विटामिन बी 12 की कमी भी हो सकती है आपके चिड़चिड़ेपन के लिए जिम्मेदार, समझिए इस जरूरी विटामिन का महत्व

यदि आप अपने नियमित आहार में विटामिन बी 12 के स्रोत वाले आहार शामिल नहीं कर रही हैं, तो इसका असर आपकी मेंटल हेल्थ पर भी पड़ सकता है। इससे आप गुस्से, एंग्जाइटी या अवसाद की भी शिकार हो सकती हैं।
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दूसरों के द्वारा जज किए जाने का डर एक सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर है। चित्र: शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:04 am IST
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दुनिया भर में ज्यादातर लोग जीवन में कभी-न कभी अवसाद के शिकार होते हैं। उनका मेंटल हेल्थ प्रभावित होता है। ख़ास कर कोरोना महामारी (COVID-19) और लॉकडाउन के बाद से नौकरियों के जाने पर लोगों में अवसाद बहुत तेज़ी बढ़ा है। यह किसी ख़ास आयु वर्ग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों को भी चपेट में ले रहा है। शोध और विशेषज्ञ बताते हैं कि परिस्थिति के साथ-साथ पोषक तत्वों की कमी भी हमारे मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है। इसमें विटामिन बी12 एक है। यदि खानपान में विटामिन बी12 की कमी है, तो मेंटल हेल्थ जरूर प्रभावित (Vitamin B12 for mental health) होता है।

क्या कहती हैं विटामिन बी 12 से जुड़ी रिसर्च (Research on Vitamin B12 for mental health)

यूएसए के इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल न्यूरोसाइंसेस एंड साइकोलॉजी की शोधकर्ता प्रेरणा सांगले, ओसामा संधू, जर्मीना आफताब, थॉमस एंथोनी और सफीरा खान की टीम ने विटामिन बी 12 की कमी पर शोध किया। इसके निष्कर्ष को क्यूरियस जर्नल में प्रकाशित किया गया। शोधकर्ताओं के अनुसार, 18-25 वर्ष की आयु की महिलाओं और युवा वयस्कों में अवसाद अधिक देखा जाता है। इसका मुख्य कारण विटामिन बी 12 की कमी हो सकता है। जानकारी के अभाव में विटामिन बी की कमी से जूझने के बावजूद इसका इंटेक नहीं बढ़ा पाते हैं। और मस्तिष्क स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझते हैं।

आपकी एनर्जी और मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाती है विटामिन बी 12 डेफिशिएंसी

विटामिन बी 12 मानव शरीर में मौजूद बैक्टीरिया द्वारा संश्लेषित होता है। यह पानी में घुलनशील विटामिन है। यह मुख्य रूप से मीट प्रोडक्ट के सेवन से प्राप्त होता है। शाकाहारी आहार वाले व्यक्तियों में स्वाभाविक रूप से इसकी कमी होती है। इस विशेष विटामिन की कमी से थकान, कमजोरी, कब्ज, संतुलन संबंधी समस्याएं, हाथ-पैर में झुनझुनी का एहसास, अवसाद और संज्ञानात्मक समस्याएं (Cognitive Problem) भी हो सकती हैं।

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आपकी एनर्जी और मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाती है विटामिन बी 12 डेफिशिएंसी. चित्र शटरस्टॉक।

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न्यूरोलॉजिकल कार्यप्रणाली में निभाता है मुख्य भूमिका

माइक्रोन्यूट्रीएंट मस्तिष्क की सामान्य संरचना और कार्यों को प्रभावित करने के लिए जाने जाते हैं। विटामिन बी 12 को सायनोकोबलामिन के रूप में भी जाना जाता है। यह पानी में घुलनशील विटामिनों में से एक है। विटामिन बी 12 मुख्य रूप से लाल रक्त कोशिका निर्माण, न्यूरोलॉजिकल कार्यप्रणाली और डीएनए संश्लेषण में भूमिका निभाता है। B12 नर्वस सिस्टम के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण पोषक तत्व है।

सेरोटोनिन और डोपामाइन के उत्पादन के लिए यह महत्वपूर्ण है। यह मूड-बढ़ाने वाला न्यूरोट्रांसमीटर है। विटामिन बी 12 की कमी से हेमटोलॉजिकल परिवर्तन, न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यह चिड़चिड़ापन, व्यक्तित्व में परिवर्तन, अवसाद और स्मृति हानि के रूप में प्रकट हो सकती हैं।

फोकस और मेमोरी में भी सुधार कर सकता है

विटामिन बी 12 और अन्य बी विटामिन मस्तिष्क रसायनों के उत्पादन में भूमिका निभाते हैं। ये केमिकल मूड और अन्य मस्तिष्क कार्यों को प्रभावित करते हैं। बी-12 और अन्य बी विटामिन जैसे विटामिन बी 6, फोलेट का लो लेवल अवसाद से भी जुड़ सकता है। शोध में पाया गया कि विटामिन बी12 के जरूरी मात्रा के सेवन से अवसादग्रस्तता सहित मेंटल हेल्थ से जुड़ी दूसरी परेशानियां भी कम हो गई। यह फोकस और मेमोरी में भी सुधार कर सकता है।

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विटामिन बी 12 और अन्य बी विटामिन मस्तिष्क रसायनों के उत्पादन में भूमिका निभाते हैं। चित्र शटरस्टॉक।

विटामिन बी 12 से भरपूर आहार को नियमित आहार में शामिल करना जरूरी

जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार मछली, मीट, पौल्ट्री, अंडे और डेयरी उत्पादों सहित एनिमल बेस्ड फ़ूड में विटामिन बी 12 स्वाभाविक रूप से मौजूद होते हैं। इनके अलावा, फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल्स और फोर्टिफाइड न्यूट्रिशनल यीस्ट विटामिन बी12 के उपलब्ध स्रोत हैं।

विटामिन बी12 लेने वाली महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क में विटामिन बी12 का औसत स्तर 0.44 एमसीजी/एल है। सामान्य रूप से प्रत्येक व्यक्ति में 160 – 950 पिकोग्राम प्रति मिलीलीटर (pg/mL) या 118-701 पिकोमोल प्रति लीटर (pmol/L) होना चाहिए। मेंटल हेल्थ को मजबूती देने के लिए आहार में नियमित रूप से विटामिन बी 12 को शामिल करना जरूरी है।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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