वेट लॉस को और आसान बना सकते हैं चौलाई के पत्ते, जानिए इसके फायदे

चौलाई के पत्ते एक पारंपरिक साग है और अब फिटनेस फ्रीक्स फिर से इस पर ध्यान दे रहे हैं। ये फैट बर्न कर वेट लॉस को और भी आसान बना सकते हैं।
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स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद हैं चौलाई के पत्ते। चित्र : शटरस्टॉक

क्या आपको याद है कि पहले उपवास के दौरान आपकी दादी – नानी चाैलाई के लड्डू और उसके आटे से बनाई गई चीज़ें खाया करती थीं? भारत में उपवास के दौरान ही अक्सर सबसे ज़्यादा हेल्दी चीजें खाई जाती हैं। जबकि फास्ट फूड के शौकीन अब हम लोग इन चीजों से दूर होते जा रहे हैं। जबकि चौलाई न केवल पौष्टिक है, बल्कि ये आपकी वेट लॉस यात्रा को भी आसान बना सकती है। आइए जानते हैं चौलाई के पत्तो के फायदे (Amaranth Leaves Benefits) और इसके सेवन का तरीका।

उपवास के दौरान खाया जाने वाला राजगीरा यानी चौलाई, आजकल हर सेलेब्रिटी का ब्रेकफास्ट बन गया है। अपने भरपूर पोषक तत्वों के कारण चौलाई के पत्ते से लेकर इसके बीज तक सब कुछ स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहे हैं। ये पोषक तत्वों से भरपूर हैं और आप इसे अपनी वेट लॉस डाइट का भी हिस्सा बना सकती हैं।

जानिए आपके स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद हैं चौलाई के पत्ते

1 कैलोरी में कम

100 ग्राम राजगीरा के पत्तों में केवल 23 कैलोरी होती हैं। यदि आप वज़न घटाने की कोशिश कर रही हैं तो अपने आहार में इन पत्तों को ज़रूर शामिल करें। राजगीरा के पत्तों में ज़ीरो कोलेस्ट्रॉल और फैट होता है।

2 फाइबर में उच्च

चौलाई के पत्ते घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं जिसके कई फायदे होते हैं। फाइबर खाने से हमें अपना वजन कम करने और हृदय रोग से बचने में मदद मिलती है क्योंकि यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। एनसीबीआई की वैबसाइट के अनुसार राजगीरा के पत्तों में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो दोनों ही भूख कम करने और वजन घटाने में मदद कर सकते हैं।

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राजगीरा के फायदे। चित्र : शटरस्टॉक

3 पोषक तत्वों का भंडार

एनसीबीआई की वैबसाइट के अनुसार चौलाई के पत्ते फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सिडेंट का एक भंडार हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं और स्वास्थ्य को अतिरिक्त पोषण प्रदान करते हैं। इस चमत्कारी पौधे की पत्तियां पोटैशियम से भरपूर होती हैं। जो मानव शरीर में हृदय गति को भी नियंत्रित करती हैं।

4 इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करे

ये पत्तेदार साग विटामिन सी से भरपूर होते हैं। 100 ग्राम राजगीरा के पत्ते विटामिन सी के लिए आपकी दैनिक आवश्यकता का 70% पूरा कर सकते हैं। यह विटामिन संक्रमण से लड़ने और जल्दी घाव भरने के लिए आवश्यक है। यह पर्यावरण में मुक्त कणों के प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है।

5 यह ग्लूटेन फ्री है

ऐमारैंथ के पौधे के बीजों का उपयोग अनाज के रूप में किया जाता है और इसे पीसकर आटा बनाया जा सकता है। यह एक प्रोटीन युक्त आटा है पूरी तरह से ग्लूटेन मुक्त होता है, इसलिए यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो ग्लूटेन इंटोलरेंट हैं।

अपने आहर में किस तरह शामिल करें राजगीरा के पत्ते

आप चौलाई के पत्तों का साग बनाकर इसका सेवन कर सकती हैं। या चाहें तो सलाद के तौर पर इसके पत्तों को खाया जा सकता है। इसकी काफी स्वादिष्ट सब्जी भी बनती है, जिसे आप लंच में खा सकती हैं।

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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