Monday blues : मंडे ब्लू नहीं कॉजी मंडे चाहती हैं, तो सप्ताह की कुछ इस तरह करें प्लानिंग

वीकएंड के बाद सोमवार को जब हमें ऑफिस जाना पड़ता है, तो मंडे ब्लू, फियर डे और न जाने कौन-कौन सा उपमा देते हैं। यदि आप भी चाहती हैं कि सप्ताह की शुरुआत सुकूनदेह हो, तो यहां एक्सपर्ट के बताये सिर्फ 5 टिप्स को फ़ॉलो करें।
monday blues
ऑफिस में एक ऐसी संस्कृति बनाएं जो महिलाओं की कठिन चुनौतियों और अनुभवों को महत्व और सम्मान दे। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 24 Apr 2023, 08:00 am IST
  • 125

यदि हम अगले सप्ताह की तैयारी को लेकर एंग्जाइटी (Anxiety) फील करते हैं, तो यह बहुत सामान्य सी बात है। आपने क्रिकेट में देखा होगा कि जो बैट्समैन क्रीज़ पर आते ही ताबड़तोड़ रन बनाने लगते हैं, वे जल्दी आउट हो जाते हैं। वहीं धीमी शुरुआत करने वाले टिक कर खेलते हैं और अंत में बढ़िया स्कोर बनाते हैं। कुछ ऐसा ही है, ऑफिस जाने से पहले हमारे अगले सप्ताह की तैयारी (Next week preparation)। यदि आप शांत मन से धीमी शुरुआत करेंगी, तो मंडे ब्लू कहने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ेगी। आप इस दिन को कॉजी मंडे (How to prepare yourself for cozy Monday) कहेंगी। सायकोथेरेपिस्ट डॉ. सानिया बेदी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में इसके बारे में विस्तार से बता रही हैं।

क्यों अनुभव होते हैं मंडे ब्लूज (Monday Blues)

मंडे ब्लूज़ नकारात्मक भावनाओं (Negative Emotions) का एक समूह है, जिसका अनुभव वर्किंग वीक की शुरुआत में मिलता है। यह काम पर जाने और अपना वर्कवीक शुरू करने के डर का एहसास है। आमतौर पर इसके कारण एम्प्लोई सोमवार की सुबह उदास महसूस कर सकते हैं। वे नहीं चाहते हैं कि वीकएंड समाप्त हो। वे अपने काम को लेकर उत्साहित महसूस नहीं करते हैं। अमेरिकन फेडरेशन ऑफ़ लेबर संस्था द्वारा कराए गये सर्वे के अनुसार, जिस ऑफिस में काम का दवाब अधिक रहता है, बॉस और एम्प्लोई रिलेशन सही नहीं रहता है या ऑफिस में अत्यधिक वर्क प्रेशर रहता है, तो उस कंपनी में मंडे ब्लूज का एहसास अधिक होता है।

यहां हैं एक्सपर्ट के बताये टिप्स, जिससे आरामदायक सोमवार का एहसास हो सकता है

1 शुरुआत करें धीमी

डॉ. सानिया कहती हैं, ‘यदि आप सोच रही हैं कि मंडे को ऑफिस पहुंचकर धमाका करना है या कुछ विशेष हासिल करना है, तो अपनी सोच को विराम दें। सोमवार के दिन आपको अपने ऊपर बहुत अधिक स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए। इससे आप जल्दी थकान अनुभव करने लगेंगी और नेक्स्ट डे आप चाहकर भी अधिक काम नहीं कर पाएंगी। इसलिए सोमवार को धीमी शुरुआत करें। किसी हल्के-फुल्के काम को इस दिन निपटाएं।

2 पूरे सप्ताह के लिए लक्ष्य बनाएं (Set Goals for the week)

आपको पूरे सप्ताह क्या-क्या करना है? कौन कौन से कार्य को सप्ताह के अंत तक पूरा करना है, यह पहले से तय कर लें। फ्राइडे को नेक्स्ट वीक की प्लानिंग और लक्ष्य बना लें। कुछ कार्य एकाएक आ जाते हैं, पर उनकी संख्या नाम मात्र की होती है।

फ्राइडे को नेक्स्ट वीक की प्लानिंग और लक्ष्य बना लें। चित्र: शटरस्‍टॉक

प्लानिंग कर लेने के बाद फिर आपको इस बात की चिंता नहीं रहती है कि अगले दिन के काम के लिए तैयारी करनी पड़ेगी। प्लानिंग को हमेशा डेट देकर अपनी डायरी या फोन के प्लानर में नोट कर लें।

3 अपने प्रति दयालू बनें (Be kind Yourself)

आप पहले दिन ही थका हुआ महसूस कर रही हैं और लो फील कर सकती हैं। इसके लिए बहुत चिंतित नहीं हों। अपने प्रति दयालू बनें। खुद को समय दें। रिलैक्स होकर अपनी सीट से इधर-उधर टहलें। अपनी पसंदीदा पेय (नारियल पानी) पीयें। अपनी साँसों पर 5 मिनट ध्यान दें। निश्चित तौर पर यह सब करने के बाद आप तरोताजा फील करेंगी

4 सप्ताह भर के भोजन की प्लानिंग पहले कर लें (Weekdays diet planning)

भोजन का भी प्रभाव हमारे मन और तन पर पड़ता है। सोमवार से शुक्रवार तक बहुत तला-भुना, डिब्बाबंद भोजन, गैसी फ़ूड को अवॉयड करें। इन सभी भोजन का न सिर्फ गट हेल्थ, बल्कि माइंड पर भी पड़ता है। ये आपको सुस्त और आलसी बना सकते हैं। कई रीसर्च बताते हैं कि तला-भुना भोजन आपको अधिक लो फील कराते हैं। वहीं ताज़ी और रंग-बिरंगी सब्जिय आपके मन को उत्साह से भर देती हैं

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
वीकली डाइट प्लान  का प्रभाव हमारे मन और तन पर पड़ता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

5 कपड़ों की तैयारी

कपड़े के रंगों का चयन भी हमारे मूड को बना या बिगाड़ देता है। सोमवार को हमेशा चटख रंग के कपड़े पहनने की कोशिश करें। डार्क ग्रीन कलर हमें नई उमंग और एनर्जी से भर देता है। सनडे को यह योजना बना लें कि अगले एक सप्ताह तक आपको किस कलर और कौन से परिधान पहनने हैं। शरीर के अंदरूनी हिस्सों तक हवा नहीं पहुंचने और ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं होने के कारण टाइट ड्रेस आपका काम करने से मन ऊबा देते हैं। इसलिए आरामदायक कपड़े पहनने की कोशिश करें।

यह भी पढ़ें :- Belly Breathing : सांस लेने का तरीका भी करता है आपकी सेहत को प्रभावित, जानिए क्या है बैली ब्रीदिंग

  • 125
लेखक के बारे में

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

अगला लेख