इन 3 तरीकों से आप भी कंट्रोल कर सकती हैं नकारात्मक भावनाएं 

आप सोते समय भी बेली फैट बर्न कर सकती हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसी 5 चाय के बारे में, जिन्हें रोजाना सोने से पहले लेने पर आपका वजन घटने लगेगा।
negative emotion ka control
रचनात्मक तरीके से भावनाओं की अभिव्यक्ति से नकारात्मक भावनाएं दूर होती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 20 May 2022, 21:00 pm IST
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 अक्सर आप जब किसी रिलेशनशिप में रहती हैं या परिवार के किसी सदस्य को लेकर अधिक पजेसिव होती हैं, तो आपको उनकी छोटी से छोटी बात भी बुरी लग जाती है। फिर आप लगातार उसी विषय पर सोचती रहती हैं। ज्यादातर महिलाओं को यह शिकायत रहती है कि उनके परिवार के सदस्य, रिलेटिव, कलीग या करीबी दोस्त उनकी भावनाओं को समझ नहीं पाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि उनकी यह शिकायत निगेटिव इमोशंस के कारण होती है। क्योंकि वे अपनी भावनाओं को अच्छी तरह से अभिव्यक्त या एक्सप्रेस नहीं कर पाती हैं। 

यदि आप भी इस बात को अच्छी तरह समझ जाएंगी, तो आपकी न सिर्फ शिकायत करने की आदत दूर हो जाएगी, बल्कि आप पहले की अपेक्षा अधिक खुश भी रहने लगेंगी। जल्दी किसी बात का बुरा मानने की वजह और उसका उपाय जानने के लिए हमने बात की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. कृति मेहरोत्रा से। 

  क्यों होती है यह समस्या 

डॉ. कृति बताती हैं “ह्यूमन बीइंग दो तरह के होते हैं। इंट्रोवर्ट और एक्स्ट्रोवर्ट। एक्स्ट्रोवर्ट अपनी भावनाएं प्रकट कर देते हैं, लेकिन इंट्रोवर्ट या अंतर्मुखी अपनी भावनाओं को प्रकट नहीं कर पाते हैं। जो लोग अपनी भावनाओं को प्रकट नहीं कर पाते हैं, वे अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं। उनके मन में कई तरह के निगेटिव विचार चलते रहते हैं। कुछ महिलाएं तो छोटी-सी बात पर अकेले में रोने भी लगती हैं। ऐसे इंट्रोवर्ट लोग जो अपनी बात दूसरों से कह नहीं पाते या शेयर नहीं कर पाते हैं, उनके लिए सिर्फ एक ही उपाय है-स्वयं को अलग-अलग माध्यमों से एक्सप्रेस करना या अभिव्यक्त करना।” 

इससे उनके इमोशंस क्रिएटिव रूप में सामने आ पाते हैं। यहां 3 माध्यम बताए गए हैं, जिनकी मदद से आप अकेले में घुटने की बजाय स्वयं को एक्सप्रेस या अभिव्यक्त करने लगेंगी। 

 1 म्यूजिक थेरेपी 

यूथ में म्यूजिक के प्रति पैशन होता है। लेकिन यहां आप हिप-हॉप या दूसरे शोर वाला म्यूजिक नहीं, बल्कि शास्त्रीय संगीत और नृत्य का सहारा लें। शास्त्रीय संगीत या नृत्य आपको असीम शांति प्रदान करते हैं। किसी भी प्रकार की कला आपके अंदर की कुंठा बाहर निकालती है, जिसे केथार्सिस कहते हैं। 

कला को धुआं, यानी मन का गुबार बाहर निकलने का स्रोत भी कहा जाता है। कला से जुड़ने के बाद आपकी दबी भावनाएं बाहर आएंगी। बॉडी और सोल दोनों रिलैक्स होंगे और आप फ्री महसूस करेंगी। 

  2 कमजोरी को खूबी में तब्दील करें 

कृति कहती हैं, “आप अपनी आंखें बंदकर सोचें कि आपकी पर्सनेलिटी में क्या कमजोरी है? आप अपनी उस कमजोरी को खूबी में बदलने के बारे में सोचें। इसे इस उदाहरण से भी समझा जा सकता है। 

दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग मोनालिसा के रचनाकार लियोनार्दो द विंची को शब्दों की बनावट समझ में नहीं आती थी। अपनी इस कमजोरी की वजह से वे आम लोगों की तरह कभी घबराये नहीं। वे चित्र बनाकर लोगों को अपनी बात कहते। जो लोग इंट्रोवर्ट होते हैं, उनका मस्तिष्क रचनात्मक कार्यों की ओर आकृष्ट होता है। वे अपने मन के भावों को कला के जरिये प्रदर्शित करते हैं। अगर उनके काम की प्रशंसा होती है और उन्हें वाहवाही मिलती है, तो वे और अधिक उत्साह से इस काम से जुड़ जाते हैं। 

Creativity hai jaroori
क्रीएटिविटी जीवन में बहुत आवश्यक है। चित्र : शटरस्टॉक

  3 अपने हुनर को पहचानें 

माना जाता है कि कला और हुनर हर इंसान के अंदर मौजूद होता है। जरूरत होती है उसे बाहर लाने की। कुछ लोगों को कोई भी दृश्य देखकर कहानी लिखने, कविता रचने या कार्टून बनाने की इच्छा होने लगती है। कुछ लोगाें को फोटोग्राफी का भी शौक होता है। यदि आपको भी कुछ इस तरह की रुचि है, तो अवश्य आजमाएं। इससे आपका माइंड पॉजिटिवली डायवर्ट होगा। 

बेकार की बातों में अपना दिमाग उलझाने की बजाय आप अपनी रुचि के क्रिएटिव वर्क करना चाहेंगी। साथ ही, यदि स्वयं में तरह-तरह की किताबें पढ़ने की आदत डालेंगी, तो वह और भी फायदेमंद होगा। कई बार अपनी समस्याओं का हल भी आपको इन किताबों में मिल जाएगा। 

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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