Self Love : अपने आप से सचमुच करती हैं प्यार, तो जरूर चेक करें शरीर में इन 5 चीजों का स्तर

अपना पसंदीदा पिज्जा ऑर्डर करना या ड्रीम ड्रेस पहन लेना ही सेल्फ लव नहीं है। बल्कि अपनी सेहत का ख्याल करना सेल्फ लव की शुरुआत है। आप स्वस्थ है या नहीं, इसके लिए इन 5 चीजों पर जरूर नजर बनाए रखें।
Health check up
अपनी सेहत का ख्याल करना सेल्फ लव की शुरुआत है। चित्र: शटरस्‍टॉक
ज्योति सोही Updated: 23 Oct 2023, 09:06 am IST
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सेल्फ लव (Self-love) सेल्फिश होने का सबूत नहीं हैं, बल्कि केयरफुल होने की निशानी है। अक्सर हम लोग अपनी हेल्थ को लेकर बहुत ज्यादा लापरवाह रहते हैं। कभी भी खाना, कुछ भी खाना और किसी भी वक्त सोना और उठना हमारे मेटाबॉलिज्म को नुकसान पहुंचाता है। जिसकी वजह से हम बहुत सारी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इन्हें लाइफस्टाइल डिजीज (Lifestyle disease) कहा जाता है, जो आगे चलकर और कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बनती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपनी सेहत पर नजर रखें। इसके लिए आपको शरीर में इन 5 चीजों के स्तर (women’s health check) को संतुलित बनाए रखना जरूरी है।

हेल्थ और वेलनेस बहुत सारी चीजों पर फोकस करने की मांग करते हैं। जहां आत्मिक शांति के लिए हम मेडिटेशन करते हैं, वहीं शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए सेल्फ एग्ज़ामिन (Self examine) करना भी ज़रूरी है। आइए जानते हैं, वो ऐसे कौन से ज़रूरी बॉडी बिल्डिंग ब्लॉक्स है, जिनकी अनदेखी हमें कई बीमारियों का शिकार बना सकती है।

vitamin B12 aur back pain
जानिए कैसे विटामिन बी12 डेफ़िश्यंसी बन सकती है पीठ में दर्द का कारण. चित्र : शटरस्टॉक

हेल्दी रहने के लिए जरूरी चेक करें इन 5 चीजों का लेवल

1 विटामिन बी12

विटामिन बी 12 आपकी गट हेल्थ से ताल्लुक रखता है। डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि अगर आपकी गट हेल्थ सही है, तो आपका डाइजेशन नॉर्मल रहता है। इसके लिए डाईट में एनिमल प्रोटीन शामिल करें, जो हमें दूध और फिश से मिलता है। इसके अलावा हेल्थ सप्लीमेंटस ले सकते हैं। शरीर में इस तत्व की कमी का प्रभाव हमारी स्किन, बालों और ओवरऑल हेल्थ पर दिखने लगता है। स्वैटिंग, टायर्डनैस और टेंशन इसकी कमी के कुछ लक्षण हैं। इसके अलावा इसकी कमी का असर याददाश्त पर भी दिखता है। इस कमी को दूर करने के लिए डाइट में डेयरी प्रॉडक्टस और अंडे खा सकते है।

कैसे चेक करें

ब्लड टेस्ट करवाने से आप इसकी कमी को जान सकते हैं।

इसकी कितनी मात्रा आपको चाहिए

एक साल के बच्चे में 0.5 mcg
1 से 5 साल के बच्चे में 1.2 mcg
5 से 10 साल के बच्चे में 1. 7 mcg
10 से 15 साल के बच्चे में 1. 9 mcg
15 से 20 साल के बच्चे में 2. 1 mcg

प्रेग्नेंट महिलाओं में 2. 6 माइक्रोग्राम प्रतिदिन के हिसाब से विटामिन बी 12 लेना ज़रूरी है।

2 विटामिन डी

विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा को बनाए रखने के लिए ज़रूरी है। विटामिन डी की प्राप्ति से बच्चों और बड़ों के शरीर में कैल्शियम एब्जॉर्ब नहीं होता। इसके लिए सन एक्सपोज़र बेहद ज़रूरी है। एंटी इंफलेमेंटरी गुणों से भरपूर ये तत्व शरीर में स्वैलिंग और जगह-जगह होने वाले सन बर्न से आपको बचाता है।

इसके अलावा हड्डियों और पीठ में दर्द और सूजन की शिकायत रहती है। साथ ही हार्ट अटैक का खतरा बना रहाता है। अगर आप दिनभर व्यस्त है और सूरज की रोशनी नहीं मिल पा रही है, तो हेल्थ स्पलीमेंटस के ज़रिए इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके लिए आप अपनी डाइट में दूध, दही, मशरूम, संतरे का जूस आदि शामिल कर सकते हैं।

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कैसे चेक करें विटामिन डी

ब्लड सैंपल के ज़रिए आसानी से विटामिन डी की कमी को जांचा जा सकता है।

क्या है विटामिन डी का आदर्श स्तर

प्रेगनेंट महिलाओं के लिए रोज़ाना 5mcg
50 से 70 साल के लोगों के लिए 10mcg
70 साल से ज्यादा के लोगों के लिए 15 mcg की आवश्यकता होती है

Vitamin D supplements apko arthritis and osteoporosis ke risk se bacha sakte hain
विटामिन डी सप्लीमेंट्स आपको आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम से बचा सकते हैं। चित्र: अडोबी स्टॉक

3 हीमोग्लोबिन का लेवल

हीमोग्लोबिन का लेवल शरीर में आयरन की मात्रा पर निर्भर करता है। वो लोग जिनमें आयरन की कमी होती है। वे कई प्रकार की बीमारियों से घिर जाते हैं। उनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी रहने लगती है, जिसके चलते उनके चेहरे पर पिंपल्स बनने लगते हैं और ब्लड प्यूरिफाई नहीं हो पाता है। इसके लिए शरीर में एचबी को मेंटेन रखना ज़रूरी है।

महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर 12 से 16 के बीच होना चाहिए। इसके लिए हमें अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक मेथी और चुकुंदर को शामिल करें। वहीं स्प्राउटस, मूंगफली और चावल से शरीर में फॉलिक एसिड की प्राप्ति होती है, जिससे रेड ब्लड सेल्स बनते हैं। वहीं विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां भी शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मददगार है।

4 बॉडी मास इन्डेक्स

बीएमआई यानि बॉडी मास इन्डेक्स, ये केलकुलेटर उम्र के हिसाब से शरीर में वज़न और लंबाई का पता लगाता है। इन दिनों मोटापे की समस्या बेहद आम है। डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि ओबेसिटी और ओवरवेट आज के समय की आम समस्याएं हैं। आडडियल बॉडी वेट से हम ये जान पाते है कि हम किसी समस्या से तो नहीं गुज़र रहे। इसके अलावा हम भविष्य में किसी बीमारी की चपेट में तो नहीं आने वाले।

दरअसल, वज़न बढ़ने से आर्थराइटिस, ब्रीदिग प्रॉब्लम, हार्ट संबधी रोग और डायबिटीज का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। हार्वड एजुकेशन के मुताबिक अगर हम अपने वजन को नियंत्रित कर लेते हैं, तो इससे हम कई बीमारियों से बचे रहते हैं।

नर्सिज हेल्थ स्टडी और हेल्थ प्रोफेशनल्स फॉलोअप स्टडी के मुताबिक मिडल एज के वो लोग जिन्होंने 20 साल की उम्र के बाद 11 से 22 पाउंड वेट गेन किया है। ऐसे लोगों में हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डायबिटीज़ और पथरी का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। वहीं जिन लोगों ने 5 पाउंड वज़न बढ़ाया। उनके अंदर इन बीमारियों का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है।

क्या है बीएमआई का आदर्श माप

बीएमआई यानि बॉडी मास इनडेक्स जिसके तहत ये केलकुलेटर उम्र के हिसाब से शरीर में वज़न और लंबाई का पता लगाता है। इसे मापने के लिए आप अपने बॉडी वेट को हाइट के साथ डिवाइड कर दें। 25 बीएमआई वाले लोगों को ओवरवेट की सूची में शामिल किया गया है।

calcium ke fayde
डेयरी प्रोडक्टस समेत बहुत से खाद्य पदार्थ है, जिनसे हमें कैल्शियम की प्राप्ति होती है। चित्र शटर स्टॉक

5 कैल्शियम

हेल्दी बॉडी के लिए रूटीन में कैल्शियम इनटेक बहुत ज़रूरी है। दरअसल, कैल्शियम हमारे शरीर के ऑर्गन्स और मसल्स को सही तरीके से चलाने में मददगार साबित होता है। शरीर को लगातार कैल्शियम की ज़रूरत पड़ती है। जो बोनस से रिलीज होता है। इसकी कमी योगर्ट, मिल्क और पनीर से पूरी होती है। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों, दाल, फ्रूटस और सोया प्रोडक्टस से भी प्राप्त होता है।

वहीं फिश खाने से भी आपके शरीर में इस तत्व की पूर्ति हो जाती है। इंस्टीटयूट ऑफ मेडिसिन पेनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल तक की उम्र की महिलाओं को 800 एमजी से 1ए200 एमजी तक कैल्शियम की आवश्यकता होती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के हिसाब से कैल्शियम आपके शरीर का सबसे ज़रूरी मिनरल है। इसका 1 प्रतिशम आपके रक्त में और 99 प्रतिशत आपकी हड्डियों और दांतों में पाया जाता है।

कैंसे करें कैल्शियम की जांच

कैल्शियम ब्लड टेस्ट के ज़रिए शरीर में इस तत्व की मात्रा का आंकलन किया जा सकता है।

19 से लेकर 50 साल तक की महिलाओं को 1,000 एमजी
51 और उससे ज्यादा तक की महिलाओं को 1, 200 एमजी की ज़रूरत होती है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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