एक्सपर्ट बता रहीं हैं, क्यों जरूरी है इस मौसम में स्ट्रीट फूड से परहेज करना

स्ट्रीट फूड टेस्टी और आसानी से उपलब्ध तो होता है, पर बरसात के मौसम में यह बैक्टीरिया के पनपने और आपके पेट तक पहुंचने का भी सबसे सुगम तरीका है।
बरसात के मौसम में स्ट्रीट फूड से परहेज करना ही अच्छा। चित्र: शटरस्टॉक
बरसात के मौसम में स्ट्रीट फूड से परहेज करना ही अच्छा। चित्र: शटरस्टॉक
Dr. Mugdha Tapadia Published: 16 Jul 2021, 13:34 pm IST
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मॉनसून यानी बरसात का मौसम किसी वरदान से कम नहीं होता, जैसे गर्मी से राहत मिलती है और यह समय खेती-बाड़ी, मीठे पानी के स्रोतों, पनबिजली संयंत्रों के लिए काफी अच्छा समय होता है। हालांकि, जहां अच्छाई होती है वहां बुराई भी मौजूद होती है। मानसून कई संक्रामक बीमारियों के फैलने के लिए भी सबसे अनुकूल मौसम होता है। मानूसन में मच्छरों जैसे कीटों के प्रजनन में काफी तेज़ी आती है और इसलिए इस दौरान वेक्टरों के कारण होने वाली बीमारियां अपने चरम पर होती हैं।

स्ट्रीट फूड और मानसून

बरसात के मौसम में स्ट्रीट फूड बेचने वालों के काउंटरों, बर्तनों इत्यादि में मौजूद बैक्टीरिया या जीवाणु काफी तेज़ी से बढ़ते हैं। इसलिए बरसात के मौसम के दौरान विशेष तौर पर स्ट्रीट फूड का सेवन करने से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि अगर आपने संक्रमित भोजन का सेवन कर लिया तो इससे आपको फूड पॉइज़निंग, डायरिया इत्यादि हो सकता है।

बरसात में फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। चित्र: शटरस्स्टॉक
बरसात में फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है। चित्र: शटरस्स्टॉक

समझिए इसके कारण 

1 कम हो जाती है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता

इस सीज़न के दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है और इस वजह से अधिक संख्या में लोग संक्रमण का शिकार होते हैं। इसके साथ ही डाइजेस्टिव एन्जाइम्स भी बहुत सक्रिय नहीं होते हैं और कुल मिलाकर पूरा पाचन-तंत्र संक्रमण के प्रति बेहद संवेदनशील और कमज़ोर हो जाता है।

2 इस मौसम में तेजी से पनपते हैं बैक्टीरिया

मानसून के मौसम का तापमान तथा नमी बैक्टीरिया और फंगस के फैलने के लिए बहुत अनुकूल होता है विशेष रूप से हरी पत्तेदार सब्ज़ियों पर। हालांकि, आप बरसात में भी इनका सेवन कर सकते हैं लेकिन इनके सेवन से पहले इन्हें हल्के गुनगुने पानी में धोकर तेज़ आंच पर अच्छी तरह अवश्य पका लें। इस मौसम में सादा पका हुआ, ताज़ा व स्वस्थ भोजन का ही सेवन करना चाहिए।

3 डीप फ्राइड फूड है पाचन के लिए नुकसानदेह

मानसून के दौरान तले-भूने व अधिक मसाले वाले भोजन से परहेज़ करना चाहिए। अगर आप घर पर ही तले हुए व्यंजनों का सेवन कर रहे हैं तो बहुत अधिक नहीं खाएं और जिस तेल में आपने उसे तला है उसका दोबारा उपयोग नहीं करें।

4 दूषित पानी है एक बड़ी वजह

मानूसन के दौरान पानी के ज़रिए संक्रमण होने का अधिक जोखिम रहता है जिससे सभी प्रकार की मछलियों व सीफूड के कैरियर होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में मानसून के दौरान मछलियों व सीफूड का सेवन नहीं करना ही बेहतर रहता है।

बरसाती बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

बारिश के मौसम में अपने बच्चों का रखें ख़ास ख्याल. चित्र : शटरस्टॉक
बारिश के मौसम में अपने बच्चों का रखें ख़ास ख्याल. चित्र : शटरस्टॉक

खूब सारा पानी पिएं

मानूसन के दौरान शरीर को अच्छी तरह हाइड्रेट करना बहुत आवश्यक होता है। इसलिए ढेर सारा पानी पीना ज़रूरी है। पेयजल पीने के लिए सुरक्षित होना चाहिए क्योंकि बरसात के मौसम में इसके दूषित होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

पानी को फिल्टर करना न भूलें

इस बात पर ध्यान देना ज़रूरी है कि माइक्रोब्स के अलावा भू​मिगत जल रसायनों से दूषित हो सकता है क्योंकि ये आसानी से भूमिगत जल भंडार से मिल जाते हैं। पानी को फिल्टर करने के बाद उबालना सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है।

मानूसन के दौरान बीमारियों से बचाव के लिए इन बातों का ध्‍यान रखना भी जरूरी है:

  1. किसी भी रोगग्रस्‍त व्‍यक्ति के संपर्क में आने से बचें
  2. अपनी व्‍यक्तिगत शारीरिक स्‍वच्‍छता का विशेष ध्‍यान रखें
  3. खुद को गर्म रखें और शरीर सूखा बने रहे इसका भी ख्‍याल करें
  4. हर रोज़ व्‍यायाम करें
  5. अपने आसपास साफ-सफाई रखें तथा घर-बाहर नियमित रूप से डिस्‍इंफेक्‍ट करें
  6. फलों एवं सब्जियों को अच्‍छी तरह धोएं
  7. मौसमी फलों का अधिक सेवन करें
  8. पूरी बाजू के कपड़े पहनें ताकि ठंड और बुखार से बचे रहें
  9. भरपूर नींद लें
  10. अपनी खुराक में विटामिन डी का सेवन बढ़ाएं
  11. गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि ब्‍लैक या ग्रीन टी, सूप आदि
  12. हल्‍दी एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-ऑक्‍सीडेंट होती है और काली मिर्च के सेवन से शरीर में हल्‍दी का अवशोषण ठीक प्रकार से होता है।

यह भी पढ़ें – बरसात के मौसम में इन 3 बीमारियों से आपको रहना चाहिए सावधान, मच्छर हो सकते हैं इनका कारण

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