चीट मील के गिल्ट से मुक्ति दिला सकते हैं ये 5 आसन, जानिए इनके फायदे और करने का तरीका

चीट मील किसे पसंद नहीं होता? लेकिन अगर आप दोषी महसूस करते हैं, तो इन योग आसनों को करने के लिए खुद को प्रेरित करें और अपनी वजन घटाने की यात्रा को ट्रैक पर रखें!
एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न करने के लिए करें योग
बटरफ्लाई आसन स्ट्रेस कम करने में करता है मदद । चित्र: शटरस्‍टॉक
निशा कपूर Published: 28 Aug 2022, 08:00 am IST
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कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आप अपनी क्रेविंग को नियंत्रित नहीं कर पाते और अपनी क्रेविंग को संतुष्ट करने के लिए ऑफ-डाइट पर जाते हैं! और फिर बाद में पछताना पड़ता है। लेकिन क्या होगा यदि आप एक ऐसा मंत्र खोजते हैं जो आपको वजन बढ़ाने के लिए दोषी महसूस किए बिना अपने चीट मील का आनंद लेने की अनुमति देता है?

लोकप्रिय योग प्रशिक्षक सर्वेश शशि के मन में उन लोगों के प्रति पूरी सहानुभूति है जो चीट मील से खुद को रोक नहीं पाते।

तो, वह एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहते हैं, “जब आप अपने आहार से कैलोरी नहीं काट सकते हैं, तो उन्हें कठिन लेकिन प्रभावी योगासन के साथ बर्न कर दें। ताकि अगली बार आपको चीट मील खाने से बचने के लिए याद रहे!”

योग विशेषज्ञ ने उन दिनों के लिए कुछ प्रभावी योग आसन शेयर किए जब आप अपनी डाइट से चीट करके ज्यादा कैलोरी लेते हैं। उनके अनुसार, यदि आप वास्तव में वजन घटाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको कम से कम योग नहीं छोड़ना चाहिए, भले ही आप एक दिन के लिए अपना आहार छोड़ दें।

चीट मील पर सर्वेश शशि की पोस्ट देखें!

आपके चीट मील के दिन के लिए 5 योग आसन

1. उत्कटासन:

उत्कट शब्द का अर्थ है तीव्र या मजबूत, और आसन का अर्थ है मुद्रा। इसे कुर्सी मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है, इसमें एक काल्पनिक कुर्सी पर बैठना शामिल है।

यह कैसे करना है:

गहरी सांस अंदर लें और हाथों को ऊपर की ओर फैलाएं।
आपकी कोहनी मुड़ी नहीं होनी चाहिए, और आपकी हथेलियाँ एक दूसरे के सामने होनी चाहिए।
अब सांस छोड़ें, और अपने घुटनों को तब तक मोड़ें जब तक कि आपकी जांघें जमीन के लगभग समानांतर न हो जाएं।
अंतिम स्थिति ग्रहण करने के लिए, अपनी पीठ को सीधा करें और अपनी टेलबोन को नीचे करें।

2. धनुरासन:

धनुरासन को 12 हठयोग में से एक माना गया है। धनुरासन दो शब्दों से मिलकर बना है। धनु और आसन। धनु संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ धनुष है। वहीं, आसन का अर्थ मुद्रा से है। इस योग के दौरान शरीर की मुद्रा धनुष की तरह बन जाती है, इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है।

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धनुरासन शरीर के लिए फायदेमंद है। चित्र : शटरस्टॉक

यह कैसे करना है:

योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
लेटने के बाद घुटनों को मोड़कर हाथों से टखनों को टाइट से पकड़ें।
इसके बाद सांस लेते हुए अपने सिर, छाती व जांघ को ऊपर की तरह उठाएं।
इस आसन के दौरान शरीर का आकार धनुष के समान लगेगा।
अब अपनी क्षमता के मुताबिक इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें।
जब प्रारंभिक अवस्था में वापस आना हो, तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं।

3. सेतुबंधासन

सेतु बंधासन संस्कृत भाषा के तीन सब्द सेतु, बंध और आसन से मिलकर बना हैं। जिसमें “सेतु” का अर्थ पुल (ब्रिज), बंध का अर्थ “बांधना” और “आसन” का अर्थ योग मुद्रा से हैं। इस आसन के दौरान शरीर का आकार किसी पुल या ब्रिज की तरह नज़र आता है, इसलिए इसे ब्रिज पोज नाम दिया गया हैं।

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यह कैसे करना है:

योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और अपनी सांसो की गति को सामान्य करें।
अब अपने घुटनों को मोड़कर कूल्हों के पास ले आएं और अपने हाथों को बगल में रखें।
सांस अंदर लेते हुए हाथों से जमीन पर दबाव डालकर कूल्हों को ऊपर उठाने का प्रयास करें। इस बीच पैर जमीन पर ही टिके होने चाहिए।
इस मुद्रा में थोड़ी देर रुकने की प्रयास करें और इस बीच सांस लेते और छोड़ते रहें।
अंत में धीरे धीरे इस अवस्था से बाहर आ जाये और कुछ देर विश्राम करें।

4. भुजंगासन

भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहा जा सकता है। दरअसल, भुजंगासन आपके हृदय को मजबूत करता है। साथ ही रीढ़ को लचीला व मजबूत बनाता है और पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है।

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भुजंगासन रखें हृदय को स्वस्थ। चित्र: शटरस्टॉक

यह कैसे करना है:

  • सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
  • पैरों के बीच की दूरी को कम करें और पैरों को सीधा रखें।
  • अब अपनी हथेलियों को कंधे के सीध में लाएं।
  • अब सांस लेते हुए छाती से लेकर नाभि तक शरीर को ऊपर उठाएं।
  • कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें। फिर गहरी सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में नीचे आ जाएं।
  • इस तरह से आप एक चक्र पूरा कर लेंगे।

5. नौकासन

नौकासन या बोट पोज़ के रूप में जाना जाने वाला योग आसन, मुख्य शक्ति के निर्माण पर केंद्रित है। यह अभ्यासी से अपने शरीर को ऊपर रखने की मांग करता है ताकि यह अक्षर V जैसा हो।

यह कैसे करना है:

  • इस आसन को करने के लिए पीठ के बल पर लेटें।
  • दोनों पैरों को एकसाथ जोड़कर रखें एवं हाथों को शरीर के पास रखें।
  • लंबी गहरी सांस लें और सांस को छोड़ते हुए हाथ, पैर, छाती, सिर को उठाएं।
  • हाथ, पैर और घुटनों को बिल्कुल सीधा रखें। पैरों को उतना उठाएं जबतक पेट में खिंचाव महसूस न होने लगे।
  • शरीर के पूरे वजन को नितंब पर संतुलित करने की कोशिश करें।

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देसी फूड, देसी स्टाइल, प्रोग्रेसिव सोच, खूब घूमना और सफर में कुछ अच्छी किताबें पढ़ना, यही है निशा का स्वैग। ...और पढ़ें

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