World Glaucoma Day 2022 : इससे पहले कि धुंधली होने लगे दृष्टि, आपको जानना चाहिए इस बीमारी के बारे में सब कुछ

ग्लूकोमा अगर अंतिम चरण में पहुंच जाए तो पीड़ित व्यक्ति अपनी आंखों की रोशनी पूरी तरह गवा सकता है। इसलिए हर साल आंखों की जांच करवाते रहना जरूरी है।
Glaucoma Day kya hai
जानिए क्या है ग्लूकोमा। चित्र : शटरस्टॉक
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आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। दुनिया को देखने और परखने के लिए हमारी आंखें हमारा साथ देती हैं, लेकिन कई बार कुछ कारणों के चलते हमारी आंखों की रोशनी दिन-ब-दिन कम होने लगती है और कम दिखाई देने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम होना एक आम समस्या है। मगर ऐसे कई रोग हैं, जो हमारी आंखों पर सीधा असर डालते हैं। इन्हीं में से एक है ग्लूकोमा या काला मोतियाबिंद।

आज के वक्त में यह एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है। जिसका वक्त पर इलाज न होना आपको नेत्र होने के बाद भी नेत्रहीन बना सकता है। ऐसे में हर साल लोगों को ग्लूकोमा के बारे में जागरूक करने के लिए ग्लूकोमा दिवस मनाया जाता है। ताकि लोगों को इसके के बारे में जागरूक किया जा सके। इस साल Glaucoma Day 12 मार्च तक मनाया जा रहा है। ग्लूकोमा के इलाज और बचाव को जानने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि ग्लूकोमा क्या है।

जानिए क्या है ग्लूकोमा ? (What is Glaucoma)

ग्लूकोमा एक ऐसा आंखों का रोग है, जो हमारी ऑप्टिक नर्व को नुकसान के कारण होता है। दरअसल ऑप्टिक नर्व का काम आंखों से आपके मस्तिष्क को दृश्य जानकारी प्रदान करना होता है। आमतौर पर ग्लूकोमा आंख के अंदर असामान्य रूप से उच्च दबाव का परिणाम होता है। समय के साथ यह रोग धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और तंत्रिका को पूरी तरह से नष्ट कर देता है जिससे दृष्टि हानि या अंधापन भी हो सकता है। लेकिन अगर इसको जल्दी पहचान लिया जाए, तो वक्त रहते इसका इलाज संभव है।

kya hai glaucoma
क्या है ग्लूकोमा, जानिए इसके बारे में सबकुछ. चित्र : शटरस्टॉक

विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार ग्लूकोमा कई प्रकार के होते हैं। हालांकि इन सभी में दो सबसे आम प्रकार हैं। पीओएजी और एसीजी। विश्व स्वास्थ संगठन के डाटा के अनुसार ग्लूकोमा के कारण करीब 4.5 मिलियन लोग अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं। भारत में, ग्लूकोमा अपरिवर्तनीय अंधेपन का प्रमुख कारण है। जिससे लगभग 12 मिलियन लोग प्रभावित हैं।

वर्ल्ड ग्लूकोमा डे (World Glaucoma Day 2022)

वर्ल्ड ग्लूकोमा डे, ग्लूकोमा पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल विश्व ग्लूकोमा एसोसिएशन द्वारा मनाया जाता है। इस दौरान दुनिया भर में कई गतिविधियों के माध्यम से रोगियों, नेत्र देखभाल प्रदाताओं, स्वास्थ्य अधिकारियों और आम जनता को दृष्टि संरक्षण में योगदान करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। 

इसका लक्ष्य ग्लूकोमा की समस्या का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए सभी को नियमित रूप से आंखों की जांच कराने के लिए सचेत करना है। इस साल यानी 2022 में यह 12 मार्च को मनाया जा रहा है। 

इन लक्षणों से पहचानें ग्लूकोमा की दस्तक 

ग्लूकोमा का सबसे आम प्रकार प्राइमरी ओपन एंगल ग्लूकोमा है। धीरे-धीरे दृष्टि हानि होने के अलावा इसका कोई भी लक्षण नहीं होता। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि हर साल एक नेत्र परीक्षण से आप अपनी आंखों की स्थिति का पता लगाएं। या किसी नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लें जो आपकी आंखों में हो रहे परिवर्तन की निगरानी कर सके।

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जानिए क्या हैं ग्लूकोमा के लक्षण। चित्र : शटरस्टॉक

हालांकि एक्यूट एंगल क्लोजर ग्लूकोमा में कई लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इसको नैरो एंगल ग्लूकोमा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, ऐसे में इसको हल्के में लेना आपको भारी पड़ सकता है। यदि आपको नीचे दिए गए कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है।

1.आंखों में तेज दर्द

2.आपकी आंख में लाली

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3.अचानक दृष्टि गड़बड़ी

 4.रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले देखना

 5.जी मिचलाना

 6.उल्टी

7.अचानक धुंधली दृष्टि

जानिए कितने प्रकार के होते है ग्लुकोमा

1.ओपन-एंगल (क्रोनिक) ग्लूकोमा

नेशनल आई इंस्टीट्यूट के अनुसार यह एक सबसे आम प्रकार का ग्लूकोमा है जिससे ज्यादातर लोग प्रभावित होते हैं। यह समस्या का विषय इसलिए भी है क्योंकि इसमें आंखों की रोशनी धीमे-धीमे कम होने के अलावा कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिलता। ऐसे में आंखों की रोशनी कम होने के पीछे के कारण का पता लगाना मुश्किल हो जाता है हालांकि चिकित्सा परामर्श लेने के बाद इस चीज का पता लगाया जा सकता है।

2.एक्यूट एंगल क्लोजर ग्लूकोमा

यह एक इमरजेंसी सिचुएशन है। जिसमें aqueous humor fluid अचानक रुक जाता है। जिसके बाद आंखों में तेज दर्द की समस्या होती है। इसमें आंखों के सामने धुंधलापन सबसे आम लक्षण हैं ऐसे में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर फौरन डॉक्टर के पास जाना सबसे बेहतर विकल्प है। यदि वक्त पर इसका पता लग जाए तो इसका इलाज सर्जरी के माध्यम से संभव होता है।

3.नॉर्मल टेंशन ग्लुकोमा 

कुछ मामलों में बिना दबाव के ऑप्टिक तंत्रिका पर नुकसान पहुंच जाता है। इस प्रकार के पीछे का कारण क्या है यह अभी तक पता नहीं चल पाया है हालांकि अत्याधिक संवेदनशीलता या आपके ऑप्टिक तंत्रिका में रक्त के प्रभाव में कमी इस प्रकार के ग्लूकोमा का कारण बन के सामने आ सकता है।

  1. सेकेंडरी ग्लूकोमा

ग्लूकोमा का यह प्रकार अक्सर आंखों की स्थिति यह किसी अन्य चोट के कारण हो सकता है। मोतियाबिंद आंखों में ट्यूमर का दुष्प्रभाव भी ग्लूकोमा के इस प्रकार का कारण बन सकता है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसी दवाएं भी इस प्रकार के ग्लूकोमा का कारण बन सकती हैं।  

5.जन्मजात ग्लूकोमा

जैसे कि इसके नाम से पता चलता है कि यह जन्म के साथ ही खो जाता है। यह शिशु की आंखों में दोष के कारण होता है। जो सामान्य द्रव निकासी को धीमा कर देता है। आमतौर पर इसके लक्षण देखने को मिलते हैं। जिसमें आंखों से पानी आना, ज्यादा रोशनी ना बर्दाश्त कर पाना सबसे आम लक्षण है।

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इस समस्या से आँखें हो जाती है कमजोर। चित्र: शटरस्टॉक

क्या संभव है ग्लूकोमा से बचाव?

इससे बचना संभव नहीं है, हालांकि वक्त रहते अगर इस समस्या का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। यह आपकी आंखों को खराब होने से बचा सकता है। ऐसी कई चिकित्सा मौजूद हैं जिसके माध्यम से इसका इलाज किया जाता है। इसमें नॉर्मल मेडिकेशन से लेकर सर्जरी तक शामिल है।

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