क्या मिल्कशेक फलों का पोषण दे सकते हैं? एक्सपर्ट से जानिए वेट लाॅस और फ्रूट डाइट के बारे में सब कुछ

वेट लॉस डाइट पर हैं और फलों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहती हैं, तो आपको इन्हें लेने का सही समय और सही तरीका पता होना चाहिए।
fruit diet for weight loss
गर्मियों के मौसम में में खास हाइड्रेटिंग फ्रूट्स को शामिल करने की सलाह दी है. चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 24 May 2023, 09:30 am IST
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फलों में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं और इनका सेवन सेहत के लिए कितना महत्वपूर्ण है इससे हम सभी वाकिफ हैं। परंतु क्या फलों को वेट लॉस डाइट में शामिल कर सकते हैं। मोटापा एक आम समस्या बन चुका है, यह न केवल बड़ों को बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बना रहा है। ऐसे में इसे नियंत्रित करने के लिए एक्सरसाइज करने के साथ-साथ डाइट पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है।

आजकल डाइटिंग करना काफी आसान है परंतु इसे सही से फॉलो कर पाना उतना ही मुश्किल। क्या आप भी डाइट पर हैं और अपने डाइटिंग में फ्रूट्स को शामिल करना चाहती हैं तो चिंता न करें। हम बताएंगे आपको किस तरह फलों को अपनी वेट लॉस डाइट (fruit diet for weight loss) का हिस्सा बना सकती हैं।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर गहनता से समझने के लिए न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लिनिक एंड अकेडमी की डायरेक्टर पूनम दुनेजा से सलाह ली। उन्होंने फल को वेट लॉस डाइट में शामिल करने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके बताएं तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

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जानिए फल खाने का सही तरीका।। चित्र: शटरस्टॉक

जानिए इसपर क्या कहती हैं एक्सपर्ट

पूनम दुनेजा के अनुसार फलों के रस की जगह पूरे फल का सेवन करें। बाजार से खरीदे गए फ्रूट जूस में फ्रुक्टोज, उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, एडिटिंग कलर्स और स्टेबलाइजर की मात्रा पाई जाती है। वहीं यदि आप घर पर भी जूस तैयार कर रही हैं तो यह फल की असल गुणवत्ता को कम कर देता है। इनका सेवन ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बनता है।

जो लोग वेट लॉस डाइट पर हैं उन्हें फ्रूट जूस से पूरी तरह परहेज रखना चाहिए। जूस की जगह पूरे फल का सेवन करना चाहिए। वेट लॉस डाइट में भी आप एक सीमित मात्रा में और सही समय पर फल का सेवन कर सकती हैं। फल फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं। इनका सेवन शरीर को तमाम आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और समग्र सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

अब जानते हैं फलों को वेट लॉस डाइट में शामिल करने का सही तरीका

1. स्नैकिंग के तौर पर फल खाना है बेस्ट ऑप्शन

जब आप पूरी तरह से खाना खा चुकी होती हैं तो डेजर्ट के तौर पर फल खाने से केवल ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। यह तेजी से फैट में तब्दील होने लगते हैं, जिसकी वजह से आपकी वेट लॉस की पूरी मेहनत बेकार हो जाती है। साथ ही खाना खाने के तुरंत बाद फल खाने से यह आपकी आंतो में लंबे समय तक बना रहता है। ऐसे में पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

यदि आपको फल बहुत ज्यादा पसंद हैं और आप इन्हें अपनी वेट लॉस डाइट का हिस्सा बनाना चाहती हैं तो इन्हें लंच के एक घंटे पहले या लंच के एक घंटे के बाद स्नैकिंग के तौर पर ले सकती हैं। इसकी गुणवत्ता और पोषक तत्वों का उचित लाभ उठाना है तो इसे खाने के सही तरीके का ध्यान रखें।

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सुबह, दोपहर या शाम कभी भी खा सकते हैं फल। चित्र-शटरस्टॉक

2. जूस की जगह पूरे फल का सेवन करें

फल एंटी ऑक्सीडेंट और फाइबर जैसे कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत होते हैं। जब आप फल को जूस में परिवर्तित करती हैं तो इसमें मौजूद फाइबर की गुणवत्ता पूरी तरह से खत्म हो जाती है।

फाइबर की कमी होने से जूस में मौजूद शुगर सीधे खून में प्रवेश करती हैं और ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ावा देती है, जिससे कि यह लीवर तक पहुंच जाता है और फैट के रूप में शरीर में जमा होना शुरू हो जाता है। यदि आप फल को अपनी वेट लॉस डाइट का हिस्सा बनाना चाहती हैं, तो पूरे फल का सेवन करें।

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3. मिल्कशेक के रूप में न करें फलों का सेवन

मिल्कशेक के लिए दूध और फलों को एक साथ ब्लेंड करते हैं, साथ ही इसमें शुगर का भी इस्तेमाल किया जाता है। वेट लॉस के लिए यह कॉम्बिनेशन बिलकुल भी हेल्दी नहीं है। दूध और फल दोने के पोषक तत्व और पचने का समय अलग-अलग होता है, दूध की तुलना में फल जल्दी पच जाते हैं।

यदि हम इन दोनों को एक साथ मिला देते हैं, तो फल में मौजूद शुगर पेट में फर्मेंट होना शुरू हो जाती है। ऐसे में पेट से जुड़ी तमाम समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। असंतुलित पाचन क्रिया आपके वेट लॉस डाइट को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

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फलों का मिल्कशेक बनाना बंद करें। चित्र : शटरस्टॉक

4. देर रात फल खाने से बचें

कई लोग नाईट सनैकिंग के लिए फल को एक आसान और बेहतर विकल्प समझते हैं और इसे देर रात खा लेते हैं। ऐसा करना आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है। रात को अमूमन शरीर रेस्ट पोजीशन में होता है ऐसे में फल में मौजूद शुगर फैट में बदलना शुरू हो जाते हैं। जिसकी वजह से वेट गेन का सामना करना पड़ सकता है। वहीं ऐसा करने से ब्लड शुगर का स्तर भी बढ़ जाता है।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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