रिलेशनशिप में बॉन्डिंग बढ़ाता है ऑर्गेज्म, जानिए इसे पाने के लिए आपको क्या करना चाहिए

संभोग दोनों के बराबर आनंद के रूप में ही परिभाषित किया जाता है। अगर आप दोनों में से काेई एक भी ऑर्गेज़्म तक नहीं पहुंच पा रहा है, तो यह आप दोनों की बॉन्डिंग और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इस पर दोनों खुलकर बात करें।
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सेक्स सेशन के दौरान जब आप चरम सुख तक पहुंचती हैं, तो यह आपको खुशी और संतुष्टि का अहसास देता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 10 May 2023, 21:00 pm IST
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शरीर के सभी अंगों की तरह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन को जानना भी जरूरी है। सोशल टैबू (Sex taboo) के चलते महिलाओं में सेक्स के बारे में बहुत कम बात हो पाती है। उससे भी कम दिया जाता है फीमेल ऑर्गेज़्म (female orgasm) पर ध्यान। जबकि यह सेक्सुअल हेल्थ और वेलनेस का एक जरूरी हिस्सा है। बात न हो पाने और सामाजिक दबावों के कारण बहुत सारी महिलाएं फेक ऑर्गेज़्म (fake orgasm) का सहारा लेती हैं। जो उनके मानसिक, भावनात्मक और यौन स्वास्थ्य पर नकारात्म्क असर डालता है। प्लेजर गैप (Pleasure gap) कम करने के लिए यह जरूरी है कि आप भी ऑर्गेज़्म (how to get orgasm) के बारे में सब कुछ जानें।

बराबर का प्लेजर हासिल

एक हेल्दी सेक्स सेशन तभी माना जाता जब दोनों पार्टनर को इसमें बराबर का प्लेजर हासिल हो। सेक्स सेशन के दौरान जब आप चरम सुख तक पहुंचती हैं, तो यह आपको खुशी और संतुष्टि का अहसास देता है। जिसका असर आपके समग्र कल्याण पर पड़ता है।

क्या है यह ऑर्गेज़्म (orgasm)

सोशियोअफेक्टिव न्यूरोसाइंस एंड साइकोलॉजी के अनुसार, सेक्स के दौरान आनंद के चरम पर पहुंचने की प्रक्रिया ऑर्गेज़्म कहलाती है। इस प्रक्रिया के बाद शरीर तनाव मुक्त हो जाता है। पेरिनियल मसल्स, एनल ऑर्गन और सेक्सुअल ऑर्गन एक रिद्म के अनुरूप सिकुड़ते हैं।आमतौर पर पुरुषों में ओर्गेज़्म के बाद इजेकुलेशन होता है, तो महिलाओं को योनि की दीवार के संकुचन का अनुभव होता है। महिलाओं के लिए योनि और गुदा में मांसपेशियां प्रति सेकंड लगभग पांच से आठ बार सिकुड़ सकती हैं। इस दौरान दिल की धड़कन और सांस लेने की दर बढ़ जाती है।

महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है ऑर्गेज़्म तक पहुंचना (how to get orgasm)

द साइंस ऑफ़ ऑर्गेज़्म जर्नल के अनुसार, ऑर्गेज़्म आमतौर पर यौन उत्तेजना के परिणामस्वरूप होता है। इस दौरान मांसपेशियों में खिंचाव होता है और ब्लड वेसल्स सुचारू रूप से काम करने लगते हैं। दिमाग में फील-गुड केमिकल्स एंडोर्फिन का स्राव भी होने लगता है। यह आनंद की भावनाओं को बढ़ावा देती है। नियमित सेक्स और ऑर्गेज़्म उदासियों से निपटने और तनाव मुक्त करने में मदद कर सकता है। यह मूड बूस्ट कर सकता है और आप दोनों को एक-दूसरे से जोड़े रखता है।

 सेक्स के दौरान इन 5 चीजों पर जरूर दें ध्यान

1 आपको ज्यादा फोरप्ले की जरूरत है (foreplay for orgasm)

अमेरिका के किन्सी रिसर्च इंस्टिट्यूट के वुमन ओर्गास्म के स्टडी निष्कर्ष बताते हैं कि फोरप्ले की शक्ति को कभी कम कर नहीं आंकना चाहिए। आवश्यक उत्तेजना के स्तर तक पहुंचने में महिला शरीर को अधिक समय लगता है। इसलिए फोरप्ले विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। फोरप्ले शारीरिक और भावनात्मक दोनों उद्देश्यों को पूरा करता है। यह दिमाग और शरीर को सेक्स के लिए तैयार करता है।

यौन उत्तेजित होने की प्रक्रिया और योनि को लुब्रिकेट बनाने में मदद करती है। लुब्रीकेशन आरामदायक सेक्स और ओर्गाज्म के लिए आवश्यक है। इसलिए फोरप्ले पर समय देना जरूरी है। इसके तहत एक दूसरे के कंधे की मालिश, किस और एक दूसरे को प्यार से स्पर्श किया जा सकता है।

2. क्लिटोरल को उत्तेजित करने पर ध्यान दें (clitoral stimulation)

किन्सी रिसर्च इंस्टिट्यूट के वुमन ऑर्गेज़्म स्टडी रिजल्ट बताते हैं, योनि के ऊपर क्लिटोरिस स्किन के एक छोटे से हुड से आंशिक रूप से कवर किया रहता है। यह सबसे संवेदनशील इरोजेनस है। क्लिटोरिस उत्तेजित करना एक सुखद एहसास पैदा कर सकता है।

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क्लिटोरिस उत्तेजित करना एक सुखद एहसास पैदा कर सकता है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

खासकर जब ओर्गाज्म के करीब पहुंचा जाता है। ऑर्गेज़्म की संभावना को बढ़ाने के लिए क्लिटोरल उत्तेजना जरूरी है। यह सेक्स टॉय, उंगलियों या पार्टनर की जीभ से किया जा सकता है। इस पर हलका दबाव भी देना चाहिए।

3 सही पोजिशन का पता लगायें (right position)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ के अनुसार, क्लिटोरिस को जी-स्पॉट भी कहते हैं। यह योनि का एक अत्यधिक संवेदनशील हिस्सा है, जो पूरी तरह से समझ में नहीं आता है, लेकिन यह उत्तेजना प्रदान करता है। ओर्गाज्म पाने के लिए जी-स्पॉट को उत्तेजित करना होगा।

इसके लिए अलग-अलग पोजिशन तलाशनी होंगी। ऑर्गेज़्म के लिए डॉगी स्टाइल और वुमन ऑन टॉप पोजिशन को अधिक प्रभावी माना जाता है। क्लिटोरल उत्तेजना को बढ़ाने के लिए पार्टनर की गोद में भी बैठा जा सकता है। यह स्थिति बहुत अधिक अंतरंगता पैदा कर सकती है।

4 पार्टनर के साथ कम्युनिकेट करें (communication with partner)

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के शोध बताते हैं कि पार्टनर के साथ सेक्स और सेक्सुअल डिजायर के बारे में खुलकर बात करें। उन्हें अपनी शारीरिक जरूरतों के बारे में बताएं और उनकी जरूरतों के बारे में जानने की कोशिश करें

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पार्टनर के साथ सेक्स और सेक्सुअल डिजायर के बारे में खुलकर बात करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

फोरप्ले योनि को बेहतर तरीके से लुब्रिकेट करने में मदद कर सकता है। इसी तरह पार्टनर के साथ कम्युनिकेशन पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा दे सकता है। बेडरूम में खुलकर बात करने पर ओर्गेज्म तक पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है

5 अराउजल जेल का प्रयोग करें (arousal gel)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ सेक्सुअल हेल्थ के अनुसार, कुछ लोग दूसरों की तुलना में अधिक आसानी से ऑर्गेज़्म हासिल कर लेते हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि आपका सिस्टम गलत है। बाज़ार में कई अराउजल जेल भी मिलते हैं, जो उत्तेजित करने में मदद करते हैं। यदि इससे भी फायदा नहीं होता और आपको ऑर्गेज्म तक पहुंचने में दिक्कत होती है, तो किसी डॉक्टर या अन्य सेक्सुअल हेल्थ प्रोफेशनल से मिलें।

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