आयुर्वेदिक एक्सपर्ट बता रहे हैं एक ऐसा डाइट प्लान जो आपका थायराइड लेवल कंट्रोल कर सकता है

आयुर्वेद एक समग्र जीवन पद्धति है। यह न केवल रोग से उपचार में आपकी मदद करता है, बल्कि रोग के कारणों पर वार करके इसकी संभावना को भी समाप्त करता है।
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थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करेगा ये आयुर्वेदि डाइट प्लान। चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 26 May 2022, 11:39 am IST
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थायराइड अब बुखार की तरह हर आम और खास की जिंदगी में शामिल होने लगा है। किसी को थायराइड बढ़ने तो किसी को थायराइड कम बनने की समस्या है। इसकी वजह है अनहेल्दी लाइफस्टाइल। इस भागती – दौड़ती दुनिया में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना हम सभी के लिए मुश्किल होता जा रहा है। थायराइड रोग से ग्रस्त लगभग 60 प्रतिशत लोगों को पता भी नहीं होता कि वे इस स्थिति के गंभीर चरण तक पहुंच गए हैं। और यह चिंताजनक बात है! पर अगर आप जानती हैं कि आपका थायराइड लेवल अनियंत्रित है, तो आपको थायराइड के स्तर को प्रबंधित करने के लिए आहार में सुधार करना चाहिए। आयुर्वेद एक्सपर्ट बता रहे हैं आपके लिए ऐसा डाइट प्लान (Thyroid diet plan) जो थायराइड को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है।

इससे पहले कि हम थायराइड को कंट्रोल करने के लिए, डाइट प्लान के बारे में बात करें, आइए थायराइड के बारे में थोड़ा जान लें। आपकी गर्दन के सामने आपके कॉलरबोन के ठीक ऊपर थायरॉयड, एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है। थायराइड ग्लैंड आपके शरीर में कई व्यायामों की गति को नियंत्रित करते हैं। इनमें शामिल है कि आप कितनी तेजी से कैलोरी का उपभोग करते हैं और आपके दिल की धड़कन कितनी तेज है। थायराइड एक ऐसी समस्या है, जो कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर भी है।

आयुर्वेद के अनुसार, बहुत अधिक तनाव, नियमित रूप से भारी प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाने या एक गतिहीन जीवन शैली थायराइड का कारण बन सकती है। थायराइड में जमा होने पर टॉक्सिन्स कोशिकीय संरचना को बदल देते हैं। जो थायराइड के खिलाफ एंटीबॉडी और ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया को उत्तेजित करता है।

कम चयापचय से विषाक्त पदार्थ और दोष असंतुलन, विशेष रूप से वात और कफ दोष होता है। ये विषाक्त पदार्थ टीएसएच (पैराथायराइड हार्मोन) को टी 3 और टी 4 (थायरॉयड हार्मोन) में बदलने से रोकते हैं, जिससे हाइ टी4 और लो टी 3 हो जाता है।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ स्मिता नरम (आयुर्वेद विशेषज्ञ, सह-संस्थापक, आयुषक्ति) बता रहीं हैं थायराइड कंट्रोल करने वाला डाइट प्लान।

यहां थायराइड के स्तर को कंट्रोल करने एक लिए डाइट प्लान दिया गया है, जिसे आप अपने रूटीन का हिस्सा बना सकती हैं

1. मॉर्निंग ड्रिंक

ताजा हल्दी का रस: 1 बड़ा चम्मच
काली मिर्च पाउडर: 1 चुटकी
नारियल का तेल-1 छोटा चम्मच

ऊपर दी गई सारी सामग्री को अच्छी तरह मिलाएं और रोजाना खाली पेट लें।

हल्दी अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले कार्यों के लिए जानी जाती है। नारियल के तेल में गुड फैट होता है जो थायरॉइड के कार्यों में सुधार करता है।

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थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करेगा ये आयुर्वेदि डाइट प्लान। चित्र : शटरस्टॉक

2. नाश्ता : मूंग की चाट

100 ग्राम साबुत हरी मूंग को रात भर भिगो दें। सुबह उठकर पानी निथार लें और पर्याप्त पानी, नमक और हल्दी डालकर मूंग को पका लें। मूंग 80 प्रतिशत ही पकनी चाहिए।

एक बारीक कटे प्याज को एक चम्मच घी या तेल में भूनें। स्वाद के लिए अदरक लहसुन का पेस्ट, जीरा, धनिया पाउडर, दालचीनी पाउडर, काली मिर्च पाउडर डालें। इसमें पका हुआ मूंग डालें और अच्छी तरह मिलाएं। अधिक तीखापन लाने के लिए आप हरी मिर्च और गरम मसाला डाल सकती हैं। कुछ मिनट और भूनें और ताजी धनिया पत्ती और दो चम्मच अलसी या कद्दू के बीज से गार्निश करें।

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मूंग प्रोटीन से भरपूर, पचने में आसान और फैट में जीरो होता है। मूंग थायरॉयड ग्रंथि पर सूजन से लड़ने में मदद करता है। इससके आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी और आपका पेट भरा हुआ महसूस होगा। अलसी के बीज ओमेगा -3 वसा और आयरन से भरे हुए होते हैं। इसलिए, वे प्रतिरक्षा कार्यों को बढ़ावा देते हैं और ऑक्सीजन के स्तर को नियंत्रित करते हैं।

3. मिड मॉर्निंग : एक कप डिटॉक्स टी

मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने और फैट टॉक्सिन्स को पिघलाने के लिए डिटॉक्स टी पीना बहुत जरूरी है।

जीरा – 1 छोटा चम्मच
धनिया के बीज – 1 छोटा चम्मच
सौंफ के बीज (वरियाली)- 1 छोटा चम्मच
सोंठ पाउडर – 1/2 छोटा चम्मच

सभी सामग्री को 5 कप पानी में उबाल कर 4 कप बना लें। इस चाय को दिन में 4 बार पियें।

अगर आपको भूख लग रही है तो आप नारियल पानी पी सकती हैं और एक सेब भी ले सकती हैं।

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हर्बल टी का सेवन करें। चित्र:शटरस्टॉक

4. दोपहर का भोजन

पकी हुई सब्जियों के 2 कटोरे के साथ ग्लूटेन फ्री मल्टीग्रेन पैनकेक

ग्लूटेन-मुक्त मल्टीग्रेन पैनकेक कैसे बनाएं?

एक कप पीली मूंग दाल का आटा या 1/2 कप भीगी हुई और पिसी हुई मूंग दाल
आधा कप ज्वार का आटा। पैनकेक बनाने के लिए पर्याप्त पानी के साथ अच्छी तरह मिलाएं। 1/2 छोटा चम्मच सौंफ, आधा चम्मच जीरा और स्वादानुसार नमक डालें। स्वादिष्ट पेनकेक्स बनाएं!

बैटर को टेस्टी और हेल्दी बनाने के लिए आप इसमें 1/2 कप कद्दूकस किया हुआ चुकंदर, गाजर या लौकी मिला सकती हैं।

पकी हुई सब्जियों की रेसिपी

आप लौकी, गाजर, कद्दू, तोरी, चुकंदर, पालक, सलाद, कोहलबी, शलजम, मूली में से कोई भी 3-4 सब्जियों के कॉम्बिनेशन का उपयोग कर सकती हैं।

थायराइड के लिए डाइट

एक प्याज को बहुत कम तेल या घी में भूनें। अदरक-लहसुन का पेस्ट, जीरा-धनिया पाउडर, एक चुटकी हींग, काली मिर्च, हरी मिर्च, नमक अपने स्वादानुसार डालें। सब्जियों को मध्यम चौकोर क्यूब्स में काटें और डालें। धीमी आंच में इसके नरम होने तक पकाएं ( ध्यान रहे ज्यादा न पकाएं)।

खाना पकाने के लिए पानी डालने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सब्जी में पानी की मात्रा होती है और यह पर्याप्त है।

मुट्ठी भर ताजी धनिया पत्ती से गार्निश करें। यह धीरे-धीरे आपके समग्र चयापचय में सुधार करेगा और वसा को जला देगा।

5. लंच के बाद एक कप गर्म डिटॉक्स टी पिएं

अगर आपको भूख लगती है, तो 5 भीगे हुए बादाम दो चम्मच कद्दू के बीज या सूरजमुखी के बीज के साथ लें।

Cabbage soup hai healthy aur tasty
कैबेज सूप है स्वादिष्ट और हेल्दी। चित्र:शटरस्टॉक

6. रात का खाना: मूंग और वेजीटेबल का सूप

आपको अपना डिनर रात 8 बजे तक खत्म कर लेना चाहिए। ताकि आपके शरीर को भोजन को पचाने के लिए पर्याप्त समय मिले।

भीगी हुई हरी मूंग या पीली मूंग दाल एक कप
कटी हुई सब्जियां 2 कप (ऊपर बताई गई कोई भी 2-3 सब्जियां चुनें)
मूंग और सब्जियों को पर्याप्त पानी के साथ नमक, हल्दी, हरी मिर्च डालकर प्रेशर कुक करें।

एक पैन में एक चम्मच जीरा, एक चुटकी हींग डालें। आधा बारीक कटा प्याज और अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर भूनें। अच्छी तरह से भूनें और इसमें पका हुआ मूंग और सब्जी का मिश्रण डालें। गाढ़ा सूप बनाने के लिए अच्छी तरह उबाल लें, धनिया पत्ती से गार्निश करें। 1-2 कटोरी गर्म करके पिएं।

प्रोटीन और फाइबर से भरपूर यह सूप आपका पेट भरा रखता है।

7) सोते समय डिटॉक्स टी

थायराइड के लिए यह विशेष आहार कैसे मदद करेगा?

1-2 महीने तक रोजाना इस डाइट का पालन करें और देखें आपका थायराइड कैसे कंट्रोल होता है। यह डाइट प्लैन फॉलो करने से आपका 2-3 किलू वज़न कम हो जाएगा, हार्मोन संतुलित हो जाएंगे और तनाव और चिंता में भी कमी आएगी।

ध्यान रहे – गेहूं, मैदा, दही, डेयरी उत्पाद, मिठाई, जंक फूड, खट्टा खाना बंद कर दें। वे सूजन पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ हैं और थायराइड की समस्याओं के जोखिम को बढ़ाते हैं, इसलिए इनसे बचें।

अगर आप मांसाहारी खाना पसंद करते हैं, तो आप लंच के दौरान हफ्ते में दो बार फिश करी, एग करी या चिकन करी खा सकती हैं।

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