गुस्सा एक नेचुरल भावना है, इसे दबाने की बजाए मैनेज करना सीखें, ये 5 एक्सपर्ट टिप्स हो सकते हैं मददगार 

क्रोध भावनाओं को व्यक्त करने का तरीका है। यदि आपको भी किसी बात पर बहुत तेज गुस्सा आता है, तो जानें उसे मैनेज करने के 5 टिप्स।
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छोटी- छोटी बात पर गुस्सा करना आप में विटामिन और पोषर तत्वों की कमी के कारण हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 25 Aug 2022, 18:24 pm IST
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क्रोध न सिर्फ बुरी भावना है, बल्कि यह स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है। अमूमन आपको तभी गुस्सा आता है, जब आपको अपने आसपास की कोई चीज बहुत बुरी लगती है। पर ऐसा हमेशा नहीं होता। कई बार हमारे गुस्से का कारण हम खुद भी हो सकते हैं। यह हमें बहुत अच्छा महसूस नहीं करवाता है। जीवन में सब कुछ हमारी पसंद या इच्छा के अनुसार नहीं हो सकता। यही असहज भावना क्रोध का कारण बन सकती है। यह हमारे नियंत्रण में है कि गुस्से को स्वस्थ तरीके से कैसे व्यक्त किया जाए।

डॉ. निकोल लेपेरा जो Instagram पर उपनाम @the।holistic।psychologist के नाम से प्रसिद्ध हैं,  गुस्से को व्यक्त करने के कुछ स्वस्थ व दिलचस्प तरीके साझा किए।

क्रोध से निपटने के अनहेल्दी तरीकों को न अपनाएं

डॉ. लेपेरा के अनुसार, क्रोध से निपटने के लिए हर किसी के पास अलग-अलग मेकेनिज्म होता है। यह महत्वपूर्ण है कि क्रोध से कैसे निपटा जाए?

हम में से कई लोग क्रोध से निपटने के लिए अनहेल्दी तरीकों का उपयोग करते हैं। इनमें शामिल हैं –

गुस्से को दबाना या इंकार करना

क्रोध को हानिकारक या विनाशकारी तरीके से बाहर निकालना

उदासी, अयोग्यता या भय को कवर इमोशन के रूप में उपयोग करना

सुरक्षित महसूस करने के लिए क्रोध के पीछे छिपना

क्रोध से डरने वालों की रिएक्टिविटी होती है ज्यादा

डॉ लेपेरा कहते हैं ” क्रोध को यदि इस तरह से व्यक्त किया जाता है, तो यह एक मुकाबला करने वाला तंत्र या गहरे दर्द से बचाने का एक तरीका बन जाता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि यदि आप लगातार क्रोध महसूस कर रही हैं, तो यह संकेत है कि आपके भीतर का बच्चा आपसे खुद की जरूरतों पर अधिक ध्यान देने का संदेश दे रहा है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि वैकल्पिक रूप में लोग क्रोध से बचने या लड़ने के लिए चिल्लाते हैं, दीवारों से टकराते हैं या चीजों को तोड़ भी देते हैं। यह हाई रिएक्टिविटी उन लोगों में दिखाई देती है, जो क्रोध से डरते हैं और यह नहीं जानते कि इसका सामना कैसे किया जाए।

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क्या क्रोध व्यक्त करने का कोई स्वस्थ तरीका भी है, आइए पता करते हैं!

क्रोध व्यक्त करने के स्वस्थ उपाय

1 उन लोगों को “नहीं” कह कर एक सीमा निर्धारित करें, जो आपको गुस्सा दिलाते हैं

2 गहरी सांस लेकर अपने शरीर में गुस्से को महसूस करना सीखें। यह आपको शांत करने में मदद करेगा।

3अपनी जरूरतों को स्पष्ट रूप से बताएं। अगर आपको लगता है कि आपकी जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया गया है या खारिज कर दिया गया है, तो उन्हें बताएं। यह आपको दबी हुई भावनाओं के साथ क्रोध करने से बचाएगा।

4 क्रोध को बाहर निकालने से पहले रुकना सीखें

5 ध्यान दें कि क्या आपका गुस्सा सेल्फ बीट्रेल या आत्म विश्वासघात के पैटर्न से आता है।

6 अपने गुस्से को सुरक्षित रूप से चीख कर या तकिया फेंकने के जरिये क्रोध को रिलीज करें।

7 जान लें कि गुस्सा करने में कुछ भी गलत नहीं है। यह एक सामान्य मानवीय भावना है। आपको इससे स्वस्थ तरीके से निपटने के लिए बस सही तकनीक को जानना होगा।

गुस्से को मैनेज कैसे करें 

1 अपने शरीर को हिलाएं

शरीर को हिलाने से भावनात्मक ऊर्जा को बाहर निकालने में मदद मिलती है। बेहतर महसूस करने के लिए अपने शरीर को स्ट्रेच करें, टहलने जाएं या कुछ शारीरिक व्यायाम करें। यह जानने की कोशिश करें कि आपके शरीर में क्या चल रहा है – गुस्से को दूर करने के लिए सांस लेने, योग करने, शरीर को हिलाने या नाचने का प्रयोग करें। ये सभी एक्टिविटीज प्रभावी हैं।

2 अपनी सभी प्रकार की भावनाओं को लिखें

आप अपने विचारों को अपने दिमाग से निकालने के लिए कागज पर एक जर्नल रूप में लिखने की कोशिश करें। लिखकर आप क्रोध पर काबू पा सकते हैं। लिखने से आपको अपनी भावनाओं को बाहर निकालने में मदद मिलेगी। इससे आपका गुस्सा कम होगा और आपकी नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक दिशा में जाएगी।

3 समझने की कोशिश करें कि आपको कब समय चाहिए

जब आप गुस्से में हों तो अकेला होना जरूरी होता है। मौखिक रूप से बोलना सीखें, “मुझे स्थान या अवकाश चाहिए।” अपने साथ समय बिताने से आप स्थिति के बारे में फिर से सोचेंगे और क्रोध या तनाव से निपटने में आप स्वयं की मदद कर पाएंगे।

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खुद को समझने की कोशिश करें। चित्र: शटरस्टॉक

4 भीतर के बच्चे के प्रति दयालु बनें

जब आप गुस्से में हों तो, कभी भी अपनी आलोचना न करें। आपको अपने आप से प्यार से बात करनी चाहिए।

5 निर्णय न लें

जब आप क्रोधित होते हैं, तो किसी भी प्रकार का निर्णय जल्दबाजी में लेते हैं। बाद में आपको अपने निर्णय पर पछताना पड़ सकता है।

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क्रोध में किसी प्रकार का निर्णय न लें। चित्र: शटरस्टॉक

डॉ लेपेरा बताते हैं कि बेहतर होगा कि हम आवेग में आकर किसी भी प्रकार का निर्णय न लें, क्योंकि क्रोध हमें गलत विचारों और गलत रास्तों की ओर ले जाना चाहता है।

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