कुछ भी खाने के बाद अचानक ब्लोटेड महसूस करना और पेट का फूलना। आपके बढ़े हुये वॉटर वेट को दर्शाता है। जी हां हमारे शरीर में पानी का भी वज़न होता है कम से कम 2 या 3 किलो। पानी का वजन, जिसे एडिमा भी कहा जाता है, बहुत आम समस्या है। मगर कभी – कभी चिंता का कारण बन सकती है। इससे असहज महसूस हो कर सकता है और शरीर में सूजन भी पैदा हो सकती है।
पर्याप्त हाइड्रेशन () जितना महत्वपूर्ण है, पानी का अधिक सेवन आपके लिए उतना ही हानिकारक हो सकता है। शरीर में वाटर रिटेंशन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ खाने से भी समस्या हो सकती है। यह आपको सुस्त महसूस करा सकता है। महिलाओं के लिए, वाटर रिटेंशन उन्हें बेचैनी का अनुभव करा सकता है, खासकर मासिक धर्म के दौरान।
ग्लाइकोजन के रूप में ऊर्जा के लिए शरीर में सोडियम जमा होता है। ये पोषक तत्व आपके सेल लाइनिंग के बाहर मौजूद पानी को आकर्षित कर सकते हैं और “सूजन” का कारण बन सकते हैं। सीडीसी के अनुसार बहुत अधिक सोडियम, या नमक वॉटर रिटेंशन का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर को ठीक से काम करने के लिए सोडियम से पानी के अनुपात को संतुलित रखने की आवश्यकता होती है, इसलिए यदि बहुत अधिक नमक का सेवन किया जाता है तो यह पानी को रोक कर रखेगा।
पीने का पानी वास्तव में वॉटर वेट को कम कर सकता है। शरीर में पानी की कमी वॉटर वेट का कारण बन सकती है। क्योंकि इसकी वजह से शरीर ज़्यादा पानी रोक कर रखता है। पानी किडनी के कार्य में भी सुधार करता है, जिससे अतिरिक्त पानी और सोडियम बॉडी से बाहर निकल जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार वयस्कों को दिन में लगभग 2 लीटर पानी पीना चाहिए।
यदि आप ब्लोटेड महसूस कर रही हैं, तो डाइट में कार्ब्स का सेवन कम कर दें। कार्बोहाइड्रेट भी शरीर में वॉटर रिटेंशन का कारण बनते हैं। जब हम कार्ब्स खाते हैं, तो जिस ऊर्जा का हम तुरंत उपयोग नहीं करते हैं, वह ग्लाइकोजन अणुओं के रूप में जमा हो जाती है। ग्लाइकोजन के हर ग्राम में 3 ग्राम पानी होता है।
व्यायाम करने से शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाता है। इससे व्यायाम के तुरंत बाद वॉटर वेट कम हो जाता है। अच्छी कसरत भी रक्त प्रवाह को उत्तेजित करती है और परिसंचरण में सुधार करती है, जिससे पूरे शरीर में तरल पदार्थ का निर्माण कम हो सकता है, खासकर हाथों और पैरों में।
कुछ अनाज, सब्जियों और फलों में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन और पोटेशियम जैसे खनिज होते हैं। यह शरीर के कामकाज को नियंत्रित करते हैं और अतिरिक्त तरल पदार्थ बनने से रोकते हैं। पोटेशियम, वॉटर रिटेंशन को कम करने में मदद करता है। यह सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए,प्लांट बेस्ड डाइट लेने से आपको सूजन से छुटकारा पाने में मदद मिल सकता है।
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