World Immunization Week : ये 7 वैक्सीन करती हैं आपके बच्चे की जीवन भर सुरक्षा

शुक्र है कि मेडिकल साइंस ने उन वैक्सीन की खोज कर ली है, जो आपके बच्चे को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों से बचा सकती हैं। ये सात वैक्सीन सबसे ज्यादा जरूरी वैक्सीन में शामिल हैं।
vaccines apke bachche ko kayi gambheer beemariyo se bacha sakti hain
वैक्सीन आपके बच्चे को कई गंभीर बीमारियों से बचा सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
Dr Neetu Talwar Updated: 29 Oct 2023, 20:16 pm IST
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टीकाकरण (Vaccination) के महत्‍व और आवश्‍यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के मकसद से हर साल अप्रैल माह के अंत में विश्‍व टीकाकरण दिवस (world immunization week 2022) का आयोजन किया जाता है। इस दौरान, सामुदायिक स्‍तर पर लोगों को वैक्‍सीनेशन की आवश्‍यकता के बारे में शिक्षित किया जाता है और लोगों को विभिन्‍न रोगों से बचाव के टीके भी लगाए जाते हैं।

विश्‍व टीकाकरण सप्ताह (World Immunization Week) का मकसद अधिकाधिक लोगों और उनके समुदायों का ऐसे रोगों से बचाव करना है, जिन्‍हें टीकों की मदद से रोका जा सकता है।

पिछले दो वर्षों के दौरान, वैश्विक स्‍तर पर हम सभी ने यह देखा कि महामारियां फैलने से स्‍वास्‍थ्‍य और जीवन को किस प्रकार बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचती है। इन सभी से बचाव के लिए वैक्‍सीन बचाव का सबसे आसान, सर्वाधिक सुरक्षित, शीघ्र और सस्‍ता उपाय है। जिसकी मदद से हम खुद को और अपने बच्‍चों को घातक बीमारियों से बचा सकते हैं।

टीके (Vaccine) क्‍या हैं?

वैक्‍सीन ऐसे प्रोडक्‍ट्स होते हैं, जिन्‍हें बाल्‍यावस्‍था में बच्‍चों को दिया जाता है। ताकि उनका गंभीर रोगों से बचाव हो सके।

वैक्सीन किस प्रकार काम करती हैं?

असल में वैक्‍सीन शरीर के प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र को उत्‍प्रेरित/सक्रिय करते हैं, जिसका परिणाम यह होता कि जब आगे चलकर बच्‍चा इन रोगों के संपर्क में आता है, तो उसका शरीर-तंत्र तेजी से और ज्‍यादा प्रभावी तरीके से रोगों से लड़ सकता है।

Vaccine prakritik suraksha tantra ko sakriya karti hai
वैक्सीन प्राकृतिक प्रतिरक्षा तंत्र को प्रेरित करती है। चित्र:शटरस्टॉक

किन रोगों से बचाव करती हैं वैक्‍सीन?

वैक्‍सीन से पोलियो, जो कि लकवा का कारण बन सकता है, खसरा, जो मस्तिष्‍क में सूजन और अंधता का कारण बन सकता है, तथा टिटनस, जिसकी वजह से खासतौर से नवजातों में, मांसपेशियों में पीड़ाजनक जकड़न और खाने-पीने में कठिनाई होती है, जैसे गंभीर रोगों से बच्‍चों का बचाव होता है।

स्‍कूल में बच्‍चों को भर्ती करने से पहले उन्‍हें निम्‍न टीके (Vaccine) लगा दिए जाने चाहिए:

1. बीसीजी 

यह तपेदिक (Tuberculosis (TB)) से बचाव करती है, जो कि हमारे देश में काफी सामान्‍य संक्रमण है। यह संक्रमण प्राय: फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन नवजातों और अन्‍य छोटे बच्‍चों के मामले में यह मस्तिष्‍क तक भी फैल सकता है।

2. हेपेटाइटिस बी 

हेपे‍टाइटिस बी लिवर को प्रभावित करने वाला खतरनाक किस्‍म का संक्रमण है, और शिशुओं के इसकी चपेट में आने पर इसका असर कई दशकों तक दिखायी देता है। इसकी वजह से जिगर का गंभीर रोग सिरॉसिस होता है और यह आगे चलकर लिवर कैंसर में भी बदल सकता है।

3. पोलियो वैक्‍सीन 

पोलियो ऐसा वायरस है, जो संक्रमित होने वाले 200 लोगों में से 1 को लकवाग्रस्‍त बनाता है। ऐसे मरीज़ों की श्‍वसन संबंधी मांसपेशियों के लगवाग्रस्‍त होने पर उनकी मृत्‍यु हो जाती है। यह सबसे महत्‍वपूर्ण वैक्‍सीनों में से एक है।

4. डीपीटी 

यह वैक्‍सीन तीन घातक रोगों – डिप्‍थीरिया, परट्यूसिस, टिटनस से बचाव करती है। डिप्‍थीरिया से गले और टॉन्सिल्‍स संक्रमित होते हैं, जिसकी वजह से बच्‍चों के लिए सांस लेना और निगलना काफी मुश्किल होता है। इसके गंभीर होने पर हृदय, गुदे और/या स्‍नायु भी क्षतिग्रस्‍त होते हैं।

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ye bachche ko lungs infection se bachati hai
ये वैक्सीन बेबी को लंग्स इंफेक्शन से बचाती है। चित्र : शटरस्टॉक

परट्यूसिस (काली खांसी) की वजह से कई हफ्तों तक खांसी बनी रहती है। कई बार इसकी वजह से सांस लेने में कठिनाई, निमोनिया और मृत्‍यु तक हो सकती है। टिटनस की वजह से मांसपेशियों में दर्द और जकड़न होती है। इससे बच्‍चों की गर्दन और जबड़े की मांसपेशियां लॉक हो जाती हैं और उनके लिए मुंह खोलना, निगलना (स्‍तनपान करना) या सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। इलाज के बावजूद, टिटनस प्राय: घातक साबित होता है।

5. हिब वैक्‍सीन 

यह वैक्‍सीन प्राय: डीपीटी और पोलियो वैक्‍सीन के मेल के रूप में उपलब्‍ध होती है। हिब दरअसल, एक बैक्‍टीरिया है, जो खासतौर से 5 साल से कम उम्र के बच्‍चों में निमोनिया, मेनिंजाइटिस और अन्‍य गंभीर संक्रमणों का कारण बनता है।

6. निमोनोकॉकल वैक्‍सीन 

निमोनोकॉकल रोगों में मेंनिनजाइटिस और निमोनियो जैसे कई गंभीर रोगों के अलावा सानसाइटिस और कान के हल्‍के संक्रमण शामिल हैं। निमोनोकॉकल रोग दुनियाभर में अस्‍वस्‍थता और मृत्‍यु का प्रमुख कारण हैं और ये खासतौर से 2 साल से कम उम्र के शिशुओं को प्रभावित करते हैं।

7. एमएमआर 

यह तीन वैक्‍सीनों जैसे कि खसरा, मम्‍स (कंठमाला), रूबेला का मेल होता है। खसरा काफी संक्रामक रोग है, जिसके लक्षणों में बुखार, नाक बहना, मुंह के अंदर सफेद चकत्‍ते और रैश शामिल हैं। गंभीर मामलों में नेत्रहीनता, मस्तिष्‍क में सूजन और मृत्‍यु तक हो सकती है।

मम्‍स के कारण सिरदर्द, अस्‍वस्‍थता, बुखार और लार ग्रंथियों में सूजन हो सकती है। इसी तरह, मेनिंजाइटिस, अंडकोषों में सूजन और बहरापन जैसी जटिलताएं भी पैदा हो सकती हैं। बच्‍चों एवं वयस्‍कों में रूबेला संक्रमण का असर हल्‍का होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं में इसकी वजह से गर्भपात, मृत शिशु का जन्‍म, शैशवकाल में मृत्‍यु या जन्‍म के समय विकार जैसी समस्‍याएं भी हो सकती हैं।

वैक्‍सीन हमें खुद को और हमारे बच्‍चों को सुरक्षित रखने में मददगार होती हैं। अपने प्रियजनों का वैक्‍सीन की मदद से बचाव करने के बारे में अपने पिडियाट्रिशियन से सलाह लें।

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Dr Neetu Talwar, Additional Director, Pediatric Pulmonology, Fortis Memorial Research Institute, Gurugram. ...और पढ़ें

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