महिलाओं के स्वास्थ्य में पीरियड्स, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज (menopause) जैसे अलग – अलग चरण आते हैं। इन अलग – अलग चरणों में जीवन और स्वास्थ्य में भी कई तरह के परिवर्तन होते हैं। इनकी वजह से कभी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आती हैं तो कभी जीवन में कई उतार – चढ़ाव भी आते हैं जिनका असर हमारे पार्टनर पर भी पड़ता है।
ठीक इसी तरह पुरुषों के साथ भी कई समस्याएं आती, जो महिलाओं में इतनी कॉमन नहीं है। यह ऐसी समस्याएं जो बढ़ती उम्र के साथ हो सकती हैं या खराब लाइफस्टाइल के कारण आपके और पार्टनर के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
इरेक्टाइल डिसफंकशन पुरुषों में आम है, विशेष रूप से 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह आपके यौन जीवन को प्रभावित करे। इस समस्या में दवाएं मदद कर सकती हैं।
नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, बसवेश्वरनगर, बेंगलुरु में फर्टिलिटी कंसल्टेंट, डॉ पल्लवी प्रसाद, के अनुसार ”इरेक्टाइल डिसफंकशन के कुछ शुरुआती संकेत हो सकते हैं जैसे एजैक्यूलेटरी डिसफंकशन, यौन इच्छा या कामेच्छा में कमी आदि।” इसके अलावा, इरेक्टाइल डिसफंकशन हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ के कारण भी हो सकता है।
साथ ही, स्मोकिंग न करें और शराब का सेवन कम करें। ऐसी चीजों में अपने पार्टनर को समझना और समझाना दोनों ज़रूरी है। उन्हें बताएं कि इसका इलाज है और डॉक्टर के पास ले जाएं।
अक्सर पुरुषों में 30 उम्र के बारे लो टेस्टोस्टेरोन की समस्या आती है। मेयो क्लीनिक के अनुसार यह खराब लाइफस्टाइल, स्मोकिंग, और हॉर्मोन्स के उतार चढ़ाव के कारण हो सकता है। मगर इसका इलाज भी किया जा सकता है और यह समस्या काफी कॉमन है। ऐसे कई फूड्स भी हैं जिनकी मदद से अपने पार्टनर को उनकी सेक्स ड्राइव बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
क्लीवलैंड क्लिनिक का अनुमान है कि 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 40% पुरुष कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर से पीड़ित हैं। अधिकांश पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन स्वाभाविक रूप से 30 वर्ष की आयु से शुरू होता है और एक वर्ष में लगभग 1% तक गिर जाता है।
पुरुषों में अवसाद एक ऐसी समस्या है, जिसके बारे में अभी भी बहुत कम लोग जानते हैं और उनके मानसिक स्वास्थ्य को समझते हैं। इंडियन जर्नल ऑफ साइकेट्री, डिप्रेशन पुरुषों में यौन रोग का कारण बन सकता है। अक्सर मूड स्विंग जैसी कंडीशन को भी महिलाओं के साथ जोड़कर देखा जाता है और पुरुषों में इस तरह की चीज़ें कोई एक्सपेक्ट नहीं करता है।
इसके अलावा पुरुषों डिप्रेशन के संकेत सिर्फ उदासी या नॉर्मल संकेतों से काफी अलग हो सकते हैं – जैसे चिड़चिड़ापन या बहुत ज़्यादा गुस्सा करना, जिसकी वजह से आपको उन्हें समझने में थोड़ी परेशानी हो सकती है। इसलिए यदि आपको उनके बिहेवियर में कोई मेजर चेंज नज़र आए तो उनसे बात करें और उनके मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के अनुसार इन्फर्टिलिटी लग भग 40 से 50 % पुरुषों को प्रभावित करती है। यह लो स्पर्म लेवल और ऐबनॉर्मल स्पर्म फंकशन के कारण होता है। यह समस्या महिलाओं और पुरुषों दोनों के साथ आती है।
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कस्टमाइज़ करेंडॉ पल्लवी का मानना है कि इसमें सर्जरी भी मदद कर सकती है। इसलिए अगर आप फैमिली प्लानिंग कर रही तो आप डॉक्टर से बात करें और फैमिली प्लानिंग के अन्य विकल्पों पर ध्यान दें।
सबसे आम यौन संचारित संक्रमण में से एक है, ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) यह अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है। मगर , एचपीवी वाले कुछ पुरुष संक्रमण से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं विकसित कर सकते हैं जैसे पेनाइल कैंसर या हरपीज़। एचपीवी टीके संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं, लेकिन किसी व्यक्ति के 26 वर्ष का होने से पहले यह ज़्यादा फायदेमंद होते हैं। एचपीवी और अन्य एसटीआई को रोकने के लिए कंडोम भी एक महत्वपूर्ण उपाय है।
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