कफ सिरप पीने से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत, जानिए क्या है यह पूरा मामला 

सर्दी-खांसी होने पर अपने बच्चों को कफ सिरप दे रही हैं, तो उसमें मौजूद इन्ग्रीडिएंट को लेकर सतर्क होने की जरूरत है। हाल में अफ्रीकी देश गाम्बिया में कफ सिरप पीने से  60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है।
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अफ्रीकी देश गाम्बिया में कफ सिरप पीने से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत ने सभी के होश उड़ा दिए हैं। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 6 Oct 2022, 17:52 pm IST
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मौसम बदलने के साथ ही सर्दी-खांसी के मामले बढ़ जाते हैं। इनमें भी सबसे बड़ी संख्या बच्चों की होती है। ऐसी स्थिति में ज्यादातर डॉक्टर कफ सिरप लेने की सलाह देते हैं। जबकि कई बार हम खुद भी बच्चों के लिए कफ सिरप खरीद लेते हैं और उन्हें देने लगते हैं। पर अफ्रीकी देश गाम्बिया में कफ सिरप पीने से हुई 60 से ज्यादा बच्चों की मौत (can cough syrup cause death) ने सभी के होश उड़ा दिए हैं। चिंता की बात यह है कि इस कफ सिरप की निर्माता कंपनी भारतीय है। जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कड़ी चेतावनी जाहिर की है। 

यदि आपके बच्चे को भी कफ और कोल्ड की समस्या है, तो आपको बेहद सावधान होने की जरूरत है। आपको कफ सिरप खरीदने से पहले सिरप का इन्ग्रीडीएंट चेक करना होगा। हाल की दुर्घटना और विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी कुछ ऐसा ही कहती है।

क्या है पूरा मामला और विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी    

पश्चिम अफ्रीकी देश गाम्बिया में भारत की एक दवा कंपनी का कफ सिरप पीने से 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization)  ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया है कि कोल्ड और कफ का दूषित (Infected) सिरप पीने के बाद बच्चों की किडनी गंभीर रूप से प्रभावित हो गई और उनकी मौत हो गई।

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खांसी होने पर जांच परख कर लें बच्चों के कफ सिरप। चित्र : शटरस्टॉक

डब्ल्यूएचओ (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने बताया कि कई  सिरपों पर परीक्षण के बाद यह निष्कर्ष निकाला जा सका है। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट जारी कर उत्पादों को बाज़ार से हटाने का भी संदेश दे दिया।  

टेड्रोस ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी भारतीय नियामकों और नई दिल्ली स्थित सिरप बनाने वाली कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स(Maiden Pharmaceuticals) लिमिटेड के साथ जांच कर रही है।

कौन-कौन से प्रोडक्ट पर अलर्ट हुआ है जारी

अलर्ट में चार उत्पाद शामिल हैं- प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफ़ेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मैकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप। ये सभी कफ सिरप मेडेन फार्मास्युटिकल्स कम्पनी के ही हैं। जब लैब में कफ सिरप को जांचा गया, तो पाया गया कि सिरप में डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा उपलब्ध है। यह टॉक्सिक हो सकती है, जो किडनी में चोट का कारण बनी। इस कंपनी में तैयार दवाओं की सप्लाई भारत में नहीं, बल्कि विदेशों में भी होती है।  

 क्या है डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल (What is Diethylene Glycol and Ethylene Glycol)  

यह एक कार्बनिक कंपाउंड है। यह रंगहीन, गंधहीन और मीठे स्वाद वाला लिक्विड होता है। यह पानी, अल्कोहल, ईथर, एसीटोन, और एथिलीन ग्लाइकॉल में मिक्स हो जाता है। यह एथिलीन ग्लाइकॉल का चार कार्बन डिमर (एक संरचना जिसमें दो समान या समान इकाइयां होती हैं) है।

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कफ सिरप लेने से पहले इंग्रिडीएंट चेक करें । चित्र: शटरस्टॉक

यह व्यापक रूप से साल्वेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह कन्जूमर प्रोडक्ट के साथ मिलकर कन्टेमिनेट हो सकता है। इसकी विषाक्तता के कारण 20वीं शताब्दी की शुरुआत में भी कई महामारियां हुई थीं। संभावना है कि यही इस कफ सिरप के साथ भी हुआ होगा।

सिरप लेने से पहले जांचे इंग्रीडिएंट

कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी कफ सिरप नहीं लें। डॉक्टर द्वारा सुझाए गए कफ सिरप के इंग्रिडीएंट को जरूर चेक करें, साथ में एक्सपायरी भी। कभी-कभी दवा उपलब्ध न होने पर विक्रेता द्वारा उसका विकल्प लेने की सलाह दी जाती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से परामर्श के बाद ही उस विकल्प की तरफ बढ़ें।

कफ सिरप लेने के बाद साइड इफ़ेक्ट जैसे कि उल्टी आना पेट खराब होना सामान्य हो सकते हैं, लेकिन यदि सिरप लेने के बाद बहुत अधिक समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।   

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