मंकीपॉक्स आउटब्रेक : इस वायरस के बारे में जानें ये 10 महत्वपूर्ण बातें

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स में विश्व स्तर पर फैलने की क्षमता है और भारत में पहले ही इससे एक मौत हो चुकी है। मंकीपॉक्स बीमारी के बारे में ऐसी 10 बातें, जिन्हें आपको जरूर जाननी चाहिए।
Monkeypox cases tezi se badh rahe hain
मंकीपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं। चित्र शटरस्टॉक।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 4 Aug 2022, 13:00 pm IST
  • 123

भारत में अभी भी हर दिन कोरोनो वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रव्यापी कोविड -19 टीकाकरण के रूप में देश को पहले ही कोविड-19 वैक्सीन की 204.84 करोड़ खुराक मिल चुकी है। जब हम कोविड आउटब्रेक से बचने के लिए पूरी सावधानी बरत रहे हैं, तो मंकीपॉक्स वायरस चिंता का एक नया कारण बनकर उभर रहा है।

मंकीपॉक्स के अब तक केरल में 5 और दिल्ली में 3 मामले सामने आ चुके हैं। इस तरह पूरे देश में 8 मामले पाये गए हैं। 30 जुलाई को भारत ने देश में मंकीपॉक्स से पहली मौत की पुष्टि की थी। इससे लोगों की चिंता बढ़ गई है।

मंकीपॉक्स वायरस और इससे फैलने वाली बीमारी के बारे में कई सवाल होते हैं, जो सभी के मन में उठते हैं।

इन प्रश्नों के जवाब पाने के लिए हेल्थ शॉट्स ने वॉकहार्ट अस्पताल, मुंबई के कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ. अनिकेत मुले से बात की।

  1. मंकीपॉक्स क्या है?

स्मॉल पॉक्स, मंकीपॉक्स से संबंधित एक वायरस आमतौर पर पश्चिम और मध्य अफ्रीका में देखा गया। यह 1958 में खोजा गया था, जब अध्ययन के उद्देश्य से लैब में लाए गए बंदरों में पॉक्स जैसी बीमारी के दो आउटब्रेक देखे गए। इसलिए इस वायरस का नाम भी मंकी से ही लिया गया। मंकीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिड (Poxviridae) फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस (Orthopoxvirus) जीन्स से संबंधित है। यह घातक नहीं है।

  1. मंकीपॉक्स कैसे फैलता है?

यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, दूषित बिस्तर को छूने या किसी संक्रमित जानवर द्वारा काट लिए जाने पर भी फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों को छूने से भी स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो जाता है।

  1. मंकीपॉक्स के कौन से लक्षण पर लोगों को ध्यान देना चाहिए?

मंकीपॉक्स के कारण जो लक्षण दिखते हैं, वे हैं चेहरे या शरीर के दूसरे भागों पर दाने, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, ठंड लगना, थकान और लिम्फ नोड्स में सूजन आना शामिल हैं। यदि आपमें इस तरह का कोई भी लक्षण दिखता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  1. कौन सा एज ग्रुप मंकीपॉक्स के लिए अतिसंवेदनशील है? यह पुरुषों या महिलाओं में अधिक होता है?

यह छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी एज ग्रुप के लोगों को प्रभावित करता है। किसी खास उम्र के लोगों या लिंग को विशेष रूप से यह बीमारी नहीं होती है।यदि किसी को मंकीपॉक्स होता है, तो उसे अपनी सुरक्षा के लिए अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। उन लोगों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है, जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट होने वाला है या जिन्हें कैंसर जैसी बीमारी है।

याद रखें कि कुछ लोगों को मंकीपॉक्स होने का खतरा अधिक होता है। इनमें नवजात शिशु, छोटे बच्चे और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग शामिल हैं।

  1. मंकीपॉक्स के कारण शरीर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

यह आमतौर पर हल्के रूप में होता है। लेकिन कभी-कभी शरीर पर यह बहुत अधिक बुरा प्रभाव डालता है। यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
monkeypox
मंकीपॉक्स के लिए किसी तरह की दवा उपलब्ध नहीं है। इसलिए बचाव जरूरी है। चित्र- शटरस्टॉक

मंकीपॉक्स से बचाव के लिए हमेशा एक्टिव रहना चाहिए और उससे बचने के लिए सभी जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए।

  1. मंकीपॉक्स को कैसे रोका जा सकता है?

संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के संपर्क में न आएं। व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की कोशिश करें। अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं। मास्क पहनें या बार-बार छुई जाने वाली सतहों को कीटाणुरहित करती रहें। अगर आपको लगता है कि आप मंकीपॉक्स से संक्रमित हैं, तो दूसरे लोगों से दूरी बनाकर रखें। डॉक्टरी सलाह लेती रहें।

  1. मंकीपॉक्स चिंता का विषय क्यों होना चाहिए?

यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस जानलेवा भी हो सकता है, इसलिए यह चिंता का विषय है। वास्तव में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स से पीड़ित दस रोगियों में से एक की मृत्यु हो जाती है, विशेषकर युवा रोगियों की। हल्के मामले कुछ ही हफ्तों में पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं। यह वायरस आम तौर पर म्यूकोसल मेंब्रेन, रेसपिरेटरी ट्रैक्ट या स्किन पर हुए घाव (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर तक पहुंच सकता है। डॉक्टर की सभी सलाहों का पालन करने का प्रयास करें। डॉक्टर के किसी भी संकेत को कभी भी नजरअंदाज न करें।

  1. मंकीपॉक्स का इलाज कैसे किया जा सकता है?

मंकीपॉक्स का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, स्मॉलपॉक्स वैक्सीनेसन से इस वायरस के होने के जोखिम को कम किया जा सकता है।

  1. मंकी फीवर क्या है?

मंकी फीवर (जिसे क्यासानूर फॉरेस्ट इलनेस के रूप में भी जाना जाता है) का कारण बनने वाला वायरस फ्लैविविरिडे परिवार का सदस्य है और यह टिक, पक्षियों और अन्य जानवरों द्वारा फैलता है। यह वेक्टर द्वारा फैलने वाली बीमारी है। आम तौर पर इंसान और बंदर दोनों ही इससे प्रभावित होते हैं। इसका पहला उदाहरण मार्च 1957 में कर्नाटक के क्यासानूर जंगल में था, जहां कई बंदर मारे गए और बाद में लोग भी बीमार पड़ गए।

  1. मंकीपॉक्स मंकी फीवर से कैसे अलग है?

मंकीपॉक्स, एक वायरल जूनोटिक बीमारी (जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस) है। इसके लक्षण स्मॉल पॉक्स के लक्षणों के समान हैं। मंकीपॉक्स मंकी फीवर की तुलना में कम गंभीर है। जिन बंदरों को शोध के लिए रखा गया था, उनके समूह में मंकीपॉक्स का पता चला था।

monkeypox ke mamalo me teji se ho rahi hai badhottari
मंकीपॉक्स और मंकीफीवर दोनों अलग-अलग हैं। चित्र : शटरस्टॉक

क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज (केएफडी) या मंकी फीवर के रूप में जानी जाने वाली बीमारी टिक्स से फैलती है, जो चूहे, छछूंदर, बंदरों आदि पर पाए जाते हैं। टिक के काटने पर संक्रमण आदमी में भी फैल जाता है।

यह भी पढ़ें:- क्या आयुर्वेद से किया जा सकता है ब्रेस्ट कैंसर का इलाज? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

  • 123
लेखक के बारे में

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

हेल्थशॉट्स वेलनेस न्यूजलेटर

अपने इनबॉक्स में स्वास्थ्य की दैनिक खुराक प्राप्त करें!

सब्स्क्राइब करे
अगला लेख