सावधान ! देश भर में बच्चों में फैल रहा है खसरा का संक्रमण, जानिए क्यों अचानक बढ़ने लगी है ये बीमारी

महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में बच्चों में बढ़ते खसरा के मामले डराने वाले हैं। खसरा, जिसे अब तक खत्म हुई बीमारी माना जा रहा था, इस बदलते मौसम में क्यों फैलने लगा है! आइये जानते हैं विशेषज्ञ से।
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डब्लूएचओ के अनुसार, दुनिया भर के लगभग 1 लाख बच्चे पिछले साल खसरा से प्रभावित हुए। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 24 Nov 2022, 16:00 pm IST
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कोरोना, टोमेटो फीवर, मंकी पॉक्स, डेंगू, इन सभी महामारियों का कहर अभी थमा भी नहीं है। लेकिन एक और बीमारी का प्रकोप डराने लगा है, वह भी बच्चों को। इन दिनों मुंबई सहित बिहार, झारखंड, गुजरात, केरल में खसरा की चपेट में बच्चे आने लगे हैं। हालांकि बदलते मौसम में अक्सर बच्चों और वयस्क लोगों के सामान्य फ्लू से संक्रमित होने की आशंका बनी रहती है, लेकिन इस साल बच्चे खसरा से भी संक्रमित होने लगे। खसरा को समाप्त बीमारी माना जा रहा था। हालांकि खसरा का टीका मौजूद है। इसके बावजूद यह देश भर के बच्चों (Measles outbreak in India) को अपनी चपेट में ले रहा है। जानें क्या है यह मामला और किस तरह इसकी रोकथाम (how to treat measles in a child) की जा सकती है। खसरा के  देश भर में फैलने और बचाव के बारे में हमने बात की नॉएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के डिपार्टमेंट ऑफ़ पीडियाट्रिक्स में  एसोसिएट प्रोफेसर  डॉ. अमित मोदी से।

8 महीने की बच्ची की हो चुकी है खसरा से मौत

एक 8 महीने की बच्ची की मौत के साथ ही महाराष्ट्र में खसरा के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या 10 से अधिक हो गई है। महाराष्ट्र के कुछ जिलों के अलावा, बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल में भी खसरा का प्रकोप बढ़ रहा है। मामलों की बढ़ती प्रवृत्ति की जांच और प्रबंधन में मदद करने के उद्देश्य से केंद्र ने रांची, अहमदाबाद और मलप्पुरम टीम भेजी है। राज्यों से 9 महीने-5 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों को खसरा के टीके (measles vaccine) की एक अतिरिक्त खुराक देने की बात भी कही है।

कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुई खसरा वैक्सीन

कोरोना महामारी के कारण बच्चे भी बहुत अधिक प्रभावित हुए। वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाईजेशन के अनुसार कोरोना पेंडेमिक के कारण बच्चों को खसरा की वैक्सीन दिलाने में ढील देखी गई। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में दुनिया भर में लगभग 4 करोड़ बच्चे खसरे के टीके की खुराक नहीं ले सके। 2 करोड 50 लाख बच्चों ने अपनी पहली खुराक ही नहीं ली, जबकि 1 करोड़ 47 लाख बच्चों ने अपनी दूसरी खुराक मिस कर दी। परिणाम स्वरुप 22 देशों में खसरे का भयंकर प्रकोप हुआ। टीका मौजूद होने के बावजूद कोरोना के कारण टीका नहीं लेने से बच्चे मौत के मुंह में जा रहे हैं। डब्लूएचओ के अनुसार, दुनिया भर के लगभग 1 लाख बच्चे पिछले साल खसरा से प्रभावित हुए।

खसरा होने का कारण

डॉ. अमित बताते हैं, ‘खसरा वायरस से होने वाला संक्रमण है। एक बार संक्रमित होने पर वायरस शरीर में मौजूद कोशिकाओं पर आक्रमण करना शुरू कर देते हैं। ये सेलुलर घटकों पर निर्भर रहते हैं। वायरस का प्रभाव सबसे पहले श्वसन तंत्र पर पड़ता है।

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एक बार संक्रमित होने पर वायरस शरीर में मौजूद कोशिकाओं पर आक्रमण करना शुरू कर देते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

बाद में ब्लड फ्लो के जरिये शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है। खसरा बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकता है, लेकिन यह बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो जाता है।’

ये हैं खसरा के लक्षण

डॉ. अमित बताते हैं, ‘खसरा में शुरूआती कुछ लक्षण हैं, जो 3-4 दिन से दिखना शुरू हो जाते हैं।

सामान्य से तेज बुखार आना(बुखार 105 डिग्री तक हो सकता है) , लगातार नाक बहना, सूखी खांसी होना, गले में खुजली सा महसूस होना, गले में चोक होने जैसा आभास होना, आंखों में सूजन(conjunctivitis) आना, गाल की अंदरूनी परत पर धब्बे , शरीर पर बड़े लाल चकत्ते , ये सभी खसरा के लक्षण हैं ।

कैसे किया जा सकता है खसरा से बचाव

डॉ. अमित के अनुसार, खसरा से बचाव का एकमात्र उपाय है टीकाकरण। टीका 2 चरणों में दिया जाता है।

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बच्चों को खूब पानी पिलायें। डी हायड्रेशन नहीं होने दें। चित्र: शटरस्टॉक

खसरा के लिए कोई अलग चिकित्सा उपचार नहीं है। यदि आपके बच्चे को खसरा हो गया है, तो बच्चे को खूब फ्लूइड पिलायें। बच्चे को कभी डी हाइड्रेट नहीं होने दें।
बच्चे को आराम करने दें।
उसे अन्य बच्चों या बड़ों के संपर्क में नहीं आने दें। स्कूल या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जाने नहीं दें।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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