फायदेमंद है जमीन पर बैठना, मगर इन लोगों को करना चाहिए घुटने मोड़कर बैठने से परहेज

अकसर कुर्सी पर बैठने वालों को जमीन पर बैठने का मौका बहुत कम मिलता है। हालांकि यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। फिर भी कुछ लोगों को जमीन पर घुटने मोड़कर बैठने से परहेज करना चाहिए।
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इन लोगों को करना चाहिए घुटने मोड़कर जमीन पर बैठने से परहेज। चित्र : शटरस्टॉक

क्या आपने कभी बैठते समय घुटने में तकलीफ महसूस की है? अगर आपके साथ भी यही समस्या है, तो आप अकेली नहीं है। घुटने कमजोर होने की वजह से कई महिलाओं को फर्श पर बैठने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। यह लक्षण घुटनों से संबंधित बीमारी के हो सकते हैं।

एक तरफ जहां कुछ लोगों को फर्श पर बैठनें में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। तो वहीं कुछ लोगों के लिए फर्श पर बैठना दिनचर्या का हिस्सा होता है। हर काम के लिए जमीन पर बैठना या जमीन पर बैठकर भोजन करना, पुरनें समय से भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है। एक्स्पर्ट्स भी मानते हैं कि फर्श पर बैठना हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद है।

तो चलिये जानते हैं फर्श पर बैठने के फायदे

1. पॉस्चर में सुधार होता है

फर्श पर बैठने से आपके शरीर को आपके आसन को ठीक करने में मदद मिलती है। यह आपके कंधों को पीछे धकेल कर आपकी रीढ़ और पीठ को सीधा करने में मदद करता है। फर्श पर बैठना आपको अपने कोर को स्थिर करने के लिए प्रोत्साहित करता है जिससे पीठ दर्द कम होता है।

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पालथी मारकर बैठना आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक

2. मांसपेशियों की गतिविधि में वृद्धि

जो लोग लंबे समय तक कुर्सी पर बैठते हैं, उन्हें स्लिप डिस्क और पीठ के निचले हिस्से में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। जबकि जमीन पर बैठने से की मुद्राओं से निचले अंगों की मांसपेशियों में सक्रियता आती है।

3. लचीलेपन में सुधार होता है

जब आप फर्श पर बैठते हैं, तो आपके शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियां खिंच जाती हैं। जिससे आपके शरीर का लचीलापन बढ़ता है और आपके पैरों को ताकत मिलती है। बैठने से कूल्हों, पैरों, श्रोणि और रीढ़ को फैलाने में मदद मिलती है। इससे शरीर में प्राकृतिक लचीलेपन को बढ़ावा मिलता है।

4. पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है

सुखासन, एक योग मुद्रा जिसमें व्यक्ति पैरों को क्रॉस करके फर्श पर बैठता है। यह आसन पाचन प्रक्रिया में सुधार करने में मदद करता है। जब हम खाना खाने के लिए अपनी थाली जमीन पर रखते हैं, तो हमें खाने के लिए अपने शरीर को थोड़ा आगे बढ़ाना होता है। फिर हम वापस अपनी मूल स्थिति में आ जाते हैं। शरीर को बार-बार हिलाने की क्रिया से पेट की मांसपेशियां उत्तेजित होती हैं, जो बदले में, पेट में पाचक एंजाइमों के स्राव को बढ़ाती हैं, जिससे भोजन बेहतर ढंग से पचता है।

फर्श पर बैठना अक्सर कुर्सी पर बैठने से बेहतर होता है। चित्र : शटरस्टॉक

ऐसा कहा जाता है कि फर्श पर बैठना अक्सर कुर्सी पर बैठने से बेहतर होता है। हालांकि, लंबे समय तक ऐसा करने से पीठ के निचले हिस्से पर दबाव पड़ सकता है। खासकर उन लोगों में जो पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव करते हैं। यदि आपके डॉक्टर ने आपको ऐसा न करने की सलाह दी है, तो आपको फर्श पर नहीं बैठना चाहिए।

अगर आपके घुटनों में दर्द है और आप फिर भी जमीन पर बैठ रही हैं, तो कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे –

1. यदि आपके घुटनों में दर्द है, तो इन्हें ज़मीन पर मोड़कर न बैठें। पैरों को फैलाकर बैठने की कोशिश करें।

2. बैठते समय किसी तकिये या गद्दी का सहारा लें या दीवार के सहारे पीठ सीधी करके बैठें।

3. अगर आपके घुटनों में बैठने पर बहुत ज़्यादा दर्द होता है, तो यह गठिया के कारण हो सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस आपके पैरों को कठोर महसूस करा सकता है।

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प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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