World Deaf Day 2021 : एक दिन उनके लिए जिन तक शोर नहीं, सिर्फ स्नेह पहुंचता है

सितंबर का आखिरी रविवार उनके लिए खास है जो आवाज़ों के शोर में बस प्यार की भाषा समझते हैं।
World deaf day 2021
World Deaf Day 2021 - दिवयांगता अभिशाप नहीं है! चित्र : शटरस्टॉक
प्रिया कुमारी सिंह Published: 26 Sep 2021, 14:00 pm IST
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आवाज़ें इस दुनिया को और भी सुंदर बनाती हैं। पर हमारी ही दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए ये आवाज़ें मौन हैं। पर प्यार की भाषा हर मौन को समझ सकती हैं। इसी भाषा से हर बधिर व्यक्ति को जोड़ने और समाज में उनकी उपस्थिति को और सहज बनाने के लिए विश्व बधिर दिवस (World Deaf Day) मनाया जाता है। हर वर्ष सितंबर के आखिरी रविवार को मनाऐ जाने वाले इस दिन के उपलक्ष्य में समझिए कि आप उन्हें बेहतर माहौल कैसे दे सकते हैं।

वर्ल्ड डेफ डे 2021 (World Deaf Day 2021)

विश्व बधिर दिवस की इस वर्ष की थीम ” सेलिब्रेटिंग थ्राइविंग डेफ कम्युनिटीज ” है। बधिर समुदाय वर्षों से विस्तार कर रहे हैं और फल-फूल रहे हैं और हमें पूरी ताकत दे रहे हैं।

अब इस दिवस के माध्यम से स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके अविश्वसनीय धीरज का जश्न मनाने का समय आ गया है। आप सोचते होंगे कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य क्या है? तो आइए जानते हैं कि इस दिवस को क्यों मनाया जाता है।

विश्व बधिर दिवस (World Deaf Day 2021) मनाने का उद्देश्य

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज में बधिरों के योगदान के प्रति जागरुकता लाना तथा बधिरों की तकलीफ और समस्याओं को सहानुभूतिपूर्वक समझने का है। बधिरों में स्वस्थ जीवन, स्वाभिमान, गरिमा इत्यादि को बल देना है।

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संकेतों की भाषा में भी अभिव्यक्त किया जा सकता है प्यार । चित्र: शटरस्टॉक

इसका एक उद्देश्य साधारण और सम्बंधित सत्ता का बधिरों की क्षमता और उपलब्धियों की और ध्यान आकर्षित करना है। इसमें उनके द्वारा किये गए कार्यो की सराहना की जाती है तथा उसको प्रदर्शित किया जाता है।

अब जानिए विश्व बधिर दिवस का इतिहास

वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ, एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन, जिसका नेतृत्व सितंबर 1951 में रोम, इटली में किया गया था, एक संयुक्त राष्ट्र ( United Nation) मान्यता प्राप्त इकाई है। इस प्रमुख आधिकारिक संघ को 130 से अधिक देशों का समर्थन प्राप्त है।

यह एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और गैर-सरकारी संगठन है जो बधिर लोगों के कल्याण और मानवाधिकारों को सुनिश्चित करता है और कई अन्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के समर्थन से काम करता है। यह उन सभी राष्ट्रीय संस्थाओं के लिए केंद्रीय संगठन के रूप में काम करता है जो बधिर लोगों के अधिकारों और कल्याण के लिए काम करते हैं।

इसने 1958 में विश्व बधिर दिवस मनाने का अभियान शुरू किया। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों के अनुसार, यह बधिर लोगों के मानवाधिकारों का समर्थन करता है।

यहां हैं वे तरीके जिनसे आप अपने इन दोनों का जीवन और बेहतर बना सकते हैं 

1. उनके प्रति बेहतर दृष्टिकोण रखें

इस दिवस को आपको उनके प्रति सहानुभूति रखने की घटना के रुप में नहीं देखना चाहिए। बल्कि इसे उनके जीवन में वास्तविक बदलाव, नए विकास और सकारत्मकता लाने के अवसर के रुप में लेना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि बहरापन कोई विकलांगता नहीं है और एक बधिर व्यक्ति भी एक सामान्य व्यक्ति की तरह बुद्धिमान, प्रतिभाशाली और कुशल हो सकता है।

2. साइन लैंग्वेज सीखें

जिन लोगों को इस कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है, उन्हें भी इस भाषा को सीखने का प्रयास करना चाहिए ताकि हम बधिर लोगों के लिए व्यक्त करने के लिए एक बेहतर वातावरण बना सकें, जिससे उनके लिए संचार में आसानी हो।

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3. उनके लिए आवाज उठाएं

बधिर समुदाय के मुद्दों को उठाने के लिए हम अपने क्षेत्रों में सूचनात्मक कार्यक्रमों, मजेदार गतिविधियों और जागरूकता अभियान की व्यवस्था कर सकते हैं। बधिरों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के बारे में जानकारी और समाचार स्थानीय मीडिया सोशल मीडिया और आकर्षक चित्र, पैम्फलेट और पोस्टर के माध्यम से साझा किए जा सकते हैं।

Unke liye apko awaz uthani hogi
उनके लिए आवाज़ उठाना आपका फर्ज है। चित्र: शटरस्टॉक

4. शिक्षण और कार्यशाला का प्रबंध करें

सांकेतिक भाषा पर शिक्षण और कार्यशालाओं की व्यवस्था करके ज्ञान- प्रसार कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है।

5. उनके प्रति आदर और विनम्रता का भाव रखें

श्रवण बाधित लोगों के प्रति केवल चिंता दिखाने के बजाए आप उन्हें अपने क्षेत्रों और कार्यस्थलों में बढ़ावा दे सकते हैं। उन्हें अवसर देकर एक बेहतर जीवन शैली दी जा सकती है ताकि समाज में उनका उत्थान हो सके।

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