सिर दर्द को आम न समझें, गर्मियों में बढ़ते तापमान के साथ बढ़ सकती है यह समस्या

किसी भी जटिल काम के लिए हम सिर दर्द को मुहावरे की तरह इस्तेमाल करते हैं। यकीनन आप जानती होंगी कि जब ये आता है, तो हालत क्या हो जाती है। सही उपचार के लिए जरूरी है कि आप इसके कारणों को भी समझें।
sir dard hai covid - 19 ka sanket
सिरदर्द है इस बार कोविड - 19 का प्रमुख लक्षण। चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 29 Oct 2023, 20:09 pm IST
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सिर दर्द (Headache), हम में से हर किसी को कभी न कभी होता है। ये ऐसी समस्या है कि आम बोल चाल की भाषा में एक मुहावरे की तरह भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। यानी जब कोई काम आप नहीं कर पातीं, तो उसे सिर दर्द कहने से नहीं चूकतीं। भले ही सिर दर्द आम समस्या लगे, लेकिन ये आपकी आंखों, कनपटी और प्रोडक्टिविटी को भी अपनी चपेट में ले लेता है। इसके उपचार तक पहुंचने के लिए जरूरी है कि पहले हम इसकी तासीर (headache types) और कारणों को समझें। आइए जानते हैं सिर दर्द के कारण (headache causes) और उससे बचने के उपायों (Tips to avoid headache) के बारे में।

सिर में दर्द होने की कई वजहें (headache causes) हो सकती हैं। आसान भाषा में इसे समझाने के लिए दो कैटेगरी बनाई गई हैं — पहला प्राइमरी हैडेक (Primary headache) और दूसरा सेकंडरी हैडेक (Secondary headache)। इन दोनों कैटेगरी में भी सिर दर्द के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं।

प्राइमरी हैडेक (Primary headache)

जो अपने आप में एक मुख्य समस्या होती है। इसके मुख्य प्रकार माइग्रेन (Migraine), क्लस्टर हैडेक (Cluster headache) और टेंशन हैडेक( Tension Headache) हैं। इन सभी हैडेक से जूझ रहे शख्स को ऐसा महसूस होता है कि जैसे सिर के आसपास किसी चीज से दबाया जा रहा हो।

इसके लक्षणों में आंखों में, माथे पर और अन्य जगहों पर तनाव महसूस होता है। साथ ही इस दौरान उन्हें हल्की तकलीफ भी महसूस होती है। आमतौर पर ये समस्या उन लोगों में होती है, जो अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में पर्याप्त मात्रा में पानी नही पीते हैं। कई बार सिर में दर्द चाय, काॅफी छोड़ने या फिर किसी बाहरी चोट के लगने से भी हो सकता है.

टेंशन हैडेक

ये हैडेक (Headache) बहुत ज्यादा तनाव, थकान और बैठने, लेटते समय उचित पाॅस्चर न अपनाने के कारण होता है।

Ataydhik tanav bhi sirdard ka ek karan hai.
अत्यधिक तनाव भी सिरदर्द का एक कारण है।
चित्र: शटरस्टॉक

माइग्रेन

माइग्रेन रिसर्च फाउंडेशन अभी तक इसके होने के सटीक कारणों का पता नहीं लगा पाया है, लेकिन इतना तय है कि माइग्रेन (Migraine) महज सिर दर्द नही है। बल्कि यह न्यूरोलाजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorder) है, जो तंत्रिका (Nerves) और मस्तिष्क (Brain) में डिस्चार्ज होने वाले केमिकल की वजह से होता है। इसके साथ ही माइग्रेन के आनुवाशिंक होने की बात भी सामने आई है। पर इसके लिए सिर्फ जीन (Gene) जिम्मेदार नहीं हैं। माइग्रेन होने के कारणों का पता लगाने के लिए रिसर्च जारी हैं।

अमूमन माइग्रेन की शुरुआत किशोरावस्था में हो जाती है। लेकिन 35-45 साल की आयुवर्ग के लोगों में इसकी परेशानी ज्यादातर पकड़ में आती है। हार्मोंस के चलते पुरुषो की अपेक्षा महिलाओं में इसकी समस्या ज्यादा होती है। माइग्रेन रिसर्च फाउंडेशन के आकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में दस में से एक व्यक्ति माइग्रेन की समस्या से जूझ रहा है।

सेकेंडरी हैडेक (Secondary headache)

अब बात सेकेंडरी हैडेक (Secondary headache ) की। दरअसल किसी और स्वास्थ्य समस्या के चलते जब नस दबने लगती है या किसी अन्य कारण से उसमें खिचाव होने लगता है, तो ऐसे हाल में होने वाला सिर दर्द सेकेंडरी हैडेक की कैटेगरी में आता है। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ न्यूरोलाजिकल डिसआर्डर एंड स्ट्रोक के मुताबिक, सेकेंडरी हैडेक बुखार, इंफेक्शन, दवाइयों के ओवरडेज, हाई बीपी, तनाव या फिर किसी साइकोलाजिकल डिसआर्डर की वजह से हो सकता है।

इस हैडेक में ज्यादातर साइनस की समस्या का जिक्र होता है। इसके आलावा कई बार वातावरण, मौसम भी सेकेंडरी हैडेक के लिए जिम्मेदार होता है।

3 prakaar ke hote hain sex headache
एक नहीं कई प्रकार के होते है सेक्स से सिरदर्द । चित्र:शटरस्टॉक

सेकेंडरी हैडेक से बचाव के लिए खुद को डिहाइड्रेजन यानी शरीर में पानी की कमी न होने दें। स्क्रीन पर ज्यादा समय तक टकटकी लगाकर न देंखे, आखों में तनाव न होने दें। साथ ही खुद भी तनाव मुक्त रहने से सेकेंडरी हैडेक की समस्या से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है।

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क्या हो सकते हैं सिर दर्द से बचाव के उपाय

सिरदर्द से बचने के लिए समय-समय पर पानी पीती रहें।

आंखो पर तनाव के चलते सिर पर बढ़ने वाले दबाव में कमी लाने के लिए लगातार स्क्रीन पर नजर गढ़ाए रखने से बचें।

खुद भी तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें। साथ ही कुछ न कुछ शारिरिक गतिविध करते रहें, क्योंकि हमारा शरीर सिर्फ बैठकर काम करने के लिए नहीं बना है। इसलिए थोड़ा बहुत घूमते-फिरते और टहलते रहना चाहिए।

फिर भी अगर टेंशन हैडेक और तमाम तरह की सेकेंडरी हैडेक जैसी समस्या लगातार महसूस हो रही है, तो फिर उसे ठीक करने के लिए फिजिशियन से संपर्क करना बेहतर होगा।

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