दिल्ली में भी सामने आ रहे हैं टोमैटो फीवर के मामले, पेरेंट्स बरतें ये सावधानियां

टोमॅटो फ्लू एक दुर्लभ वायरल बीमारी है जिसमें त्वचा पर लाला रंग के चकक्ते पड़ जाते हैं। यह हाथ, पैर और मुंह में होते हैं और छूने से एक से दूसरे में फैल सकते हैं।
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भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है टोमैटो फीवर। चित्र: शटरस्टॉक

भारत में तेज़ी से बढ़ रहा है टोमैटो फीवर का खतरा। मेडिकल जर्नल द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भारत में “टोमैटो फीवर” (Tomato Fever) के बढ़ते मामलों पर प्रकाश डाला गया है। टोमैटो फीवर के रूप में जाना जाने वाला “टोमैटो फ्लू” (Tomato Flu) बच्चों को तेज़ी से अपना शिकार बना रहा है। आज भारत में 100 से अधिक बच्चे तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, दर्दनाक छाले और चकत्तों से पीड़ित हैं।

26 जुलाई तक, इसमें केरल राज्य में पांच साल से कम उम्र के कम से कम 82 बच्चे और ओडिशा राज्य में नौ साल और उससे कम उम्र के 26 बच्चे शामिल हैं। टोमैटो फीवर का पहला मामला केरल के कोल्लम जिले में 6 मई 2022 को सामने आया। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तीन राज्यों: केरल, तमिलनाडु और ओडिशा में मामले सामने आए हैं।

दिल्ली में आए टोमैटो फीवर के मामले

बीते दिनों दिल्ली में भी टोमैटो फीवर के कई मामले सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि ईस्ट दिल्ली के कुछ प्राइवेट स्कूल में भी कुछ बच्चे संक्रमित पाए गए हैं। इसी वजह से प्रीत विहार के मदर्स ग्लोबल स्कूल ने सुरक्षा की दृष्टि से उस क्लास का सेक्शन बंद कर दिया, जिसके ये स्टूडेंट्स हैं। अब उन बच्चों की तबियत ठीक है।

इन तरीकों से बचाएं अपने बच्चे को। चित्र: शटरस्टॉक

प्रीत विहार के मदर्स ग्लोबल स्कूल में भी ऐसे दो केस सामने आए हैं। जिसकी वजह से बच्चों की क्लासेज ऑनलाइन मोड से हो रही हैं। साथ ही, ये स्कूल सैनेटाइजेशन पर पूरा ध्यान दे रहे हैं है। मगर, इस बीमारी को लेकर डर की वजह से कुछ पैरंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं।

ऐसे में यह जानना बहुत ज़रूरी है कि टोमैटो फीवर से हम अपने बच्चों को इससे कैसे बचा सकते हैं

कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस बीमारी से बचने के लिए सही हाइजीन का पालन करना बहुत ज़रूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक बच्चे से दूसरे में तेज़ी से फैलती है।

बच्चों की साफ – सफाई और आस पास के हाइजीन का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है।

सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के अनुसार बच्चों को अंगूठा चूसने से रोकें।

साथ ही, उन्हें दूसरे बच्चों को गले लगाने से भी मना करें।

यदि आपका बच्चा बीमार पड़ जाता है तो उसे कुछ दिन के लिए आइसोलेट करें।

यदि आपके बच्चे को फ्लू हो जाता है तो इससे कैसे निपटें?

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बच्चे में फ्लू के लक्षण दिखें तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। अपने बच्चे को छालों को खरोंचने से मना करें। साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए रखना ज़रूरी है। सही हाइड्रेशन के साथ अपने बच्चे को आराम करने को कहें।

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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