कपड़े के नैपकिन और कुछ देर नंगा छोड़ना है शिशुओं के लिए फायदेमंद, वैज्ञानिकों ने बताए डायपर के साइड इफेक्ट

मेरी मम्मी और सासू मां अकसर डायपर के इस्तेमाल पर डांटती रहीं हैं। वे मानती हैं कि बच्चे के लिए कपड़े के नैपी डिस्पोजेबल डायपर से ज्यादा बेहतर हैं। वैज्ञानिकों का यह शोध भी आज उनका समर्थन कर रहा है।
आमतौर पर डायपर को हर 2-3 घंटे में बदल देना चाहिए। बच्चे को डायपर में कई घंटों तक लगातार नहीं रहने दें। चित्र: एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:19 am IST
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अपनी और बच्चों की सुविधा के लिए माएं उन्हें डायपर पहनाती हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि डिस्पोजेबल डायपर बहुत अधिक सुविधाजनक होते हैं। लेकिन क्या वे शिशुओं के लिए सुरक्षित हैं? अधिकांश पेरेंट्स इस प्रोडक्ट के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में नहीं जानते। ये बच्चे के प्रजनन अंगों के साथ दो साल से अधिक समय तक 24 घंटे संपर्क में रहते हैं। डिस्पोजेबल डायपर (side effects of diaper for baby) को लीक प्रूफ पॉलिमर, सुपर एब्जोर्बेंट पॉलिमर और कुछ सुगंधित केमिकल की मदद से बनाया जाता है। इसलिए इसके संभावित खतरों से पेरेंट्स को अनभिज्ञ नहीं रहना चाहिए। कई शोध बताते हैं कि 24 घंटे डायपर में बंद बच्चे को बड़े होने पर भी खतरनाक बीमारियां होने का खतरा बना (side effects of diaper for baby) रहता है।

शिशुओं के डायपर में हो सकते हैं 10000 वायरस (Disposable Diaper) 

नेचर माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हालिया शोध के अनुसार, शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने शिशुओं के डायपर में 10,000 नए वायरस पाए। इनमें से सिर्फ 16 वायरस ही जाने-पहचाने हैं और बाकी वायरस से अब तक वैज्ञानिक अनजान थे। ये वायरस शिशु मल से 10 गुना ज्यादा मात्रा में डायपर में मौजूद थे। हालांकि ये वायरस हानिकारक हैं या नहीं, इस पर और अधिक शोध किया जाना बाकी है।

जानिए क्यों खतरनाक है आपके बेबी के लिए डायपर का लगातार इस्तेमाल

1 लिवर और स्किन डिजीज का बन सकता है कारण (Liver and Skin Disease) 

जर्नल ऑफ़ एनवायरनमेंटल साइंस एंड इंजीनियरिंग में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, डायपर में इस्तेमाल किये जाने वाले केमिकल क्रोनिक डायपर रैश, अस्थमा जैसी श्वसन समस्याएं हो सकती हैं। डिस्पोजेबल डायपर बेबी में लिवर डैमेज, स्किन डिजीज, जन्म असामान्यताओं (Birth Abnormalities) का कारण भी बन सकता है।

2 बन सकता है मेल इनफर्टिलिटी का कारण (Male infertility) 

वैज्ञानिक बताते हैं कि डायपर का लगातार इस्तेमाल मेल इन्फर्टिलिटी यहां तक कि वृषण कैंसर (testicular cancer) का भी कारण बन सकता है। अमेरिका के पीडियाट्रिक्स जर्नल के अनुसार, आमतौर पर डायपर को हर 2-3 घंटे में बदल देना चाहिए। बच्चे को डायपर में कई घंटों तक लगातार नहीं रहने दें।

डायपर गीला महसूस हो, तो बदल दें। यदि बच्चे को पॉटी हो गई है, तो डायपर को तुरंत बदल देना चाहिए। नया डायपर पहनाने से पहले बच्चे को हर बार साफ करना चाहिए। स्टडी के अनुसार, बच्चों की समस्या तब और बढ़ जाती है जब पैसे की कमी के कारण जरूरत से कम बार बच्चे का डायपर बदला जाता है।

3 संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है (Infections) 

डायपर की सामग्री बच्चे के मूत्र को अवशोषित करने में मदद करती है। ये सबस्टांस बच्चे के डायपर के अंदर हवा के आसान प्रवाह को बाधित कर सकते हैं। यह बैक्टीरिया और अन्य वायरस के प्रजनन के लिए उपयुक्त स्थिति बनाता है। अत्यधिक डायपर के उपयोग से बच्चे को स्किन और अन्य संक्रमण होने की आशंका भी बनी रहती है। इसलिए डायपर को बार-बार बदलना चाहिए।

4 बच्चे के लिए चलने में बाधा उत्पन्न करते हैं (Free walking of child) 

नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, डायपर का आकार शिशुओं के चलने में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इस अध्ययन में 27 डायपर पहने और नैकेड स्वस्थ शिशुओं की जांच की गई। देखा गया कि अलग-अलग शेप और साइज़ वाले डायपर ने बच्चों के चलने में कठिनाई बढ़ा दी। वहीं जो बच्चे नंगे (Naked) रहे, उन्होंने सहज तरीके से अपने दोनों पैरों को बारी-बारी से उठाया। उन्होंने चलने में कोई कठिनाई नहीं महसूस की और स्वाभाविक तरीके से उन्हें चलते हुए पाया गया।

शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए डायपर इस्तेमाल करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान (side effects of diaper for baby) 

पीडियाट्रिक्स जर्नल के अनुसार, डायपर का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।

1 कुछ देर शिशु को नंगा छोड़ें (Naked Times)

दिन भर में कुछ घंटे फिक्स करें, जिसमें बच्चा नंगा रह पाए। उस समय किसी भी तरह का डायपर, नैपी या पैंट का प्रयोग न करें।

डायपर का इस्तेमाल करती हैं, तो दिन भर में कुछ घंटे फिक्स करें, जिसमें बच्चा नंगा रह पाए। चित्र : एडोबी स्टॉक

 2 समझें बच्चे के पेशाब के संकेत (Elimination Communication)

यदि कोशिश की जाए, तो बच्चा 7-8 महीने के बाद एलिमिनेशन के संकेत दे सकता है। वह मुंह से अलग तरह की आवाजें निकाल सकता है, जिससे पेरेंट्स को यह पता चल सकता है कि बच्चे को नेचर कॉल आयी है

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3 दो डायपर के बीच कुछ समय का अंतराल रखें (Makeshift Diaper)

एक से दूसरे डायपर को बांधने के समय में अंतर रखा जा सकता है। इस अंतराल में बच्चा फ्री महसूस कर सकता है और स्किन तक भी हवा आ-जा सकेगी। जो बच्चे के लिए अधिक उपयुक्त हो, उसी डायपर का प्रयोग करना चाहिए

डायपर लगाने के दौरान कुछ देर बच्चे को खुला छोड़ें। चित्र : एडोबी स्टॉक

4 इस्तेमाल करें पारंपरिक घरेलू लंगोट (Cotton Diaper)

पुराने दिनों को याद कीजिए, मां, सासू मां या अपने बड़ों से डिस्कस करें। वे बताएंगी की डायपर से पहले बच्चों को कपड़े से तैयार लंगोट बांधे जाते थे। ये सॉफ्ट और ज्यादा आरामदायक होते हैं। इनका इस्तेमाल आप बच्चे की सुविधा के लिए कर सकती हैं। पर हां, एक साथ कई सेट रखें और हर बार धोने के बाद ही इनका इस्तेमाल करें।

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