भारतीय पुरुषों में बढ़ता जा रहा है प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम, जानिए इसके प्रारंभिक लक्षण और बचाव के उपाय

प्रोस्टेट की समस्या से बचाने के लिए अपने पार्टनर का साथ दें। हेल्दी भोजन के साथ हर दूसरे साल प्रोस्टेट कैंसर की जांच करवाना भी इसमें मददगार साबित हो सकता है।
purushon mein badhti ja rahi hai prostate ki samasya
पुरूषों में बढ़ती जा रही है प्रोस्टेट की समस्यसा, उपचार के लिए डॉक्टर की लें सलाह। चित्र- शटर स्टॉक
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प्रोस्टेट ब्लेडर के नीचे और मलाशय (रेक्टम) के सामने अखरोट के आकार की ग्रंथि है। जिसकी मदद से पुरूष के शरीर का युरिन बाहर निकलता है। कम उम्र के लोगों में यह छोटे आकार का होता है, लेकिन उम्रदराज लोगों में प्रोस्टेट का साइज बड़ा हो जाता है। भारत में पुरूषों में यह तेज़ी से बढ़ने वाली समस्या बन गई है। कभी नौवें नंबर का माना जाने वाला प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) अब चौथे नंबर पर काबिज हो चुका है। इसलिए यह जरूरी है कि अपने पार्टनर की सेहत के लिए आप इसके बारे में सब कुछ जानें।

अटलांटा जनरल में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक इंडिया में 60 साल से ज्यादा के पुरूष में हर छठवें व्यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर की समस्या है। जिसमें 59 साल से कम और 70 साल की उम्र से ज्यादा मरीज़ों के बचने की उम्मीद 55 से 77 फीसदी होती है। दो तिहाई 65 या उससे अधिक उम्र के लोगों में यह समस्या पाई गई है।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कानपुर के धनवंत्री अस्पताल के एमडी और यूरोलॉजिस्ट डॉ सौरभ सिंह कहते हैं कि उम्र के बढ़ने के साथ इस समस्या के होने प्रतिशत भी बढ़ने लगते हैं। 80 से ज्यादा उम्र के लोगों के पास 50 से 60 फीसदी बचने का मौका होता है, वहीं 90 से ज्यादा उम्र के लोगों में 90 प्रतिशत ठीक होने का मौका है। प्रोस्टेट कैंसर फास्ट फूड, शराब का अधिक सेवन, धूम्रपान, प्रदूषण, तनाव आदि की समस्या शरीर में बीमारी पैदा करती हैं। जितना हो सके इनसे बचने का उपाय देखें।

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हेल्दी भोजन से दूर होगी प्रोस्टेट की समस्या। चित्र- शटर स्टॉक

क्या है प्रोस्टेट कैंसर

डॉ सौरभ कहते हैं यह एक कैंसर है जो प्रोस्टेट ग्रंथि में होता है, जब ग्रंथि में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं तो यह प्रोस्टेट कैंसर जैसी परेशानी बन जाती है। यह केवल पुरूषों में होती है। प्रोस्टेट एक तरह का तरल पदार्थ का उत्पादन करता है, इससे वीर्य बनने में मदद मिलती है।
डॉ सौरभ के कहते हैं प्रोस्टेट ब्लेडर के नीचे और मलाशय (रेक्टम) के सामने अखरोट के आकार की ग्रंथि है। जिसकी मदद से पुरूष के शरीर का युरिन बाहर निकलता है। कम उम्र के लोगों में यह छोटे आकार का होता है, लेकिन उम्रदराज लोगों में प्रोस्टेट का साइज बड़ा हो जाता है।

क्या हैं प्रोस्टेट कैंसर के शुरूआती लक्षण

डॉ सौरभ के अनुसार रात में खांसी के बाद पेशाब जाना, पेशान में मुश्किल या जलन होना, पेशाब या वीर्य से खून आना, पेशाब करते वक्त दर्द महसूस होना, बैठने या उठने में दर्द, बैचेनी, इरेक्शन के दौरान इससे जुड़ी समस्याओं का सामना करना, स्खलन में दर्द महसूस होना।
इसमें से कोई भी समस्या आपके पार्टनर को है, तो जितनी जल्दी हो सके प्रोस्टेट कैंसर की जांच करा लें। आपके पार्टनर के परिवार में यदि किसी को प्रोस्टेट से जुड़ी कोई समस्या रही है तो बीआरसीए जीन म्यूटेशन से पार्टनर को भी हो सकता है। अगर परिवार में स्तन या ओवेरियन कैंसर का इतिहास रहा है, तो भी प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अतिरक्त मोटापा, ज्यादा फैट वाला खाना खाने से भी प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है।

जानिए कैसे किया जा सकता है प्रोस्टेट कैंसर से बचाव

डॉ सौरभ कहते हैं कि इस समस्या को रोकने के लिए कोई खास रणनीति नहीं है। बस कुछ सावधानी बरतने से इस समस्या से बचा जा सकता है। हरी सब्जियों का अधिक सेवन, फल या जूस, स्प्राउट़स, फैट का सेवन कम, करने से कुछ हद तक बचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त पीएसए ब्लड टेस्ट से प्रोस्टेट का पता किया जा सकता है।
यादि परिवार के पुरुष सदस्यों की उम्र 50 वर्ष से अधिक है, तो चार से पांच माह में फुल बॉडी चेक अप कराने सभी बचा जा सकता है।

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प्रोस्टेट की समस्या से बचने से के लिए समय पर कराएं जांच। चित्र- शटर स्टॉक

यह भी जान लें

डॉ सौरभ कहते हैं प्रोस्टेट की निगरानी करने के लिए एक्टिव सर्वेलेंस का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा हर छह माह मे प्रोस्टेट विशिष्ट एंटीजन ब्लड टेस्ट किया जाता है। साथ ही साल में एक बार डिजिटल रेक्टल परीक्षा भी कराने साथ एक से तीन के बीच प्रोस्टेट बायोप्सी और इमेजिंग टेस्ट करना चाहिए। सारे टेस्ट कराने से पहले किसी यूरोलॉजिस्ट से सलाह जरूर लें।

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लेखक के बारे में

कानपुर के नारायणा कॉलेज से मास कम्युनिकेशन करने के बाद से सुमित कुमार द्विवेदी हेल्थ, वेलनेस और पोषण संबंधी विषयों पर काम कर रहे हैं। ...और पढ़ें

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