फीमेल हॉर्मोन और फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है इंटरमिटेंट फास्टिंग: स्टडी 

यदि आप वेट लॉस के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाती हैं, तो जान लें इसके कुछ साइड इफ़ेक्ट भी हैं। हालिया स्टडी बताती है कि फीमेल हॉर्मोन और फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है इंटरमिटेंट फास्टिंग।
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उपवास के दौरान खानपान और रुटीन में बदलाव कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। चित्र : शटर स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Oct 2023, 09:47 am IST
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इंटरमिटेंट फास्टिंग इन दिनों सिलेब्रिटीज के बीच खूब प्रसिद्ध है। इसके माध्यम से कई सेलेब्रिटीज ने अपना वजन कम किया है। अब आम लोग भी इसे अपनाने लगे हैं। कुछ रिसर्च बताते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ को भी फायदा पहुंचाता है। विशेषज्ञ इंटरमिटेंट फास्टिंग के कुछ साइड इफेक्ट्स भी बताते हैं। हालिया स्टडी बताती है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग फीमेल हॉर्मोन और फर्टिलिटी (intermittent fasting effect on fertility) को भी प्रभावित करती है। स्टडी के बारे में जानने से पहले आइये इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में जानते हैं।

क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग

इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए भोजन को इस तरह मैनेज किया जाता है कि फास्टिंग और डाइट लेने के बीच एक निश्चित अंतराल रखा जाता है। इसमें लंबे समय तक भूखे रहकर व्यक्ति को मील स्किप करना होता है। आप एक निश्चित समय में ही खाना खा पाती हैं। हर दिन लंबे समय के लिए फास्ट रखने से वेट लॉस होता है।

इस बारे में क्या कहती है रिसर्च

शिकागो के इलिनोइस विश्वविद्यालय में चूहे पर एक स्टडी की गयी। चूहों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई कि इंटरमिटेंट फास्टिंग हार्मोनल चक्र और प्रजनन क्षमता पर प्रभाव डालता है। परिणाम को देखते हुए बाद में मनुष्यों पर भी स्टडी की गयी। शोधकर्ताओं ने 50 महिलाओं को दो समूहों में रखा गया। उन महिलाओं को आठ सप्ताह के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के अनुसार भोजन दिया गया। इनमें पोस्ट मेनोपॉज और प्री मेनोपॉज वाली महिलाओं को शामिल किया गया।  निश्चित समय पर सेक्स हार्मोन के स्तर को मापने के लिए प्रतिभागियों के ब्लड के नमूने को लेकर जांच की गयी।

आठ-सप्ताह बाद दोनों समूहों ने लगभग समान मात्रा में वजन कम किया। लेकिन उनमें सेक्स हार्मोन के स्तर में कुछ हद तक कमी देखी  गई। अध्ययन में महिलाओं के दोनों समूहों में इंटरमिटेंट फास्टिंग की योजना के अनुसार भोजन लेने पर पर आठ हफ्तों में डीएचईए स्तरों में सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण कमी देखी गई।

सेक्स हार्मोन बनाने में दिक्कत की संभावना 

अध्ययन के दौरान महत्वपूर्ण रूप से बदलने वाला एकमात्र हार्मोन डीहाइड्रोएपियनड्रोस्टेरोन(DHEA) पाया गया। यह शरीर में सेक्स हार्मोन बनाने में मदद करता है। ये हॉर्मोन ही बाद में फर्टिलिटी को भी प्रभावित करते हैं। वजन घटने के साथ ही डीएचईए के स्तर को प्रभावित होते हुए देखा गया।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण वजन घटने के साथ ही डीएचईए के स्तर को प्रभावित होते हुए देखा गया। चित्र:शटरस्टॉक

हालांकि  गिरावट के बावजूद प्रतिभागियों का डीएचईए स्तर सामान्य सीमा के भीतर रहा। इसके कारण परीक्षणों में कोई चिंताजनक दुष्प्रभाव नहीं दिखा। जान लें कि डीएचईए का हाई लेवल स्तर स्तन कैंसर के बढ़ते जोखिम से भी जुड़ा हुआ है। डीएचईए का हाई लेवल अनियमित मेंसट्रूअल पीरियड, अत्यधिक मुंहासे और हेयर डेवेलपमेंट में बदलाव से भी संबंधित हो सकते हैं।

प्रजनन स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है इंटरमिटेंट फास्टिंग

इस स्टडी से पहले भी जून माह में नुट्रीशनिष्ट जर्नल में एक शोध आलेख प्रकाशित हुआ था। यह पबमेड सेंट्रल में भी शामिल किया गया था। इसमें इंटरमिटेंट फास्टिंग का महिलाओं और पुरुषों में प्रजनन हार्मोन के स्तर पर प्रभाव के लिए मानव परीक्षणों की समीक्षा प्रस्तुत की गई थी। इसमें लेखिका सोफिया सिएनफ्यूगोस, सारा कोरापी ने वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग को महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना।

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वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग को महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। चित्र: शटरस्टॉक

उनके अनुसार, स्टडी के परिणाम बताते हैं कि मोटापे के साथ प्रीमेनोपॉज़ल महिलाओं में सेक्स हार्मोन-बाइंडिंग ग्लोब्युलिन (SHBG) के स्तर को इंटरमिटेंट फास्टिंग बढ़ा देता है। यह एण्ड्रोजन मार्कर- टेस्टोस्टेरोन और फ्री एण्ड्रोजन इंडेक्स को कम कर देता है।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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