ऊंचाई पर उल्टी और मतली आने लगती है? तो ये टिप्स आ सकते हैं आपके काम 

शेनाज ट्रेजरी इस लेख में न सिर्फ एल्टीट्यूड सिकनेस से निपटने के गुर साझा कर रहीं हैं, बल्कि अपनी लद्दाख ट्रिप के बारे में भी बता रहीं हैं। 
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समय मिलने पर प्रकृति के बीच जाएँ, स्वास्थ्य में सुधार होगा। चित्र:शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 23 Jul 2022, 12:00 pm IST
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पूर्व वीजे से कंटेंट क्रिएटर बनीं शेनाज ट्रेजरी ने हाल ही में लद्दाख और लेह की हाई-एल्टीट्यूड ट्रिप संपन्न की। अपने प्रवास के दौरान उन्हें एल्टीट्यूड सिकनेस (Altitude sickness) से तो जूझना पड़ा, लेकिन उन्होंने समुद्र तल से 3,500 मीटर की ऊंचाई पर खुद को वातावरण के हिसाब से ढालना भी सीख लिया। उनके लिए यह सब काफी कठिन भी था। उनके ये टिप्स आपके लिए भी मददगार साबित हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं उन्हीं से। 

अपनी हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने खुलासा किया कि वह अपनी यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थीं। “लद्दाख की यात्रा मेरे लिए मुश्किल भरी थी। मैं इसके लिए तैयार नहीं थी। वहां ऑक्सीजन लेवल कम था। सांस लेने के क्रम में मुझे मतली और सिरदर्द की समस्या होने लगती। मुझे पता चल चुका है, इसलिए अगली बार, मैं तैयार रहूंगी।

अपने पिछले इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने सीने में दर्द और सांस फूलने के अपने अनुभव को साझा किया था, क्योंकि वे पूरी तरह से उस वातावरण में ढल नहीं पाई थीं। एक्लिमेटाइजेशन या अनुकूलन वह प्रक्रिया है, जिसमें पर्यावरण बदलने पर व्यक्ति का शरीर इस बदलाव के लिए समायोजन करता है। इसका उद्देश्य विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में फिटनेस को बनाए रखना है।

उन्होंने प्रोसोपैग्नोसिया नामक एक स्थिति का वर्णन करते हुए बताया था, “मेरा दिल बहुत तेजी से पंप कर रहा है। यह हमेशा की तरह भ्रमित करने वाला है। मेरे ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम हो गया है।”

क्यों होती है एल्टीट्यूड सिकनेस 

जर्मन मेडिकल पत्रिका, डॉयचेस ऑर्ज़टेब्लैट में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, “ऊंचाई बढ़ने पर हवा का दबाव कम हो जाता है। इसके साथ, सांस की हवा में PO2 (ऑक्सीजन का आंशिक दबाव), धमनी PO2 और ब्लड में O2 सेचुरेशन भी प्रभावित होता है। हाइपोक्सिमिया पेरिफेरल केमोरिसेप्टर्स द्वारा रजिस्टर्ड होता है। इससे हाइपरवेंटिलेशन होता है।” 

हाइपरवेंटिलेशन का अर्थ है तेज या गहरी सांस लेना, जो ज्यादातर चिंता या घबराहट के कारण होता है। अध्ययन में कहा गया है, “एक्यूट माउंटेन सिकनेस, हाई-एल्टीट्यूड सेरेब्रल एडिमा और हाई-एल्टीट्यूड पल्मोनरी एडिमा के लिए मुख्य जोखिम कारक अनुकूलन की कमी, व्यक्तिगत संवेदनशीलता, तेजी से चढ़ाई और हाई एल्टीटयूड हैं।”

एक्यूट एल्टीट्यूड सिकनेस का मुख्य लक्षण सिरदर्द है। साथ ही, दूसरे नॉन स्पेसिफिक लक्षण जैसे कि चक्कर आना, एनोरेक्सिया, मतली और नींद की गड़बड़ी भी है।

इसका तुरंत इलाज कैसे किया जा सकता है?

अनुकूलन या एक्लेमेटाइजेशन के लिए शरीर के ऊतकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार करना जरूरी होता है। अध्ययन में उल्लेख किया गया है, “यह सप्लीमेंट ऑक्सीजन एडमिनिस्ट्रेशन या पोर्टेबल प्रेशर बैग की मदद से हवा के दबाव को बढ़ाकर प्राप्त किया जा सकता है।”

एल्टीट्यूड सीकनेस को मैनेज करने के क्विक टिप्स

ट्रेजरी ने अपने पोस्ट में कुछ टिप्स और उपाय भी साझा किए हैं, जो हाई एल्टीट्यूड ट्रेवल के दौरान काम आ सकते हैं:

Nature ki awaz ke fayada
ऊंचाई पर लगातार ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करते रहें। चित्र:शटरस्टॉक
  1. कपूर का प्रयोग, क्योंकि यह आपको आसानी से सांस लेने में मदद करता है
  2. जी मिचलाना दूर करने के लिए अदरक
  3. ऊर्जा (कैलोरी) प्राप्त करने और त्वचा और होंठों को नमीयुक्त रखने के लिए बटर का प्रयोग
  4. हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी पीती रहें 
  5. ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन
  6. लगातार ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करें। 
  7. लहसुन ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है और ब्लड को साफ करता है। 
  8. यह भी पढ़ें:-कोई भी अवसर अंतिम नहीं, जानिए असफलता को सफलता में बदलने के टिप्स 

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