क्या चिल्लाना या आवाज़ बदल कर बात करना बन सकता है वोकल कॉर्ड में समस्या का कारण? चलिये पता करते हैं

संवाद के लिए आवाज़ जरूरी है। पर अगर आप टीचर हैं, मिमिकरी आर्टिस्ट हैं या दिन भर बहुत ज्यादा और तेज़ आवाज़ में बोलना पड़ता है, तो आपको सावधान होने की जरूरत है!
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क्या चिल्लाकर बोलना बन सकता है थ्रोट कैंसर का कारण। चित्र : शटरस्टॉक

आपका प्रोफेशन आपकी आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। जी नहीं, हम लॉन्ग वर्किंग आवर्स की बात नहीं कर रहे हैं। बल्कि हम बात कर रहे हैं उन प्रोफेशन्स की जिनमें आपकी आवाज़ ही आपका एसेट है, जैसे टीचर, वॉइस आर्टिस्ट, थिएटर आर्टिस्ट, एक्टिंग और मिमिकरी आर्टिस्ट आदि। इन प्रोफेशन्स में तेज़ आवाज़ में बात करना, लंबे समय तक किसी कृत्रिम आवाज़ में बात करना और बहुत ज़्यादा बोलना शामिल है। पर क्या आवाज़ पर इस तरह का दबाव डालना आपके वोकल कोर्ड या गले संबंधी (side effects of loud voice) समस्याएं पैदा कर सकता है? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलरींगोलॉजी के हेड एंड नेक सर्जरी एसोसिएशन के अनुसार, लंबे समय तक लगातार जोर से बात करने से वोकल कॉर्ड में घाव हो सकते हैं। यह आवाज की समस्याओं के सबसे सामान्य कारणों में से एक हैं।

अफवाह थी दयाबेन को गले के कैंसर की खबर

तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) में ​​दयाबेन का पॉपुलर किरदार निभाने वाली मशहूर एक्ट्रेस दिशा वकानी (dayaben voice disha vakani) ने बीते दिनों अपने करीयर से ब्रेक लिया था। सुनने में आया था कि वे मैटरनिटी लीव पर चली गई हैं। तब से, उनके प्रशंसक उन्हें बहुत याद कर रहे हैं और चाहते हैं कि वह जल्द शो में वापस आएं। मगर, क्या आप जानते हैं कि शो में दयाबेन की अजीबोगरीब आवाज के कारण दिशा को थ्रोट कैंसर (Dayaben Throat Cancer) होने की खबरे सामने आने लगीं। हालांकि यह खबर बाद में अफवाह साबित हुई!

पर आपको उन जोखिमों के बारे में जरूर पता होना चाहिए, जो आपकी आवाज़ से जुड़े हैं।

क्या आवाज़ बदलकर बात करना वोकल कोर्ड्स को पहुंचा सकता है नुकसान?

क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार जब किसी की आवाज़ की नकल करते हैं या लंबे समय तक चिल्लाकर बात करते हैं जैसे – रॉकस्टार। तो वोकल कॉर्ड को इससे भारी नुकसान हो सकता है। इससे गले में घाव भी हो सकते हैं।

इसकी वजह से परमानेंटली आपकी आवाज़ बदल सकती है, धीमी भी हो सकती है, या आवाज़ के साथ सांस की आवाज़ आ सकती है। इसकी वजह से गांठें भी बन सकती हैं।

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क्या चिल्लाकर बोलना बन सकता है थ्रोट कैंसर का कारण. चित्र : शटरस्टॉक

क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार नोड्यूल कॉलस की तरह होते हैं, जिन्हें कुछ समस्याओं में सर्जरी की आवश्यकता होती है। साथ ही, माइल्ड सिम्टम्स में वॉइस थेरेपी भी काम कर सकती है।

क्या बहुत तेज़ बोलना बन सकता है गले के कैंसर का कारण?

क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार लंबे समय से चिल्लाकर बोलना आपके लैरिंग्स (larynx) या गले को प्रभावित कर सकता है। जिसकी वजह से पॉलीप्स और नोड्यूल बन सकते हैं। इसकी वजह से थ्रोट कैंसर (Throat Cancer) हो सकता है। हालांकि, चिल्लाकर बोलना और कैंसर का कोई सीधा संबंध नहीं है। इस बारे में कोई भी रीसर्च अभी तक नहीं हुई है जो यह बात साबित कर सके।

यदि आप अपनी आवाज़ को सही रखना चाहते हैं तो शारीरिक फिटनेस के साथ एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें और किसी भी परेशान करने वाले कारकों को नियंत्रित करें। जो आपकी आवाज को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसमें आपका प्रोफेशन भी शामिल हो सकता है।

यदि आप ऐसे प्रेफेशन का हिस्सा हैं जिसमें आवाज़ का ज़्यादा इस्तेमाल होता है, तो ये टिप्स आपके लिए हैं

1 गुनगुने पानी का सेवन

आपके प्रोफेशन के कारण आपकी आवाज़ पर ज़ोर पड़ सकता है। इसलिए गुनगुना पानी पीने की आदत बनाएं जिससे आपके गले और वोकल कॉर्ड को आराम मिल सके। यह आपके गले की नसों को शांत कर सकता है और किसी भी प्रकार की सूजन को कम कर सकता है। इसके अलावा, खुद को हाइड्रेटेड भी रखें।

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हल्का गरम पानी पिएं। चित्र : शटरस्टॉक

2 थ्रोट मसाज करना

आप अपने गले के पास उंगलियों से हल्की मसाज कर सकती हैं। गले के आस पास हल्के हाथों से मसाज करने से आपको राहत मिल सकती है। इससे आपकी गले की मांसपेशियों को आराम मिलेगा।

3 ब्रीदिंग तकनीक

आपके डायफ्राम से सांस लेने से वोकल कॉर्ड को तनाव मुक्त करने में मदद मिलती है। इसके लिए आप अपनी छाती के बजाय अपने पेट से सांस लें। आप अपने पेट पर हाथ रखकर और लेटकर भी अभ्यास कर सकती हैं।

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प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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