क्या वाकई फायदेमंद है तिल के तेल में खाना बनाना, आइए चैक करते हैं

कैनोला ऑयल, ऑलिव ऑयल यहां तक की एवोकाडो ऑयल ने हेल्दी कुकिंग ऑयल की सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया है। लेकिन क्या आपको पता है कि तिल का तेल (sesame oil) भी इन मानदंडों पर खरा उतर सकता है?
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तिल बालों के लिए फायदेमंद हैं। चित्र:शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 29 Oct 2023, 19:37 pm IST
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तिल के पोषण से आप सब वाकिफ होंगे। साथ ही इससे अच्छा और क्या हो सकता है कि तिलकुट चौथ के अवसर पर आप इसके बहुमुखी उपयोग के बारे में जानें। भले ही तिल का तेल उतना चर्चित नहीं है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ इन्हे लोकप्रिय बनाते हैं। लेकिन इस तेल के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने से पहले जानिए तिलकुल चौथ का महत्व।

2022 की तिलकुट चौथ (Sakat Chauth 2022)

सर्दियों में तिल के सेवन करने से अत्यंत स्वास्थ्य लाभ होते हैं। उसमें भी तिलकूल चौथ का व्रत हो तो सोने पे सुहागा होता है। तिलकुट चौथ को सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत संतान प्रपेप्ति या उनकी दीर्घायु के लिए किया जाता है। व्रत का महत्वपूर्ण भोग है तिल। इसलिए जानिए तिल के लड्डू और मिठाइयों के अलावा तिल का तेल भी आपके स्वास्थ्य का रक्षक है।

जानिए तिल के तेल का पोषण मूल्य

एक चम्मच तिल के तेल में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • कैलोरी: 120
  • प्रोटीन: 0 ग्राम
  • वसा: 14 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट: 0 ग्राम
  • फाइबर: 0 ग्राम
  • चीनी: 0 ग्राम

तिल के तेल में ओमेगा -3 और ओमेगा -6 फैटी एसिड भी होते हैं, जो दोनों पॉलीअनसेचुरेटेड फैट हैं। वे दोनों आवश्यक फैटी एसिड हैं जो हृदय रोग और कैंसर सहित कई बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं। वे इम्युनिटी में सुधार करने में भी मदद करते हैं।

Sesame oil mega-3 aur omega-6 ka behtareen srot hai
तिल का तेल ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का बेहतरीन स्रोत है। चित्र:शटरस्टॉक

सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है तिल का तेल? (Health benefits of sesame oil) 

1. हृदय को रखे स्वस्थ (Healthy Heart)

तिल के तेल में ओमेगा-3, ओमेगा-6 और ओमेगा-9 फैटी एसिड का संतुलित अनुपात होता है। ओमेगा -3 और ओमेगा -6 पॉलीअनसेचुरेटेड हैं, जबकि ओमेगा -9 फैटी एसिड मोनोअनसैचुरेटेड हैं। NCBI की शोध से पता चलता है कि इन स्वस्थ वसा युक्त आहार हृदय रोग के विकास के जोखिम को कम करता है।

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि तिल के तेल का सेवन आपके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol) और ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) को कम करने में मदद कर सकता है, जो आपके दिल की रक्षा करने में भूमिका निभाते हैं।

2. सूजन को कम करे (Reduces Inflammation)

कई संस्कृतियों ने पारंपरिक चिकित्सा में एक एंटी इन्फ्लेमेटरी के रूप में तिल के तेल का उपयोग किया है। पारंपरिक ताइवानी दवा ने इसका उपयोग जोड़ों के दर्द, दांत दर्द, कटने, खरोंच, मासिक धर्म से पहले ऐंठन और बहुत कुछ के इलाज के लिए किया है।

कुछ टेस्ट-ट्यूब अध्ययनों ने निर्धारित किया है कि तिल का तेल इन्फ्लेमेटरी गुणों को कम करने में प्रभावी है।

3. रक्त शर्करा को करें नियंत्रित (Controls Blood Sugar Level)

तिल का तेल रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि तिल के तेल का सेवन करने वाले वयस्कों ने फास्टिंग ब्लड शुगर और हीमोग्लोबिन A1c कम किया है।

4. बालों को बनाए मजबूत (Strengthens Hair)

तिल के तेल में मौजूद सेसमिन और विटामिन ई आपके बालों को फायदा पहुंचा सकते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि दो एंटीऑक्सिडेंट युक्त सप्लीमेंट बालों की मजबूती और चमक में सुधार करते हैं।

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5. तनाव और अवसाद से राहत (Fights depression and stress)

तिल के तेल में टायरोसिन नाम का अमीनो एसिड होता है। टायरोसिन सेरोटोनिन को बढ़ाता है, जो तनाव और अवसाद की भावनाओं से लड़ने में मदद कर सकता है।

Sesame oil healthy nutrition pradaan karta hai
तिल का तेल स्वास्थ्य को पोषण प्रदान करता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

6. त्वचा का सुरक्षा कवच (Protects skin) 

शोध से पता चलता है कि तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट यूवी क्षति के खिलाफ त्वचा की रक्षा कर सकते हैं। तिल का तेल यूवी किरणों का 30% तक प्रतिरोध करता है, जबकि अन्य तेल केवल 20% तक ही प्रतिरोध करते हैं।

इस विषय पर शोध सीमित है। जबकि कुछ स्रोतों का दावा है कि तिल का तेल एक प्रभावी प्राकृतिक सनस्क्रीन हो सकता है। आप अपनी त्वचा को सूरज की क्षति से बचाने के लिए नियमित सनस्क्रीन का उपयोग जारी रख सकते हैं।

तिल के तेल के संभावित रिस्क (Side effects of sesame oil)

1. तिल से एलर्जी (Sesame allergy)

तिल अब नौवां सबसे आम एलर्जेन है, जिसमें अमेरिका की लगभग 0.2% आबादी को इससे एलर्जी है। हालांकि यह प्रतिशत महत्वपूर्ण नहीं लग सकता है, तिल का तेल लगभग शीर्ष आठ एलर्जी के रूप में आम है।

एलर्जी की प्रतिक्रिया अलग हो सकती है। लेकिन वे एनाफिलेक्सिस का कारण भी बन सकते हैं। तिल से गंभीर एलर्जी वाले व्यक्ति को एपिनेफ्रीन ऑटो-इंजेक्टर रखने की आवश्यकता हो सकती है।

2. वजन बढ़ना (Weight gain)

हालांकि तिल के तेल में हृदय-स्वस्थ ओमेगा -3 और ओमेगा -6 फैटी एसिड होते हैं, लेकिन बहुत अधिक तेल अवांछित प्रभाव पैदा कर सकता है। तिल के तेल में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जिसे अधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है।

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3. अन्य स्वास्थ्य इलाज में हस्तक्षेप (Hinders medication) 

तिल का तेल आपके रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। हालांकि, यदि आप उच्च रक्तचाप या मधुमेह के लिए दवाएं ले रहे हैं, तो इससे आपका रक्तचाप या रक्त शर्करा बहुत कम हो सकता है। तिल के तेल को अपने आहार में शामिल करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

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