World Hand Hygiene Day 2021 : हैंड वॉश बनाम हैंड सैनिटाइजर – हाथों की स्‍वच्‍छता के लिए क्‍या है ज्‍यादा बेहतर

इन दिनों लोग हाथों को साफ रखने के लिए दोनों ही विकल्‍पों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। पर इस पर भी बहस जारी है कि दोनों में से ज्‍यादा बेहतर कौन सा तरीका है।
HAnd wash aur sanitiser hai jaroori
हैंड वॉश और हैंड सैनिटाइजर दोनों ज़रूरी हैं। चित्र : शटरस्टॉक

वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे हर वर्ष 5 मई को मनाया जाता है। ये क्लीन योर हैंड्स ग्लोबल अभियान, के रूप में 2009 में शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल में हाथ की स्वच्छता को बढ़ावा देना, दृश्यता और स्थिरता को बनाए रखना है और लोगों को ‘साथ लाना’ है। ताकि दुनिया भर में लोग अपने हाथों को साफ रखने के लिए और जागरूक हों। इस अभियान का उद्देश्य, हाथों की सफाई के द्वारा हेल्थ केयर वर्कर्स और पेशेंट्स को संक्रमण से बचाना है।

इस साल की थीम

विश्व हाथ स्वच्छता दिवस 2021 के लिए, डब्ल्यूएचओ – स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों और सेवाओं से अपने हाथों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए अपील करता है। साथ ही, 2021 के लिए इसकी थीम है – Seconds save lives – clean your hands! यानि सिर्फ कुछ सेकंड आपकी जान बचा सकते हैं, इसलिए अपने हाथों को धोइए।

अगर आपको भी वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे के अभियान का हिस्सा बनना है तो, विश्व स्वास्थ्य संगठन, मल्टी मॉडल हैंड हाइजीन इम्प्रूवमेंट स्ट्रैटेजी के अनुसार प्रभावी ऑड हाइजीन एक्शन हासिल करने में अपनी भूमिका को उजागर करते हुए कई लोगों को शामिल करें।

हैंड हायजीन क्यों ज़रूरी है?

संक्रामक जीवों के संचरण में हमारे हाथ एक महत्वपूर्ण कारक हो सकते हैं। संक्रामक वायरस कई दिनों तक सतह की सामग्री पर बने रह सकते हैं और आसानी से संपर्क करने पर सतह से हाथों पर आ जाते हैं।

हाथ धोना, सेनिटाईज़ करने से बेहतर है। चित्र: शटरस्‍टॉक
हाथ धोना, सेनिटाईज़ करने से बेहतर है। चित्र: शटरस्‍टॉक

जब हम अपने चेहरे को छूते हैं, तो संक्रामक रोगजनक हमारे मुंह, आंख और नाक में बलगम झिल्ली के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, और गले और फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं।

कोरोना वायरस नें लोगों की जिंदगी बहुत मुश्किल कर दी है। इस बीमारी से अपनी जान बचाने के लिए हर कोई सुझाव देता है कि बार-बार हाथों को धोएं या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। हर समय सैनिटाइजर लेकर चलना किसी सिर दर्द से कम नहीं है और गरीब तबके के लिए और भी मुश्किल है।

तो, आइये जानते हैं कि हाथों को कीटाणु रहित करने के लिए कौन सा उपाय बेहतर है – हैंड वॉश या हैंड सैनिटाइजर

पहले समझते हैं हैंड वॉश करने का महत्‍व

साबुन कोरोना वायरस कण के आसपास के लिपिड झिल्ली को भंग कर देता है, जिससे वायरस अलग हो जाता है। इससे पहले कि वह एक मेजबान सेल में प्रवेश कर सके, वह मर जाता है। यह हर तरह के कीटाणु और रोगाणु को मारने की क्षमता रखता है।

हैंड सैनिटाइजर किस तरह से काम करता है?

अगर आपके पास साबुन उपलब्ध नहीं है, तब हैंड सैनिटाइजर आपके काम आ सकता है। 60% से ज्यादा अल्कोहल की मात्रा वाला सैनिटाइज़र कीटाणुओं को मार सकता है। मगर पूरी तरह खत्म नहीं करता है। हैंड सैनिटाइजर अस्पतालों की तरह नैदानिक ​​सेटिंग्स में अच्छी तरह से काम करते हैं, जहां हाथ बार-बार कीटाणुओं के संपर्क में आते हैं।

यात्रा के दौरान कोरोनोवायरस से बचना है, तो अपने हाथों को बार-बार सैनिटाइज करें । चित्र : शटरस्टॉक
यात्रा के दौरान कोरोनोवायरस से बचना है, तो अपने हाथों को बार-बार सैनिटाइज करें । चित्र : शटरस्टॉक

नोट : अगर आपके हाथ गंदे और धूल – मिट्टी से सने हुए हैं तब हैंड सैनिटाइजर आपकी कोई मदद नहीं कर सकता है। ऐसी परिस्थिति में साबुन और पानी से हाथ धोने की सिफारिश की जाती है।

क्‍या है ज्‍यादा बेहतर

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) जब भी संभव हो साबुन और पानी से हाथ धोने की सलाह देता है, क्योंकि हैंड वॉश करने से हाथों पर सभी प्रकार के कीटाणुओं और रसायनों की मात्रा कम हो जाती है।

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अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो कम से कम 60% अल्कोहल के साथ एक हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने से आप बीमार होने और दूसरों तक रोगाणु फैलाने से बच सकते हैं।

अल्‍कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर कुछ स्थितियों में हाथों पर रोगाणुओं की संख्या को जल्दी से कम कर सकते हैं, लेकिन सैनिटाइज़र सभी प्रकार के कीटाणुओं को खत्म नहीं कर पाते।

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प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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