Children’s Day : अपनाएं ये 5 अच्छी आदतें, ताकि आपके बच्चे को न लगे डायबिटीज की नज़र

अगर आपका बच्चा भी आउटडोर एक्टिविटीज की बजाए टीवी और स्क्रीन पर ज्यादा समय बिता रहा ह, तो वह डायबिटीज के संभावित जोखिम में हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि अभी से उसके रुटीन में कुछ जरूरी बदलाव करें।
apne bachcho ko diabetes se bachane ke liye aaj hi se kuchh healthy habits ko follow karen
अपने बच्चों को डायबिटीज से बचाने के लिए आपको आज ही से कुछ अच्छी आदतों को अपनाना चाहिए। चित्र: शटरस्टॉक
Dr. Ritesh Gupta Updated: 20 Oct 2023, 09:48 am IST
  • 133

हाल के वर्षों में टीनेजर्स और बच्‍चे भी डायबिटीज़ (Diabetes) के रोगी बनते जा रहे हैं। इससे पहले, युवाओं में डायबिटीज़ का कारण इंसुलिन हार्मोन (Type 1 diabetes) की कमी होता था। पर हाल के वर्षों में अधिकाधिक युवाओं में टाइप 2 डायबिटीज़ की शिकायत सामने आ रही है। बचपन में होने वाली डायबिटीज़ (Diabetes in children) के चलते आगे चलकर युवावस्‍था में हृदय, गुर्दों और आंखों में जटिलताओं का कारण बन सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि पहले से ही इस विकार से बचने के उपायों का पालन किया जाए। आइए जानते हैं बच्चों में होने वाले मधुमेह के कारण (Causes of diabetes) और बचाव के उपायों (How to avoid diabetes in children) को। ताकि मधुमेह की बीमारी आपके बच्चे का बचपना न छीन सके।

मोटापा बढ़ाता है बच्चों में डायबिटीज का जोखिम 

टीनेजर्स में डायबिटीज़ का सबसे प्रमुख जोखिक कारक सामान्‍य से कहीं ज्‍यादा वज़न या मोटापा है। संतुलित जीवनशैली और नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां किसी भी व्‍यक्ति के लिए महत्‍वपूर्ण होती हैं, और मोटापे के शिकार तथा अधिक वज़न वाले लोगों के मामले में तो यह और भी जरूरी है।

Bachcho me badhta motapa diabetes ka risk badha sakta hai
बच्चाें में बढ़ता मोटापा उनके लिए डायबिटीज का रिस्क बढ़ा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

बच्चों को डायबिटीज से बचाने के लिए आज ही से अपनाएं ये हेल्दी आदतें 

1 हेल्दी हो पूरे परिवार की डाइट 

ऐसे में पूरे परिवार को सेहतमंद खान-पान का पालन करना चाहिए। ताकि बच्‍चों में शुरू से ही अच्‍छी खानपान की आदतें विकसित हों सकें। फलों और सब्जियों का अधिक प्रयोग करना चाहिए। शुगर युक्‍त पेय पदार्थों से बचना चाहिए और बच्‍चों को अधिक पानी पीने के लिए प्रोत्‍साहित करना चाहिए। इसी तरह पर्याप्‍त मात्रा में भोजन करें, लेकिन यह ध्‍यान रहे कि पोर्शन साइज़ ज्‍यादा न हो।

2 मिठाइयों और कुकीज से करें परहेज 

अधिक कैलोरीयुक्‍त भोज्‍य पदार्थों जैसे कि मिठाई, तला-भुना भोजन, केक, पेस्‍ट्रीज और फास्‍ट फूड का सेवन न्‍यूनतम रखें। अपने भोजन में पर्याप्‍त मात्रा में प्रोटीन जैसे कि अंडों, लीन मीट जैसे कि मछली और चिकन, दूध उत्‍पाद और दालों को शामिल करें। वसायुक्‍त (Fat) भोज्‍य पदार्थों से जहां तक हो सके बचें।

3 नट्स और ड्राई फ्रूट्स को करें आहार में शामिल 

ऐसा करना इसलिए भी जरूरी है क्‍योंकि भारतीय खुराक में आमतौर पर वसा की मात्रा अधिक होती है। हैल्‍दी फैट्स जैसे कनोला ऑयल, सरसों तेल, राइस ब्रान तेल, और मेवों में बादाम, अखरोट, पिस्‍ते, मूंगफली का सेवन करें।

4 व्यायाम को बनाएं डेली रुटीन का हिस्सा 

युवाओं में डायबिटीज़ से बचाव के लिए उन्‍हें नियमित रूप से व्‍यायाम करने की सलाह दें। बच्‍चों को घरों से बाहर (आउटडोर) खेल-कूद के लिए प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए। उनके स्‍क्रीन टाइम को कम करें। यानी टेलीविजन या अन्‍य गैजेट्स को देखने का समय सीमित होना चाहिए और हो सके तो उसे न्‍यूनतम रखें।

baccho ko bachpan se hi exercise ki adat dalen
बच्चों को बचपन से ही एक्सरसाइज करने की आदत डालें। चित्र : शटरस्टॉक

5 इंसुलिन रेजिस्टेंसी का भी रखें ध्यान

ये उपाय करना इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि मधुमेह के अन्‍य कारण भी होते हैं, जैसे कि नज़दीकी रिश्‍तेदार का मधुमेह रोगी होना या अन्‍य शारीरिक कारण जैसे कि इंसुलिन रेजिस्‍टेंस। शरीर के कुछ भागों जैसे कि गर्दन के पिछले हिस्‍से में या बगल में गहरे रंग का धब्‍बा इंसुलिन रेजिस्‍टेंस का सूचक होता है। यह डायबिटीज़ के जोखिम को काफी बढ़ाता है। यदि बच्‍चों में इस प्रकार के शारीरिक लक्षण दिखायी दें तो उन्‍हें स्‍वस्‍थ जीवनशैली को अपनाने के लिए समुचित मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।

याद रखें 

यह समझना महत्‍वपूर्ण है कि बच्‍चों और टीनेजर्स को शारीरिक विकास के लिए पर्याप्‍त पोषण की आवश्‍यकता होती है। पेरेंट्स को बिना डॉक्‍टर की सलाह लिए बच्‍चों को वेट लॉस डाइट पर नहीं डालना चाहिए। बच्‍चों में सेहतमंद जीवनशैली विकसित करने के लिए पूरे परिवार को स्‍वस्‍थ जीवनशैली वाली दिनचर्या का पालन करना चाहिए।

यह भी पढ़ें – World Diabetes Day : यहां हैं बचपन की वे 7 बुरी आदतें, जो बड़े होने पर डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा देती हैं

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
  • 133
लेखक के बारे में

Dr. Ritesh Gupta is Director, Diabetes and Endocrinology, Fortis C-Doc Hospital ...और पढ़ें

अगला लेख