कार्डियक अरेस्ट से हुआ टेलीविजन स्टार नितिश पांडे का निधन, यात्राओं में थकान भी बढ़ा सकती है हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम

51 वर्षीय नीतेश पांडे एक शूट के सिलसिले में इगतपुरी गए हुए थे, जहां उन्हें अपने होटल के कमरे में मृत पाया गया। विशेषज्ञ कार्डियक अरेस्ट के जोखिम कारकों में यात्राओं में होने वाली थकान को भी शुमार करते हैं।
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जानिए यात्रा के दौरान क्या हो सकते हैं कार्डियक अरेस्ट के लक्षण और बचाव के उपाय। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 23 Oct 2023, 09:26 am IST
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पिछली रात करीब 2 बजे स्टार प्लस के लोकप्रिय शो अनुपमा में धीरज की भूमिका निभा रहे टेलीविजन स्टार नितेश पांडे (Nitish Pandey passes away) के निधन की खबर सामने आई। उनकी उम्र केवल 51 वर्ष थी। अब तक सामने आई जानकारी के आधार पर माना जा रहा है कि उन्हें सोते समय कार्डियक अरेस्ट हुआ। विशेषज्ञ मानते हैं कि हृदय संबंधी बीमारियों (Health issues) के लिए उम्र और मोटापा ही नहीं, बल्कि यात्राओं के दाैरान होने वाली थकान भी एक जोखिम कारक है। इसलिए यह जरूरी है कि आप इसके संकेतों (Symptoms of cardiac arrest during travel) को गहनता से समझें।

बॉलीवुड से लेकर टेलीविजन की दुनिया तक, पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के कारण हमने कई दिग्गज खोए हैं। आज एक और बेहतरीन एक्टर ने कार्डियक अरेस्ट के चलते हमें अलविदा कह दिया।

कौन हैं नितेश पांडे

नितेश लगभग पिछले 25 वर्षों से मनोरंजन उद्योग का हिस्सा बने हुए थे। जहां उन्होंने बड़े पैमाने पर टीवी, थिएटर और सिनेमा में काम किया। 90 के दशक की शुरुआत में उन्होंने थिएटर के साथ अपना करियर शुरू किया था और टेलीविजन पर कई शो किए। वह तेजस, मंजिल अपनी अपनी, साया, अस्तित्व एक प्रेम कहानी, दुर्गेश नंदिनी जैसे शो में दिखाई दिए। उनकी प्रमुख फिल्मों में बधाई दो, ओम शांति ओम और खोसला का घोंसला शामिल हैं। अनुपमा और प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा उनके आखिरी टीवी शो रहे।

समाचार एजेंसी से आई रिपोर्ट के मुताबिक, नीतेश इन दिनों शूट के सिलसिले में यात्रा पर थे और इगतपुरी (नाशिक) के एक होटल में मृत पाए गए। पुलिस की टीम होटल में मौजूद है और इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है।

हालांकि यात्राएं जीवन में नया राेमांच लेकर आती हैं। पर कुछ शोधों में यह भी सामने आया है कि कार्डियक अरेस्ट के कुल मामलों में 7 फीसदी यात्रा के दौरान होते हैं। हालांकि शोध में इन्हें मृत्य के कम जोखिम के साथ भी संदर्भित किया गया है।

महिलाओं में इसका जोखिम ज्‍यादा होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
महिलाओं में इसका जोखिम ज्‍यादा होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

जानिए इस बारे में क्या कहता है शोध

स्पेन के मलागा में प्रस्तुत किए गए एक शोध (Acute Cardiovascular Care 2019) में यह सामने आया है कि हृदय संबंधी बीमारियों के लिए सिर्फ मोटापा या उम्र ही एक जोखिम कारक नहीं है। यात्राओं के दौरान होने वाली अनियंत्रित थकान भी इनका जोखिम बढ़ा सकती है।

इसके लक्षणों और गंभीरता के बारे में जापान के जुंटेंडो विश्वविद्यालय में सह-लेखक रयोटा निशियो बताते हैं। वे कहते हैं, “लंबी यात्रा से थकान, मोशन सिकनेस, डिहाइड्रेशन, पैरों में ऐंठन, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और वेन्स के द्वारा रक्त का अनियंत्रिव खिंचाव भी हृदय संबंधी समस्या को ट्रिगर कर सकता है। ये सभी स्थितियां मिलकर दिल से जुड़ी समस्या को बढ़ावा दे सकती हैं।

जेपी अस्पताल नोएडा के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग में वरिष्ठ सलाहकार डॉ आशीष गोविल उन लक्षणों के बारे में बताते हैं, जाे दिल की नाजुक स्थिति से पहले किसी को भी अनुभव हो सकते हैं।

वे कहते हैं, “आप छोटी यात्रा पर हों या लंबी, यदि इस दौरान आपको छाती, गले, गर्दन, पीठ, पेट या कंधों में दर्द होता है तो आपको इनके प्रति सतर्क रहना चाहिए। इनमें से दो या दो से अधिक समस्याएं आपको 15 मिनट से अधिक समय तक रहें, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

शोध यह भी बताते हैं कि यात्रा के दौरान अगर आप संकेतों पर गौर करें और तत्काल मदद मांगे तो घर में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की तुलना में इससे बचने की संभावना अधिक रहती है। यात्रा के दौरान सही मदद के साथ 42 प्रतिशत मौतों को रोका जा सकता है।

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अगर आप यात्रा कर रहीं हैं, तो अपनी और सहयात्रियों की मदद के लिए आपको इन हृदय संबंधी समस्या के इन संकेतों को पहचानना चाहिए।

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कार्डियक अरेस्ट से पहले महसूस हो सकते हैं ये लक्षण

1. घबराहट महसूस होना

छाती में अचानक से दर्द का अनुभव होना, घबराहट और बेचैनी महसूस होना हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों का संकेत हो सकता है। साथ ही छाती में भारीपन, जकड़न और दबाव का अनुभव होना भी खतरे का संकेत है। वहीं इस दौरान आपकी सांस फूलने लगती है जिसकी वजह से हैवीनेस भी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में बिना देर किए फौरन डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि थोड़ी सी भी देरी जानलेवा हो सकती है।

2. सांस लेने में तकलीफ होना

अचानक से सांस की कमी महसूस होना या लंबी-लंबी सांसे आना, धड़कनों का तेज होना, लंग्स में भारीपन महसूस होना यह सभी कार्डियक अरेस्ट के आगामी संकेत हो सकते हैं। आमतौर पर ब्रीदिंग प्रोब्लम कई अन्य कारणों की वजह से भी होती हैं जैसे एनीमिया, डिप्रेशन, एलर्जी, पैनिक और एंग्जाइटी अटैक। यदि सांस की समस्या ठंडे पसीने और चेस्ट पेन के साथ शुरू होती है तो इसे हार्ट अटैक का संकेत माना जाता है। जबकि कार्डियक अरेस्ट से पहले भी ज्यादातर लोगों को सांस संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

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महिलाओं में रात के समय होता है ज्‍यादा कार्डियक अरेस्‍ट। चित्र: शटरस्‍टॉक

3. बेहोश हो जाना

कार्डियक अरेस्ट में जब हार्टबीट रुक जाती है तो व्यक्ति आमतौर पर बेहोश हो जाता है। कुछ लोगों में बेहोश होने से पहले हार्टबीट काफी तेज हो जाती है, वहीं कुछ लोग उल्टी, घबराहट और बेचैनी का अनुभव करते हैं।

4 ब्लड प्रेशर का अचानक घटना

कार्डियक अरेस्ट के दौरान हार्ट काफी कमजोर हो जाता है और ब्लड प्रेशर को मेंटेन नहीं कर पाता। इसके साथ ही मांसपेशियां डैमेज हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर में गिरावट देखने को मिलती है। ऐसे व्यक्तियों की पल्स रेट बहुत धीमी हो जाती है। जिसे कलाई पर छूकर भी महसूस किया जा सकता है।

याद रखें

उपरोक्त लक्षण दिखने पर जरा भी देर न करें। तत्काल मदद देकर किसी के भी जीवन को बचाया जा सकता है।

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लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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