सिर्फ प्यार ही नहीं बढ़ाता ब्रेस्टफीडिंग और हेल्दी पेरेंटिंग में भी मददगार है ऑक्सीटोसिन

जिसे आप लव हार्मोन कहते हैं, वही असल में आपको अपने पार्टनर के प्रति वफादार भी बनाता है। जानिए ये कैसे काम करता है।
oxytocin hormone hypothalamus se paida hota hai jise love hormone kahte hain.
ऑक्सीटोसिन हार्मोन हाइपोथैलेमस से पैदा होता है, जिसे लव हार्मोन कहते हैं। चित्र: शटरस्टॉक
श्याम दांगी Published: 15 Feb 2022, 17:12 pm IST
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ऑक्सीटोक्सीन हार्मोन (Oxytocin hormone) को लव हार्मोन (Love hormone) के रूप में जाना जाता है। यह प्रेमी जोड़ों में रोमांटिक बॉन्डिंग बेहतर बनाने में फायदेमंद है। इसके अलावा ऑक्सीटोक्सीन सोशल रिलेशनशिप को मजबूत करने एवं यौन प्रजनन को बेहतर करने में कारगर है। सिर्फ यही नहीं, यह महिलाओं में ब्रेस्टफीडिंग और अपने पार्टनर के प्रति आकर्षण बनाए रखने में भी मददगार है। 

शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह हार्मोन हाइपोथैलेमस से पैदा होता है। जो कि पिट्यूटरी ग्रंथियों से निकलता है। 2012 की एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि प्रेमी जोड़े जब अपने रिश्ते की शुरुआत में होते है, तब ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्तर काफी अधिक होता है। 

तो आइए जानते हैं आखिर इसे लव हार्मोन क्यों कहा जाता है? यह रिलेशनशिप को कैसे बेहतर करता है?

क्या होता है ऑक्सीटोसिन?

दरअसल, ऑक्सीटोसिन एक प्रकार का हार्मोन है। यह एक न्यूरोट्रांसमीटर की तरह कार्य करता है। ऑक्सीटोसिन प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जहां महिलाओं में यह कार्य क्षमता बढ़ाने और स्तनपान कराने में सहयोगी है। वहीं पुरुषों में स्पर्म को रिलीज करने में मददगार है।  

ऑक्सीटोसिन हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला हार्मोन है। इसका निर्माण हाइपोथैलेमस द्वारा होता है। जो कि पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा रिलीज होता है। 

ऑक्सीटोसिन का लव कनेक्शन 

इसी स्टडी के मुताबिक, ऑक्सीटोसिन प्रेमी जोड़ों में रोमांटिक बॉन्डिंग को मजबूत करता है। इसका कनेक्शन सिर्फ नए प्रेमी जोड़ों से ही नहीं है, बल्कि यह सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान ऑर्गेज्म को बढ़ाने का भी काम करता है। जब कपल अपने रिलेशन की शुरुआत में होते है, तब उनके अंदर ऑक्सीटोसिन का स्तर सबसे ज्यादा होता है। एक अन्य शोध में यह बात सामने आई है कि यह हार्मोन रिलेशनशिप को बेहतर करने में मददगार है। यह प्रेमी जोड़े में ऑनेस्टी, सिम्पथी और हेल्दी रिलेशनशिप के लिए जरुरी है।   

डोपामाइन और सेरोटोनिन से कनेक्शन 

ऑक्सीटोसिन का डोपामाइन और सेरोटोनिन नामक हार्मोन से एक ख़ास कनेक्शन होता है। इन्हें हैप्पी हार्मोन (happy hormone) के रूप में जाना जाता है। शोध के मुताबिक, जब आप किसी अन्य व्यक्ति के प्रति आकर्षित होते हैं, तो आपका मस्तिष्क डोपामाइन रिलीज करता है। इससे सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है और ऑक्सीटोसिन का उत्पादन होता है। इस वजह से आप पॉजिटिविटी से भर जाते हैं।  

यहां हैं ऑक्सीटोसिन के फायदे 

1 पॉजिटिविटी बढ़ाने में मददगार 

वैज्ञानिकों का कहना हैं कि ऑक्सीटोसिन शरीर में रेस्ट, बिलीव, साइकोलॉजिकल स्टेबिलिटी के लिए जिम्मेदार है। यह मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में रिलीज होकर तनाव को कम करने का काम करता है।  

2 रोमांस बढ़ाता है ऑक्सीटोसिन 

ऑक्सीटोसिन शरीर में इमोशनल बॉन्डिंग को मजबूत करने और सोशल सिचुएशन को अनुकूल बनाने में मदद करता है। 2010 के शोध से पता चलता है कि रोमांटिक पार्टनर्स के बीच इंट्रानैसल ऑक्सीटोसिन ऑटिज्म रिश्ते को बेहतर बनाने में सहायक है। 

Oxytocin sharir me emotional bonding ko majboot karta hai.
ऑक्सीटोसिन शरीर में इमोशनल बॉन्डिंग को मजबूत करता है। चित्र: शटरस्टॉक

3 भरोसा बढ़ाता है 

प्यार में वफादारी बेहद जरुरी है। वफ़ादारी और ऑक्सीटोसिन के बीच भी खास कनेक्शन है। इसलिए पुरुष अपने पार्टनर को अन्य परिचित और अपरिचित महिलाओं की तुलना में अधिक आकर्षक मानते हैं। पुरुषों में यह आकर्षक महिला अजनबियों से अधिक दूरी बनाए रखने के लिए सहायक है। इसका प्रभाव महिलाओं और पुरुषों पर अलग-अलग पड़ता है।  

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4 पैरेंटिंग बॉन्ड बनाता है 

ऑक्सीटोसिन मदरहुड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं में ये हार्मोन हार्ड वर्क करने, डिलीवरी के बाद गर्भाशय को पीछे ले जाने और बच्चे को स्तनपान कराने में मदद करता है। स्टडी में यह बात सामने आई है कि महिलाओं अटैचमेंट पेरेंटिंग के जिम्मेदार है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑक्सीटोसिन का पेरेंट्स और अडॉप्टिव पेरेंट्स में समान प्रभाव पड़ता है। पिता और बच्चे की अच्छी बॉन्डिंग होने पर भी ऑक्सीटोसिन का स्तर अधिक होता है।  

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