बच्चों ही नहीं, वयस्कों के लिए भी अच्छी नींद देने में मददगार हैं कहानियां, जानिए क्या कहते हैं शोध

अगर आप भी नींद न आने की समस्या से परेशान है, तो स्टोरी बुक्स आपकी इस चिंता को कुछ ही दिनों में हल कर सकती हैं। जानते हैं इस लेख में।
storytelling ke fayde
जब आपका बच्चा अपनी समस्याओं के बारे में बताए, तो उसे काफी संवेदनशील तरीके से सुनने का प्रयास करें। चित्र: शटरस्टॉक
ज्योति सोही Published: 17 Mar 2023, 20:07 pm IST
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आपको याद होगा बचपन की वो रातें, जब दादी -नानी और मम्मी- पापा से कहानियां सुनते सुनते कब नींद आ जाती थी, पता ही नहीं चलता था। सोते वक्त कहानी सुनने की वो जिद्द शायद उस वक्त अच्छी थी। क्या आप अब भी कहानियां पढ़ना और सुनना पसंद करती हैं(benefits of bedtime stories for adults)। डब्ल्यू एच ओ (WHO) के मुताबिक पूरी नींद न लेने से हृदस संबधी बीमारियों का रिस्क बढ़ने लगता है।

कितने घंटे सोना है ज़रूरी

फोर्ब्स की स्टडी के मुताबिक 18 से 64 साल के व्यस्कों को सात घंटे की नींद की आवश्यकता है।
65 और उससे अधिक उम्र के लोगों को 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यू एस में 50 से 70 मिलियन लोग स्लीप डिसआर्डर के शिकार है। साल 2021 की एस स्टडी के मुताबिक सोने से कम से कम दो घंटे पहले अगर आप डिवाइस का इस्तेमाल करना बंद कर देती है, तो इससे आपकी नींद की क्वालिटी बेहतर होगी।

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कहानियां सुनने से मन हर तरह के तनाव से मुक्त हो जाता है। चित्र: शटरस्टॉक

जानिए अच्छी नींद में किस तरह मददगार साबित होता है कहानी पढ़ना या सुनना

1 स्ट्रेस बस्टर (Stress buster)

अगर हम रात में सोने से पहले पॉडकास्ट सुनते हैं या कोई कहानी पढ़ते हैं, तो इससे हमारा स्ट्रेस रिलीज़ होने लगता है। दरअसल, सभी चीजों को भूलकर हम कहानी की गहराई में खो जाते है। जो हमें एक अलग दुनिया में ले जाती है। सुनते सुनते हम चित्रों को बुनने लगते है। इससे धीरे धीरे माइंड रिलैक्स होता है और हम सो जाते हैं।

इस बारे में येल सेंटर फॉर स्लीप मेडिसिन के चिकित्सा निदेशक डॉ क्रिस्टीन वॉन बताते हैं, कि स्लीपिंग टाइम में कहानियां हमारे मांइंड को हर प्रकार की परेशानियों से मुक्त करने का काम करती हैं। ऐसे में शरीर से एड्रेनालाईन हार्मोन रिलीज़ होता है, जो हमें तनाव मुक्त करके अच्छी नींद प्रदान करता है।

2 खुशहाली का कारण (Reason of happiness)

कहानियां सुनना और सुनाना दोनों ही मज़ेदार बातें है। अगर आप फेयरी टेल्स सुनने का शौक रखते हैं, तो ये खुद को खुश रखने का एक आसान उपाय है। इसके अलावा भरपूर नींद आपको एनर्जी से भरपूर रखती है। इससे आप दिनभर उर्जावान महसूस करते हैं और सभी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं।

3 नींद के लिए तैयार करती है (Preparation for sleep)

अगर आप नींद न आने की समस्या से परेशान है और कई तरह की मेडिटेशन्स लेने के बावजूद भी नहीं सो पा रहे है। ऐसे में कहानियां सुनने या पढ़ने का एक समय बनाएं। कोशिश करें कि सोने से पहले एक से दो कहानी बोलकर पढ़े। इससे आपका दिमाग शांत होगा और आपको नींद आने लगेगी। इस बारे में एक्सपर्टस का कहना है कि कहानियां हमारे दिमाग को बाकी चीजों से मुक्त करके चित्रों को बुनने में मसरूफ कर देती है। ये प्रक्रिया हमें नींद की ओर ले जाती हैं।

4 नींद में बार बार उठने की समस्या होगी दूर

कुछ लोग सोने के बाद देर रात डरकर या अन्य कारणों से बार बार उठते है। कारण दिमाग में चलते वाली बहुत सी बातें, जो सोने से कुछ देर पहले हम किसी से कर रहे थे या गैजेट्स में कुछ ऐसा देख रहे थे, जो अब भी दिमाग के किसी कोने में चल रहा है। इस कंडीशन में आप हेल्दी स्लीप नहीं ले पाते हैं। वहीं दूसरी ओर अगर आप कहानियां सुनकर सोते हैं, तो आपका दिमाग पूरी तरह से रिलैक्स हो जाता है। साथ ही बार बार उठने की समस्या का निवारण हो जाता है।

mahilayon ko bees minute jyada sona chahiye
रिसर्च में ये पाया गया है कि महिलाओं को पुरूषों के मुकाबले 20 मिनट ज्यादा सोना चाहिए।
चित्र : शटरस्टॉक

5 गुड लिसनर बनाकर व्यक्तित्व को बेहतर बनाती हैं

आज के दौर में कोई व्यक्ति एक दूसरे की बात को सुनने की क्षमता नहीं रखता है। अगर आप लगातार 10 से 15 मिनट तक बिना बोले या टोके कहानी को सुन पा रहे हैं, तो इससे आपकी सुनने की शक्ति का विकास होता है।

6 सही रुटीन सेट करने में होती हैं मददगार

रोज़ाना अगर आप स्टोरीज़ को सुनना पसंद करने लगेंगे, तो इससे ये आपकी दिनचर्या का एक हिस्सा जाएगा। आपको देखते ही देखते एस खास वक्त पर कहानी सुनने या पढ़ने की लालसा होने लगेगी और फिर अपने आप नींद आ जाएगी। इस रूटीन के डिवेल्प होने से आप क्वालिटी स्लीप का आंनद ले पाएंगे।

कहानियां सुनकर सोने की बचपन की वो आदत बड़े होकर हमें नींद के लिए तैयार करने का एक ज़रिया बनेगा किसने सोचा था। बच्चों के साथ साथ हमें भी भरपूर नींद के लिए स्टोरीज़ को सुनना और पढ़ना ज़रूरी है। अगर आपने अब तक इस टिप को नहीं अपनाया है, तो इस पारंपरिक तरीके से खुद को खुशहाल रखने का ये आसान तरीका है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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