मकर संक्रांति पर मेरी मम्मी बनाती हैं तिल और गुड़ के लड्डू, जो स्वाद ही नहीं सेहत में भी हैं लाजवाब

तिल और गुड़ दोनों ही आपकी सेहत के लिए हेल्दी फूड्स हैं। इस बार मकर संक्रांति पर इनसे लड्डू बनाएं और खाएं।
sirf svaad mein hee nahin aapakee sehat banaaye rakhane mein bhee phaayademand hai gud -til ke laddoo
सिर्फ स्वाद में ही नहीं आपकी सेहत बनाये रखने में भी फायदेमंद है नारियल रागी के लड्डू। चित्र : शटरस्टॉक
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मकर संक्रांति 2022 (Makar Sankranti 2022) काफी करीब है। ऐसे में इस दिन के लिए सबके अलग-अलग प्लान होते हैं। लेकिन जब मकर संक्रांति की बात आती है, तो एक चीज सबसे कॉमन है और वह हैं “तिल और गुड़” के लड्डू। भारत का कोई भी राज्य क्यों न हो, इस दिन को अलग-अलग नाम से जाना जाता हो,लेकिन तिल और गुड़ के पकवान हर जगह बनाए जाते हैं और इसी से मुंह मीठा किया जाता है। 

मेरी मम्मी के भी यह लड्डू काफी फेवरेट हैं। वे हर साल मकर संक्रांति के आहार में तिल के लड्डू को जरूर शामिल करती हैं। हमें भी यह खास दिन इस स्वाद के साथ ही याद आता है। बचपन से इस दिन इन लड्डुओं को सिर्फ एक परंपरा की तरह देखते थे, लेकिन अब इस परंपरा के पीछे की महत्व भी समझ में आने लगे हैं।

तिल और गुड़ के महत्व के पीछे हैं इसके स्वास्थ्य लाभ

हर परंपरा के पीछे कोई न कोई महत्व जरूर जुड़ा होता है। तिल और गुड़ के सेवन के पीछे भी इसके स्वास्थ्य लाभ हैं। हर साल सर्दियों के महीने में ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। तिल और गुड़ दोनों ही सर्दियों के सुपरफूड्स हैं, जो हमारे शरीर को अंदर से गर्म बनाए रखने में सहायता करते हैं। एक तरफ जहां गुड़ चीनी का बेहतरीन विकल्प है और पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है।

वहीं दूसरी तरफ तिल हड्डियों को मजबूत करने, बालों की गुणवत्ता बढ़ाने, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने और त्वचा की देखभाल में अहम भूमिका निभाते हैं। तिल में  प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है। ये दोनों जब एक साथ मिलते हैं, तो हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं। जिससे हमें मौसमी संक्रमण से बचने में मदद मिलती है। कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में इससे बेहतर क्या होगा!

जानिए आयुर्वेद की दृष्टि से क्या हैं तिल के फायदे?

आयुर्वेद में तिल को अहम स्थान दिया गया है। यह डायबिटीज की बीमारी को नियंत्रण में रखने के लिए एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से अच्छे कोलेस्ट्रोल के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है। वहीं खराब एलडीएल को कम करने में भी यह सहायक है। 

कच्चे तिल का सेवन करने से उष्ण प्रकृति के कारण अमा को कम करके पाचन अग्नि को ठीक करने में मदद मिलती है। इसके अलावा तिल का तेल अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण गठिया के दर्द और सूजन के प्रबंधन में मदद करता है।  

चलिए सीखते हैं मेरी मम्मी की तिल से लड्डू बनाने की विधि : 

इसके लिए आपको इन सामग्रियों की होगी जरूरत 

1.जरूरत अनुसार तिल

2.दानेदार गुड़

3.बारीक कटे हुए बादाम

4.देसी घी स्वाद अनुसार

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नोट कीजिए टेस्टी और हेल्दी तिल गुड़ के लड्डू बनाने की विधि: 

  1. एक कढ़ाही गर्म कर लें। उसमें सफेद तिल डालें और तब तक भूनें जब तक वह भूरे रंग के न हो जाएं। ध्यान रहे कि आपकी कढ़ाही ज्यादा गर्म न हो। मीडियम आंच पर ही रखें वरना तिल उछल कर बाहर आने लगेंगे।
  2. भूरे हो जाने के बाद तिल को ठंडा होने के लिए रख दें। जब तक तिल ठंडा हो रहा है तब तक एक कढ़ाही में गुड़ घी के साथ पिघला लें। आपको थोड़ी-थोड़ी देर में गुड़ चलाना होगा, नहीं तो यह नीचे कढ़ाही में चिपकने लगेगा।
  3. अब तक तिल ठंडे हो चुके होंगे। उसको हल्के हाथ से कूट लें। कूटने के बाद उसे और बारीक कटे हुए बादाम को गुड़ में डालें। लड्डू बनाने के लिए मिश्रण तैयार है। 
  4. अपने हाथों में लेकर इन लड्डू को बांध ले। तीन-चार घंटे हवा में रखें और फिर स्टोर कर लें।

सीख लिया ? तो चलिए इस मकर संक्रांति को सेहत की चिंता मिटा कर तिल और गुड़ के लड्डू के साथ यह त्यौहार मनाएं।

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सेहत, तंदुरुस्ती और सौंदर्य के लिए कुछ नई जानकारियों की खोज में ...और पढ़ें

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