अनिद्रा को और ज्यादा बढ़ा देती हैं स्लीपिंग पिल्स, तनाव और एंग्जाइटी का भी बन सकती हैं कारण

स्लीपिंग पिल्स की बढ़ती मांग लोगों के बीच अनिद्रा को बढ़ावा देने के साथ ही सेहत संबंधी अन्य समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा देती हैं। जानें इस पर क्या है एक्सपर्ट की राय।
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जानिए आपके लिए कैसे खतरनाक हो सकती है नींद की गोलियों पर निर्भरता। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 21 Apr 2023, 21:11 pm IST
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खराब लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, एंग्जायटी जैसी तमाम मानसिक स्थितियां लोगों को अनिद्रा का शिकार बनाती जा रही हैं। ऐसी स्थिति में लोग उचित नींद प्राप्त करने के लिए नींद की गोलियां यानी कि स्लीपिंग पिल्स लेते हैं। धीरे-धीरे स्लीपिंग पिल्स की मांग काफी ज्यादा बढ़ती जा रही है। हालांकि, डॉक्टर द्वारा एक उचित समय के लिए प्रिसक्राइब की गई नींद की गोलियां सेहत को हानि नहीं पहुंचाती। यदि कोई इसका आदी हो चुका है और हर रोज सोने से पहले स्लीपिंग पिल्स लेता है तो यह सेहत को कई रूपों में हानि पहुंचा सकती है। इतना ही नहीं यह सबसे पहले नींद की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर डालती है।

हेल्थ शॉट्स ने इस बारे में उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक और निदेशक डॉ शुचिन बजाज से बातचीत की। उन्होंने इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है। तो चलिए जानते हैं किस तरह स्लीपिंग पिल्स का सेवन सेहत के लिए उचित नहीं होता (Side effects of sleeping pills)।

इनकी लत लग सकती है

नींद की गोलियां अत्यधिक नशीली हो सकती हैं। जो लोग नियमित रूप से इसे लेते हैं वो आसानी से इसके आदि हो जाते हैं और लंबे समय तक इसका उपयोग लोगों को इसपर निर्भर कर देते हैं। इस स्थिति में जब लोग इसे छोड़ना चाहते हैं तो उनके लिए यह काफी कठिन हो जाता है। इन गोलियों को लिए बिना उन्हें सोने में तकलीफ होती है।

aadhi rat me neend khul jana mental aur physical health ke liye pareshani bhara ho sakta hai
इस समस्या में स्लीप पैटर्न पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

नींद की गुणवत्ता पर पड़ता है असर

डॉक्टर के अनुसार नींद की गोलियां लोगों को जल्दी सोने में मदद करती हैं, परंतु दूसरी और यह नींद की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से भी प्रभावित कर देती हैं। इसका मतलब यह है कि भले ही नींद की गोली लेने वाले लोग आम लोगों की तुलना में अधिक सोते हों परन्तु उनका शरीर और मस्तिष्क पूरी तरह से आराम की मुद्रा में नहीं होता जिसकी वजह से अगले दिन वे उठने के बाद तरोताजा और एनर्जेटिक नहीं रहते।

स्लीपिंग पिल्स लेने से नजर आ सकते हैं ये साइड इफेक्ट्स

नियमित रूप से स्लीपिंग पिल्स लेने से चक्कर आना, नींद की कमी महसूस होना, सिरदर्द, मुंह सूखना और पाचन संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। नीद की गोलियां लेने से दिन के समय स्लीपिनेस्स महसूस होती है, जिससे दिन के दौरान काम करना और किसी चीज पर ध्यान केंद्रित रख पाना मुश्किल हो जाता है।

समय के साथ बढ़ता जाता है इनका डोज

समय के साथ, शरीर नींद की गोलियों के प्रति सहिष्णुता विकसित कर लेता है, जिसका अर्थ है कि लोगों को समान प्रभाव प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक खुराक लेने की आवश्यकता होती है। इससे साइड इफेक्ट और निर्भरता का खतरा और अधिक हो जाता है। एक बार जब शरीर इसकी आदि हो जाती है तो कुछ-कुछ समय पर लोगों को अपनी नींद की गोलियों का डोज बढ़ाना पड़ता है इसलिए हमेशा सचेत और सतर्क रहें।

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हो सकती हैं सेहत संबंधी अन्य समस्याएं

1. बढ़ जाता है स्ट्रेस और एंग्जाइटी का खतरा

नींद की गोलियां लेने से नींद की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिसकी वजह से अनिंद्रा की समस्या होती है जो स्ट्रेस को बढ़ावा देती है और मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर देती है। खासकर बुजुर्गों में इसकी वजह से गिरने, चोट लगने और घायल होने का खतरा बना रहता है।

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नींद की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर डालती है स्लीपिंग पिल्स। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. हो सकता है एलर्जिक रिएक्शन

कुछ लोगों में स्लीपिंग पिल्स लेने से एलर्जिक रिएक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। उन्हें इचिंग, रैशेज के साथ अन्य प्रकार के एलर्जी का सामना करना पड़ सकता है।

3. पाचन क्रिया पर पड़ता है असर

स्लीपिंग पिल्स लेने से पाचन क्रिया पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस स्थिति में कब्ज, अपच, डायरिया और उल्टी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

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ध्यान रखें

डॉक्टर के अनुसार जो लोग नींद की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें नींद की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए स्लीपिंग पिल्स की जगह थेरेपी, मेडिटेशन, योग जैसी गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। साथ ही जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव के साथ आप इस समस्या से आसानी से ओवरकम कर सकती हैं।

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लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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