फर्टिलिटी से लेकर हार्ट हेल्थ तक, आपकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है पीसीओएस

शहरी-कामकाजी महिलाओं में पीसीओएस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद ज्यादातर महिलाएं इसके लक्षणों से अनजान रहती हैं।
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आपकी दिल की सेहत पर भी असर डालता है PCOS . चित्र : शटरस्टॉक
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क्या आपने अचानक वजन बढ़ने का अनुभव किया है? पिछले कुछ समय से पीरियड्स में बदलाव या चेहरे के बालों में बढ़ाेतरी देख रहीं हैं? अगर इन सभी सवालों का जवाब हां है, तो संभवत: आप पीसीओएस की गिरफ्त में हैं। शहरी-कामकाजी महिलाओं में पीसीओएस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में भी यही सामने आया है। यह स्थिति न सिर्फ फर्टिलिटी, बल्कि आपकी हार्ट हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप इसके बारे में सभी कुछ जानें। 

आज के वक्त में PCOS महिलाओं में एक आम समस्या है, जिसके लक्षणों में अनियमित पीरियड्स, चेहरे पर बालों की ज्यादा ग्रोथ और वजन बढ़ना सबसे आम हैं। पर क्या आपको इस बात की जानकारी है कि पीसीओएस आपके हृदय स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है? अगर नहीं, तो अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 इस विषय पर बात करने के लिए अच्छा दिन है।

दरअसल एक अध्ययन इस बात का दावा करता है कि कैसे पीसीओएस हाई कोलेस्ट्रॉल से लेकर हृदय संबंधी बीमारियों तक से जुड़ा हुआ है।  दिल की गंभीर समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है।  यह अध्ययन क्या है इसको समझने से पहले पीसीओएस को समझना बहुत आवश्यक है। चलिए गायनेकोलॉजिस्ट डॉ प्रतिभा तिवारी से इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।

जानिए क्या है PCOS ? 

डॉ प्रतिभा तिवारी बताती हैं, Polycystic ovary syndrome एक हॉर्मोन्स से संबंधित समस्या है जो प्रजनन आयु में महिलाओं को प्रभावित करती है। इस दौरान चेहरे पर बालों का विकास बढ़ जाता है और कभी कभार गंजापन भी देखने को मिल सकता। यह मधुमेह और हृदय रोग जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम कारक हो सकता है।

PCOS mahilao me aam samasya hai
PCOS महिलाओं में एक आम समस्या है! चित्र : शटरस्टॉक

एनसीबीआई पर मौजूद एक डाटा बताता है कि 15 से 44 वर्ष की  2.2 से 26.7 प्रतिशत महिलाओं में पीसीओएस है। वही एनसीबीआई पर मौजूद एक अन्य अध्ययन इस बात का भी दावा करता है कि 70% महिलाओं को पीसीओएस के बारे में जानकारी ही नहीं होती।

क्या हो सकते हैं पीसीओएस के आम लक्षण 

  1. अनियमित पीरियड्स 
  2. सिर में दर्द
  3. ब्लीडिंग
  4. बालों का विकास 
  5. दाने 
  6. वेट गेन 
  7. शरीर पर काले धब्बे 

इस अध्ययन को पढ़ना है जरूरी 

हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरमेंटल हेल्थ साइंसेज और एप्पल ने साथ मिलकर इस अध्ययन को पूरा किया। 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले किए गए इस अध्ययन में अनियमित पीरियड्स, पीसीओएस और हृदय स्वास्थ्य के बीच संबंधों का पता लगाने का प्रयास किया गया। जिसमें यह बात निकलकर सामने आई कि पीसीओएस कई स्त्रियों के लिए कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है। अगर इन्हें नजरंदाज किया जाए तो यह उनकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। शोध में यह जानकारी सामने आई कि पीसीओएस, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा समेत हृदय रोगों को बढ़ावा दे सकता है।

कैसे किया गया अध्ययन

रिपोर्ट के अनुसार इस अध्ययन में 37000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। योगदान देने वाली महिलाओं ने नवंबर 2019 से दिसंबर 2021 तक खुद को नामांकित किया। जिसमे पीसीओएस वाली कुल प्रतिभागियों में से 61 प्रतिशत प्रतिभागियों ने मोटापे की सूचना दी। 

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पीसीओएस हाई कोलेस्ट्रॉल से लेकर हृदय संबंधी बीमारियों तक से जुड़ा हुआ है। चित्र: शटरस्‍टॉक

जबकि करीब 5.6 फीसदी को दिल धड़कने की ज्यादा समस्या का अनुभव हुआ। इस अध्ययन में ऐसी भी महिलाएं शामिल थीं, जिनको PCOS नही था। उन्होंने भी अनियमित दिल की धड़कन तेज होने की सूचना दी। हालांकि अध्ययन कहता है कि उनमें से 6.2 प्रतिशत को बीमारी का पारिवारिक इतिहास था।

ध्यान रखें 

अध्ययन का मौजूदा डाटा बताता है कि पीसीओएस ज्यादातर 20 से 30 साल की महिलाओं में होता है। यह अध्ययन यह भी दावा करता है कि यदि यह किशोरावस्था से शुरू होता है, तो इसका निदान किया जा सकता है। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि पीसीओएस हृदय स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।

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