Dysthymia : जानिए क्या है यह मानसिक विकार, जिसमें आपको क्षण भर में गुस्सा आने लगता है

अपने काम से संतुष्ट न होना और खुद को बेकार समझना नकारात्मक भावनाएं हैं। इसके साथ ही बात-बात पर गुस्सा हो जाना बताता है कि आपकाे तत्काल मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत है।
Dysthymia kya hai
कहीं आपको डिस्थीमिया तो नहीं ? चित्र : शटरस्टॉक
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यदि आपको छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है या हर बात पर चिड़चिड़ी होने लगती हैं, तो यह कोई आम बात नहीं है। कभी-कभी का गुस्सा या चिड़चिड़ापन सामान्य हो सकता है, लेकिन अक्सर ऐसा होना आपके मानसिक स्वास्थ्य के कमजोर होते जाने को दर्शाता है। जिसकी परिणति डिस्थीमिया (Dysthymia) के रूप में भी हो सकती है। 

हालांकि यह जरूरी है समग्र स्वास्थ्य के लिए शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाए। पर जब बात मानसिक स्वास्थ्य की आती है, तो हम जाने-अनजाने उसे नजरअंदाज करने लगते हैं। जो आगे चलकर अवसाद का कारण बन जाता है।

कभी खुश न होना, खुद के काम से संतुष्ट न होना, कभी खुद को सेल्फ मोटिवेट न कर पाना और हद से ज्यादा नेगेटिव सोचना, ये वे संकेत हैं जो डिस्थीमिया नामक मानसिक विकार की सूचना देते हैं। 

dysthymia kya hai
जब आप अपनी भावनाओं को दबाते हैं, तो आपके जीवन के सामान्य कामकाज बाधित हो सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

इन्हें समझना और वक्त पर इन समस्याओं से निपटना बहुत जरूरी है। इसको एक प्रकार का डिप्रेशन कहा जाए तो यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। चलिए विस्तार से डिस्थीमिया के बारे में जानते हैं।

जानिए क्या है डिस्थीमिया (Dysthymia)

यह एक मानसिक विकार है। इस समस्या में गहरी उदासी और निराशा की भावना पैदा होने लगती है। हालांकि मूल डिप्रेशन और डिस्थीमिया के लक्षणों में ज्यादा अंतर नहीं है। डिस्थीमिया पीपीडी (पर्सिस्टेंस डिप्रेसिव डिसोर्डर) और डिप्रेशन एमडीडी (मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर)। सरल भाषा में समझा जाए, तो यह है मूल डिप्रेशन से हल्का डिप्रेशन है।

पीपीडी : यह अवसाद का एक ऐसा रूप है जो लंबे वक्त तक भी आप पर हावी रह सकता है। यह एमडीडी से कम गंभीर है। हालांकि यह आपके रिश्तों, पारिवारिक जीवन, सामाजिक जीवन, शारीरिक स्वास्थ्य, दैनिक गतिविधियां पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

एमडीडी : इसमें आपके सोचने, महसूस करने, कार्य करने के तरीकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई बार जब यह काफी हावी हो जाता है, तो आप अपनी दैनिक गतिविधियों को करने में भी असमर्थ हो जाते हैं।

यहां हैं डिस्थीमिया के मरीजों में दिखाई देने वाले सामान्य लक्षण 

  1. उदास, अकेला और निराशाजनक महसूस होना
  2. छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाना और बाद में पछता कर हताश होना
  3. सामान्य गतिविधियों में रुचि की कमी होना 
  4. बहुत कम या बहुत ज्यादा सोना
  5. ऊर्जा की कमी
  6. भूख कम लगना या खाने की इच्छा में वृद्धि
  7. वजन कम होना या बढ़ना
  8. दोषी या बेकार महसूस करना
  9. निर्णय न ले पाना और असमंजस में रहना

किन कारणों से होता है डिस्थीमिया ?

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ का डाटा बताता है कि साल 2019 में करीब 19 मिलियन अमेरिकियों ने अवसाद का सामना किया। डिस्थायमिया किन कारणों से होता है इस बात की स्पष्ट जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। हालांकि कुछ कारक है जिनको इसके लिए दोषी ठहराया जा सकता है जैसे :

  1. अपनी नौकरी में संतुष्ट न होना।
  2. मस्तिष्क की सर्किटरी असंतुलित हो जाना
  3. तनाव से भरा जीवन, जैसे ब्रेकअप और फाइनैंशल प्रॉब्लम।
depression ka Ilaaj
कई कारण से हो सकता है डिस्थीमिया। चित्र: शटरस्‍टॉक

वक्त पर इलाज कराना है जरूरी 

यदि वक्त रहते इस समस्या को समझा और इसका इलाज न कराया जाए, तो यह गंभीर अवसाद का रूप ले सकता है। ऐसे में किसी भी लक्षण का अनुभव होने के बाद आप को फौरन किसी साइकोलॉजिस्ट की आवश्यकता होगी। इसके अलावा यदि आपकी जीवनशैली गतिहीन है तो योग और मेडिटेशन के माध्यम से अपनी इस समस्या को काबू कर सकते हैं। हालांकि चिकित्सा सलाह बहुत अनिवार्य है।

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