कोविड-19 से कम संक्रमित हुए अस्थमा या एलर्जी के शिकार लोग, जानिए क्या है इस शोध का अर्थ

कोविड-19 पर लगातार हो रहे अध्ययनों में यह शोध कुछ अलग तरह के परिणाम दिखा रहा है। जिसमें एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने का जोखिम कम देखा जा रह है।
Asthma ke mareej ko nahi hoga covid ka jyada khatra -covid
मौसमी एलर्जी और टाइप 2 अस्थमा वाले लोगों में COVID-19 विकसित होने का जोखिम कम हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक
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देश में जब कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर सामने आई थी तो सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों पर खबरें आ रही थी कि अस्थमा व डायबिटीज जैसे रोगों से जूझ रहे मरीजों को संक्रमण का खतरा ज्यादा है। हालांकि हाल ही में हुई एक रिसर्च में चौंका देने वाली बात सामने आई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि मौसमी एलर्जी और टाइप 2 अस्थमा वाले लोगों में COVID-19 विकसित होने का जोखिम कम हो सकता है।

क्या है यह अध्ययन  

रेस्पिरेट्री जर्नल थोरैक्स मैं प्रकाशित अध्ययन के अनुसार “जिन लोगों में अस्थमा या मौसमी एलर्जी है उन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण से बीमार होने की संभावना लगभग 38% तक कम है। यूएस में कई वयस्कों पर की गई स्टडी में कहा गया कि राइनाइटिस और एटोपिक एक्जिमा जैसी एलर्जी की स्थिति वाले लोगों में COVID-19 संक्रमण का जोखिम कम हो सकता है। मई 2020 से लेकर फरवरी 2021 तक हुए इस अध्ययन में 15227 लोगों को शामिल किया गया था।

astma covid and allergy
जिन लोगों में अस्थमा या मौसमी एलर्जी है उन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण से बीमार होने की संभावना लगभग 38% तक कम है। चित्र ; शटरस्टॉक

कैसे किया गया यह अध्ययन  

शोधकर्ताओं द्वारा सर्वेक्षण में 15227 लोगों को शामिल किया गया, जिसमें 70% महिलाएं शामिल थी। इसमें उनकी उम्र, वजन, लंबाई, कामकाज, जीवन शैली की आदतों, लंबे समय से चली आ रही चिकित्सा स्थितियों के बारे में जानकारी हासिल की गई। उन्होंने दवाएं कौन सी ली, उनके टीकाकरण की स्थिति, उनका आहार इस बात पर भी ध्यान दिया गया। 

शोधकर्ताओं द्वारा जो अनुमान लगाया गया था, उसके अनुसार ऊंचा बीएमआई भी संक्रमण की उच्च बाधाओं से जुड़ा था। लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि एक्जिमा या डर्मेटाइटिस और हे फीवर और एलर्जिक राइनाइटिस जैसे एटोपिक रोग भी COVID-19 के विकसित होने से काफी कम कर रहे थे।

क्या है एलर्जी और कोविड-19 के कम जोखिम का कनैक्शन? 

शोधकर्ताओं के अनुसार कोरोनावायरस के जोखिम को कम करने के पीछे ACE-2 की कम अभिव्यक्ति होने का कारण हो सकता है। रिसेप्टर जिसके माध्यम से SARS-CoV-2 मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है।

cold and cough ke liye kaali mirch hai raambaan ilaaj
कोरोनावायरस के जोखिम को कम करने के पीछे ACE-2 की कम अभिव्यक्ति होने का कारण हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

यह भी जानना है जरूरी 

यदि आप किसी तरह की एलर्जी या अस्थमा से पीड़ित हैं, तो इसका अर्थ यह नहीं कि आप इसके बचाव के उपाय अथवा उपचार करना छोड़ दें। वहीं कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर जरूरी है। सावधानी ही सुरक्षा का बेहतर मार्ग है। यदि एलर्जी से जुड़ी कोई शिकायत होती है, तो फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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