकर वॉर्म अप करना शामिल है।

आप चाहें तो थोड़ा तेजी से चारों ओर घूम कर अपनी मांसपेशियों को स्‍ट्रैच कर सकती हैं। यह आपके शरीर को एक्‍सरसाइज के लिए तैयार करेगा  और आपको व्यायाम से संबंधित चोटों से सुरक्षित रखेगा। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप पीठ को झुकाने वाले किसी भी योगासन को करने से पहले पर्याप्त रूप से वॉर्मअप करें।

अब  समय है फेफड़ों को मजबूत करने के लिए इन पांच योगाभ्‍यासों को करने का:

1 हस्त उत्‍तानासन

समस्थति में सीधे खड़े होकर शुरू करें। अपने हाथों को अपने सिर से उपर उठाएं। इस तरह की आपकी दोनों हथेलियां एक-दूसरे के सामने हों। अपने सिर को अपनी बाहों के बीच रखें, और धीरे से वापस मोड़ें। अपने घुटनों को सीधे रखें  और आपकी आंखें खुली रहनी चाहिए।

 

हस्त उत्‍तानासन। चित्र: ग्रैंड मास्टर अक्षर
हस्त उत्‍तानासन। चित्र: ग्रैंड मास्टर अक्षर

2 धनुरासन

अपने पेट के बल लेट जाएं, अपने घुटनों को मोड़ें और अपनी हथेलियों से अपने टखनों को पकड़ें। आपको इन्‍हें मजबूती से पकड़ कर रखना है। आपके हाथ और पैर शरीर से कुछ दूरी पर धनुष का आकार बनाएंगे। इसी मुद्रा में कुछ देर रहें।

धनुरासन स्‍वस्‍थ शरीर के लिए अनिवार्य मुद्रा है।
धनुरासन स्‍वस्‍थ शरीर के लिए अनिवार्य मुद्रा है।

3 उष्‍ट्रासन यानी केमल पोज

मैट पर घुटनों के बल बैठ कर इस योगासन की शुरूआत करें। अब धीरे-धीरे अपने हाथों को पीछे ले जाकर उनसे अपने टखनों को पकड़ने की कोशिश करें। अपनी गर्दन को तनाव या फ्लेक्स न करें, लेकिन इसे आराम की स्थिति में रखें।

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उष्‍ट्रासन। चित्र: ग्रैंड मास्टर अक्षर

कुछ देर इस आसन में रहें। बाहर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में वापस आएं। अपने हाथों को वापस ले जाएं और उन्हें अपने कूल्हों पर वापस लाएं, जैसे आप पहले थे।

4 अर्ध चंद्रासन

इसकी शुरुआत पादहस्तासन से करें। अपने बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं और घुटने को जमीन पर बिछा लें। पंजे बाहर की ओर हों। अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर ले जाएं और आकाश की ओर देखती रहें। इस दौरान सुनिश्चित करें कि आपका दाहिना घुटना 90 डिग्री के एंगल पर हो।

अर्ध चंद्रासन। चित्र : शटरस्टॉक

अपने ऊपरी शरीर को पीछे की ओर झुकाएं  जैसे अर्ध चंद्र की मुद्रा बन जाए। थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें। उसके बाद  दूसरे पैर से भी यही पोज दोहराएं।

5 चक्रासन

अपनी पीठ के बल लेट जाएं,  अपने पैरों को अपने घुटनों पर फोल्ड करें, और सुनिश्चित करें कि आपके पैरों को फर्श पर मजबूती से रखा गया है। आकाश की ओर उठाते हुए अपनी भुजाओं और कोहनियों को पीछे की ओर ले जाएं। उन्‍हें कंधों पर से घुमाएं,  और अपनी हथेलियों को अपने सिर के बगल में दोनों तरफ फर्श पर रखें।

चक्रासन वजन घटाने में मददगार है। चित्र : शटरस्टॉक

श्वास लें, अपनी हथेलियों और पैरों पर सारा वजन डालें और शरीर को एक पूरा चक्र बनाने के लिए ऊपर उठाएं। अपनी गर्दन को आराम दें और अपने सिर को धीरे से पीछे की ओर जानें दें।

यहां हमने उन योगासनों के बारे में बताया है जो आपके फेफड़ों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं।

असल में योगासन आपके समग्र स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद हैं, जो आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार करने में भी काम आते हैं। फेफड़ों को मजबूत करने और ऑक्सीजन में लेने की क्षमता में सुधार करने के लिए धनुरासन और चक्रासन सबसे ज्‍यादा कारगर अभ्‍यास हैं। ये आसन सांस लेने की क्षमता में विकास करने के साथ ही फेफड़ों की सफाई, फेफड़ों और वायुमार्ग से बलगम को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।

योग गुरू अक्षर कहते हैं, “ आयुर्वेद में फेफड़ों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए हल्दी, शहद और अदरक के साथ गर्म पानी पीने का सुझाव दिया गया है। यदि आप श्‍वास नली में कंजक्‍शन की समस्‍या से पीड़ित हैं तो आप भाप चिकित्सा का भी उपयोग कर सकती हैं। ”

तो, इन पांच योगाभ्‍यास के साथ फेफड़ों की मजबूती और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लें!

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