विश्व हृदय दिवस : कोविड-19 के बाद बढ़ सकता है हृदय रोगों का जोखिम, बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान

अगर पिछले एक-डेढ़ साल में आप कोविड-19 से ग्रस्त हुए हैं, तो आपके लिए अपने दिल की सेहत पर एक्स्ट्रा ध्यान देना जरूरी है।
calcium ka jmaaw khatarnak hai
दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है गाजर का मुरब्बा। चित्र: शटरस्टॉक
Dr. Rashi Khare Updated: 23 Oct 2023, 09:57 am IST
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पिछले कुछ साल के दौरान देश में हृदय संबंधी बीमारियों के मामले (Heart Disease) काफी चिंताजनक दर से बढ़ रहे हैं। विशेष तौर पर युवाओं में। वैश्विक स्तर पर 1.7 करोड़ लोग और भारत में 30 लाख लोग हर साल हार्ट अटैक (Heart attack) व स्ट्रोक (Heart stroke) जैसी कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों (सीवीडी) के कारण अपनी जान गंवा देते हैं।

हाल के समय में विशेष तौर पर कोविड काल (Post covid) के बाद दिन भर बैठे रहने वाली जीवनशैली, खानपान की अस्वस्थ आदतें और बढ़ते तनाव ने कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का बोझ बढ़ा दिया है। कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन करने से हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

इस बात को अच्छी तरह समझने के बावजूद कई लोगों के लिए अपने खानपान की आदतों को बदलना बहुत मुश्किल होता है। न सिर्फ भोजन का प्रकार, बल्कि उसके सेवन की मात्रा भी हृदय के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।

अनावश्यक कैलोरी का सेवन करने से वज़न बढ़ सकता है और मोटापा हमारे हृदय के लिए एक बड़ा खतरा होता है। जिन लोगों को डायबिटीज़, कोलेस्ट्रोल, या हाइपरटेंशन की समस्या है उन्हें अपने खानपान को लेकर और सतर्क होने की ज़रूरत है। क्योंकि उनमें कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां होने का जोखिम अधिक होता है।

Covid-19 ne heart disease ka jokhim badha diya hai
कोविड-19 ने हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा दिया है। चित्र: शटरस्टॉक

यहां हैं हृदय रोगों से बचने के जरूरी उपाय

भोजन की मात्रा को नियंत्रित करें:

छोटी प्लेट या कटोरी का इस्तेमाल करने से हमारे भोजन की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। हम कितनी बार खा रहे हैं इसका ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है।

क्या खाएं और क्या नहीं:

  1. कम कैलोरी वाला, पोषण से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे फल एवं सब्ज़ियों का सेवन आवश्यक है। हरी पत्तेदार सब्ज़ियां जैसे पालक, केल या करमसाग के पत्ते और कोलार्ड ग्रीन्स विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी—ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं।
  2. अधिक कैलोरी, अधिक सोडियम वाले खाद्य पदार्थों की संख्या नियंत्रित करने की ज़रूरत है जैसे रिफाइंड, प्रोसेस्ड या फास्ट फूड्स।
  3. होल ग्रेन्स फाइबर व अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होते हैं जो ब्लड प्रेशर को नियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हृदय के स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
    सोया एक प्लांट प्रोटीन है और यह मांस का विकल्प हो सकता है क्योंकि इसमें ब्लड प्रेशर को कम करने और कोलेस्ट्रोल घटाने में सक्षम है।
  4. भोजन पकाने में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करने से ‘खराब’ एलडीएल कोलेस्ट्रोल कम करने में मदद मिल सकती है क्योंकि ऑलिव ऑयल में अधिक मात्रा में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी ऐसिड्स होते हैं।
  5. डिहाइड्रेशन से आपके हृदय को पंप करने में मुश्किल हो सकती है इसलिए कैलोरी फ्री स्वस्थ पेय पदार्थों का सेवन करें जैसे शुगर फ्री फलों का जूस, नारियल पानी, नींबू पानी, सब्ज़ियों का जूस, छास इत्यादि जो आपकी मांसपेशियों को आसानी से काम करने में मदद करते हैं।
  6. चिया सीड्स, फ्लैक्सीड्स और हैंप सीड्स हृदय के लिए स्वस्थ पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत हैं जिनमें फाइबर और ओमेगा 3 फैटी ऐसिड्स होते हैं।
  7. ग्रीन टी पीने की आदत डालना उन लोगों के लिए अच्छा साबित हो सकता है जो मोटापे और हाइपरटेंशन की समस्या से जूझ रहे हैं।
  8. अपने दिन की शुरुआत ताज़े बेरीज़ के साथ ओटमील जैसे स्वस्थ नाश्ते से करने से आपका पेट भी भरेगा और यह बहुत स्वास्थ्यजनक भी है जिसका आपके हृदय के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  9. कभी-कभी खानपान में​ ढील देना चल सकता है। शायद सप्ताह में एक बार चॉकलेट या चिप्स खा लेने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन यह स्वस्थ खानपान की आदतों को छोड़ने का बहाना नहीं बनना चाहिए।

हेल्दी हार्ट के लिए जीवनशैली में सुधार भी है जरूरी

स्वस्थ आहार का सेवन करने के साथ ही लोगों के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी हृदय को स्वस्थ रखने के लिए ज़रूरी है। नियमित दिनचर्या में नीचे बताए गए कुछ बदलाव अपनाकर आप अपने हृदय का सर्कुलेशन बढ़ा सकते हैं:

healthy heart ke liye yogasan ko kare apni fitness routine mein shaamil
हेल्दी हार्ट के लिए योगासनों को करें अपने फिटनेस रूटीन में शामिल। चित्र: शटरस्टॉक
  1. एक्टिव या पैसिव स्मोकिंग और तंबाकू के सेवन से बचें।
  2. स्वस्थ रहने के लिए दिन में कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना आवश्यक है।
  3. मोटापे से हृदय संबंधी बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है इसलिए स्वस्थ वज़न बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए।
  4. प्रत्येक 6 माह में एक बार हृदय के स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए विशेष तौर पर कोविड से उबरने के बाद। किसी भी प्रकार के लक्षण जैसे सीने में दर्द, पैर या हाथ में दर्द, शरीर के​ कई हिस्सों में सूजन, उल्टी या मितली होना, सांस लेने में तकलीफ और यहां तक कि बिना किसी वजह थकान महसूस होने को भी गंभीरता से लेना चाहिए और इसके लिए तुरंत मेडिकल सलाह लेनी चाहिए।
  5. तनाव कम करना या उससे सही ढंग से निपटना भी मददगार साबित हो सकता है।

यह भी पढ़ें – इस क्विज में हिस्सा लीजिए और जानिए कि आप हृदय स्वास्थ्य के बारे में कितना बेहतर जानती हैं

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Dr. Rashi Khare is Senior Consultant Cardiac Sciences, Non-Invasive Cardiology, Interventional Cardiology, Fortis Hospital Shalimar Bagh. ...और पढ़ें

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