एक्यूप्रेशर से रोग प्रतिरोधक क्षमता सुधारें, शरीर को इस तरह से बनाएं मज़बूत

भागदौड़ से भरी इस जिंदगी में एक्यूप्रैशर के ज़रिए हम अनचाहे दर्द और तनाव से मुक्ति् पा सकते हैं। सप्ताह में एक्यूप्रैशन की दो से तीन सिटिंग्स हमारे लाइफस्टाइल को बेहतर बना सकती है।
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टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 24 Dec 2022, 20:30 pm IST
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सदियों से एक्यूप्रेशर शरीर को मज़बूत और रोगमुक्त रखने का काम कर रहा है। एक्यूप्रेशर एक चीनी चिकित्सा पद्धति है, जो हमारे शरीर को कई तरह की बीमरियों से बचाती है और शरीर में रक्त संचार से लेकर एनर्जी लेवल तक उचित बनाए रखती है। दरअसल, शरीर जब किसी बीमारी की चपेट में आता है, तो सबसे पहले हमारा एनर्जी लेवल डाउन होने लगता है। उस ताकत को दोबारा शरीर में उत्पन्न करने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक्यूप्रेशर एक बेहतरीन और आसान उपाय है। इस पद्धति में सबसे पहले रोग की इस बात की पहचान की जाती है कि किस अंग पर निरंतर दबाव आ रहा है और उसके बाद उस बॉडी पार्ट से संबधित पॉइंटस पर प्रेशर डालकर इलाज किया जाता है। एक्यूप्रेशर हमारे ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू करने का काम करता है। इस बारे में बता रहे हैं, आर पी पुष्कर, एक्युप्रैशर विशेषज्ञ

एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट सुझाव
इस बारे में बता रहे हैं, आर पी पुष्कर, एक्युप्रैशर विशेषज्ञ बता रहे हैं कि अगर आप घर पर एक्युप्रैशर करना चाहते हैं, तो रंगों, मेथीदाना, काली मिर्च के दाने और मटर के दानों से भी किया जा सकता है। इसमें इन दानों को आपकी उंगलियों के टिप्स पर लगाकर टेप से बांध दिया जाता है, जिसमें कुछ ही मिनटों में आपको असर नज़र आने लगता है। जरा इससे तुरंत रीलीफ मिल जाता है। ऑनलाइन इलाज कर सकते हैं।

क्या है एक्यूप्रेशर के केन्द्रबिदूं
भागदौड़ से भरी इस जिंदगी में एक्यूप्रेशर परेशानी से दूर रहने का एक कारगर उपाय है। इसमें शरीर की जांच के बाद एक्यूप्रेशर पॉइंटस पर दबाव डाला जाता है ताकि रक्त का संचार नियमित हो और उस परेशानी से राहत मिल सके। ये पॉइंटस पैरों, टांगो, पीठ, पेट और शरीर के सभी अंगों में होते हैं। पूरे शरीर में एक्यूप्रेशर के 300 से ज्यादा प्वाईटस होते हैं। मरीज की स्थ्ति के अनुसार एक्यूप्रेशर थेरेपी को अंजाम दिया जाता है। इन प्वाईटस को आवश्यकतानुसार 5 से लेकर 10 मिनट तक दबाया जाता है। दरअसल, विशेषज्ञ हाथों और पैरों को एक्यूप्रेशर का केन्द्रबिदूं मानते हैं। हाथों की उंगलियों और कलाई के अलावा पैरों की उंगलियों में भी प्वाईटस होते हैं, जिन्हें ज़रूरत के मुताबिक दर्द निवारण के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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एक्यूप्रेशर से संपूर्ण शरीर को आराम मिलता है। चित्र: शटरस्टॉक

जानें इसके फायदे

तनाव मुक्त रखने में सहायक
भागदौड़ से भरी इस जिंदगी में तनाव होना एक आम बात है। मगर एक्यूप्रेशर की मदद से आप शारीरिक और मानसिक तनाव से दूर रहकर स्व्स्थ्स जीवनशैली अपना सकती है। एक्यूप्रेशर आपके शरीर को शांति और सुकून प्रदान करता है। साथ ही मासपेशियों में आने वाले खि़चाव से भी राहत मिलती है।

सर्दी जुकाम से राहत
श्वसन रोग यानि जुकाम और साइनस में आपको सांस लेने में तकलीफ आती है। ऐसे में एक्यूप्रेशर पाइटस पर की जाने वाली मसाज आपको श्वसन रोगों से दूर रखने मकें कारगर साबित होता है। इसके अलावा सर्दियों के मौसम में होने वाली तकलीफों में भी एक्यूप्रेशर एक वरदान साबित होता है।

दर्द को करे दूर
चाहे सिरदर्द हो, कमर दर्द हो यां फिर गर्दन में होने वाली दर्द। हर जगह आप एक्यूप्रेशर का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप सप्ताह में अगर तीन दिन भी एक्यूप्रेशर की सिटिग्स ले लेते हैं, तो आपको अपने अंदर बदलाव नज़र आने लगेगा। 40 के पार होते ही महिलाओं को अक्सर सर्वाइकल यां साईटिका की पेन रहती है, जिससे वे दिनभर के कामों को पूरा नहीं कर पाती। ऐसे में एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट की सलाह से आपको दर्द से राहत मिलती है। एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट के बताए तरीकों से आप घर पर भी हीलिंग कर सकती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
इस प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के ज़रिए आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ा सकती हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि इम्यून सिस्टम हमें अनेक बीमारियों से एक कवच की तरह बचाता है। ऐसे में इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने के लिए सक्यूप्रेशर एक सटीक उपाय है, जो आपको रोगों से बचाता है। प्रभावित अंगों के रिफलेक्स पाइटस को दवाने से दर्द औी तकलीफ छू मंतर हो जाती है। साथ ही शरीर अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए भी तैयार हो जाता है।

एक्यूप्रेशर थेरेपी किन रोगों में कारगर
पेट से जुड़ी समस्याओं में गड़बड़ी और उल्टी के लिए पेरिकार्डियम एक्यूप्रेशर प्वाईट कारगर है। जो हमारी कलाई से तीन ईच की दूरी पर होता है।
सिरदर्द और आंखों में होने वाले दर्द से राहत के लिए रिलैक्सेशन पाईट को दबाना फायदेमंद हो सकता है, जो दोनों आइब्रो के मध्य में होता है।
शरीर की सूजन को कम करने के लिए नाभि से दो उंगली उपर की ओर एक पाईट होता है, जिससे पूरा शरीर डिटॉक्सिफाई हो जाता है।
अगर आप वेटलॉस की तैयारी कर रही है, तो नाभि से दो ईच नीचे की ओर बने पाईट पर एक्यूप्रेशर करें।

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किन रोगों में है एक्यूप्रेशर फायदेमंद। चित्र:शटरस्टॉक

एक्यूप्रेशर करते वक्त रहें सतर्क

अगर आप बुखार से ग्रस्त है, तो एक्यूप्रेशर करने से बचें।
पीरियड्स के दिनों में पेट के निचले हिस्से में बने एक्यूप्रेशर पाइटस को न दबाएं।
कोई भी मील लेने के एकदम बाद एक्यूप्रेशर न करे। खाने के एक से दो घंटे के बाद ही एक्यूप्रैशर करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर बढ़ने और घटने के समय पर एक्यूप्रेशर करना उचित नहीं है।

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