महिलाओं के प्रति मानसिकता बदलेगी, तभी आएगा समाज में बदलाव : कहती हैं सामाजिक कार्यकर्ता आन्या विग

सामाजिक कार्यकर्त्ता आन्या विग मानती हैं कि महिलाओं के प्रति मानसिकता में बदलाव आने पर ही समाज में भेदभाव खत्म होगा।
जब परिवर्तन के अपने सपने को आगे बढ़ाने की बात आती है तो आन्या के लिए उम्र कभी भी बाधा नहीं रही। वे एक ऐसे माहौल में पली-बढीं, जहां शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती थी।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 27 Mar 2023, 19:17 pm IST
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आन्या विग यंग और सेल्फ कॉन्फिडेंस से भरपूर हैं। वे हमेशा आगे बढ़ने के लिए उत्साह से भरपूर रहती हैं। वे महिलाओं के लिए सुंदर दुनिया बनाना चाहती हैं, जहां किसी भी महिला को अपनी आवाज उठाने के लिए संघर्ष न करना पड़े। यहां तक पहुंचने का श्रेय आन्या अपने अनुभवों और शिक्षा को देती हैं। एक सिंगल मदर के हाथों हुई परवरिश और अपने आसपास मौजूद सामाजिक रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों ने भी उन्हें मजबूत बनने की प्रेरणा दी। वह अभी मात्र 23 साल की हैं और ‘हर हक (Her Haq)’ संस्था की सह-संस्थापक हैं। इस संस्था का नेतृत्व युवाओं के हाथों में है और यह एक गैर-लाभकारी संगठन है। इसका उद्देश्य लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा (Aanya wig struggle for gender equality) देना है।

एक साथ कई काम

एक सामाजिक उद्यमी के रूप में आन्या तीन क्षेत्रों में काम कर रहीं हैं: मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन ( menstrual hygiene management), वित्तीय साक्षरता (financial literacy) और कानूनी साक्षरता (legal literacy)। इन सभी के अलावा, वे द उदैती फाउंडेशन (The Udaiti Foundation) से भी जुड़ी हुई हैं। वे यूनीसेफ के लिए यंग पीपल्स एक्शन टीम में हैं और यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के साथ एसयूएसआई स्कॉलर भी हैं। उन्होंने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी कानून, मानवाधिकार कानून और शरणार्थी कानून में पीजी डिप्लोमा पूरा किया है।

दुनिया महिलाओं को बराबरी की नजर से देखे

दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वीमेन की छात्रा रही आन्या विग अलग-अलग पेशों-वकील, पत्रकार, पुलिस अधिकारी बनने की इच्छा रखते हुए बड़ी हुई हैं। ये सभी क्षेत्र समाज में परिवर्तन को प्रभावित करते हैं। बाद में उन्होंने महसूस किया कि इन क्षेत्रों में शामिल हुए बिना भी वे बदलाव ला सकती हैं।

आन्या बताती हैं, ‘ मेरा जन्म और पालन-पोषण सिंगल मदर ने किया। वे पेशे से एक शिक्षक हैं। जब मैं काफी छोटी थी, तभी मैंने पिता को खो दिया था। घर पर मैं, मेरी बहन और मेरी मां थी। महिलाओं ने ही मेरे लिए सब कुछ किया। मां काम पर जाती, घरेलू मामलों का नेतृत्व करती, टैक्स फाइल करती, बिलों का भुगतान करती। यानी सभी कुछ वही करती थीं। बड़े होने पर मुझे एहसास हुआ कि दुनिया महिलाओं को उस तरह से नहीं देखती जिस तरह उन्हें देखना चाहिए। घर से बाहर की जिम्मेदारियां पुरुषों के हाथ होती हैं। इसलिए मैंने फैसला किया कि मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि दुनिया महिलाओं को वैसे ही देखा जाए जैसे मैं देखती हूं। इस तरह ‘उसके हक (Her Haq) की शुरुआत हुई।’

लड़के और लड़की दोनों को मिले मासिक धर्म स्वच्छता की सीख

आन्या विग वर्तमान में जिन सभी जगहों पर काम करती हैं, वे या तो उनके व्यक्तिगत अनुभवों या उनके आसपास की महिलाओं के अनुभवों की उपज हैं। उन्हें अनुभव हुआ कि मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति शिक्षा और संवेदनशीलता की कमी है। इसलिए लोगों के बीच जागरुकता जरूरी है। यहीं से उनके मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन की शुरुआत हुई।

वे मानती हैं कि सिर्फ ग़रीबी और पीरियड प्रोडक्ट्स तक पहुंच की कमी ही पीरियड के प्रति जागरूकता की कमी नहीं लाती है। बल्कि शिक्षा व्यवस्था भी इसके लिए जिम्मेदार है। शिक्षकों को प्रजनन स्वास्थ्य कक्षा के दौरान मासिक धर्म के बारे में बात करते समय लड़कों को कमरे से बाहर नहीं भेजना चाहिए। उन्हें सिर्फ लड़कियों को ही नहीं, बल्कि लड़कों को भी पैड के उपयोग के बारे में बताना चाहिए। महिलाओं को पीसीओएस और एंडोमेट्रियोसिस जैसे मुद्दों के बारे में भी बताना चाहिए।

महिलाएं अपनी कमाई पर रखें नियन्त्रण

जब वित्तीय साक्षरता की बात आती है, तो आन्या चाहती हैं कि महिलाएं अपनी कमाई और भविष्य की योजना पर अधिक नियंत्रण रखें। वे बताती हैं, ‘जब मैं 18 साल की थी, तब मैंने कमाना शुरू कर दिया था। मुझे एहसास हुआ कि मैं अपने वित्त का प्रबंधन नहीं कर सकती। मुझे किसी ने नहीं बताया कि टैक्स कैसे भरना है या किसमें निवेश करना चाहिए, फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है या भविष्य की योजना कैसे बनानी है। ज्यादातर महिलाएं इन सभी काम को करने के लिए घर के पुरुषों पर निर्भर रहती हैं।’

जहां तक कानूनी साक्षरता का सवाल है, वह महिलाओं को अपने अधिकारों को जानने और जरूरत पड़ने पर इसके लिए लड़ने की जरूरत पर जोर देती हैं।

समाज में परिवर्तन के लिए युवाओं को आगे आना होगा

जब परिवर्तन के अपने सपने को आगे बढ़ाने की बात आती है तो आन्या के लिए उम्र कभी भी बाधा नहीं रही। वे एक ऐसे माहौल में पली-बढीं, जहां शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती थी। कॉलेज में बौद्धिक रूप से संपन्न लोगों से घिरे होने के कारण भी उन पर अच्छा प्रभाव पड़ा।

वे कहती हैं, ”मेरे लिए उम्र कभी पैमाना नहीं रही। मुझे एहसास हुआ कि मैं जो काम करती हूं, उसके कारण मुझे कुछ प्लेटफार्मों पर निमंत्रण या स्थान मिला होगा। मेरी सोच ‘अरे वाह, मुझे मंचों पर बोलने को मिल रहा है, मैं एक युवा व्यक्ति हूं…’ से बदलकर यह महसूस करने लगी यह एक सांकेतिक प्रतिनिधित्व है। कई युवा-नेतृत्व वाले संगठन सामने आए हैं, जो अच्छा काम कर रहे हैं। पर समाज में परिवर्तन लाने के लिए यह संख्या और स्वीकृति बहुत कम है।

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युवाओं के कार्यों को खारिज नहीं किया जा सकता 

ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम युवा संगठनों द्वारा किए जाने वाले काम को बहुत अधिक महत्व नहीं देते। यह रोडब्लॉक के समान है। टेडएक्स स्पीकर और लिंक्डइन टॉप वॉयस फॉर सोशल इम्पैक्ट आन्या कहती हैं कि उसके प्रयासों को “साइड हॉबी” कहकर आसानी से खारिज नहीं किया जा सकता है। दरअसल हमारा काम भविष्य में वित्तीय रूप से सुरक्षित होने के बाद सामाजिक क्षेत्र की ओर मुड़ने के सेट पैटर्न के खिलाफ हो जाता है।

आन्या सोशल साइट्स पर महिला कानूनों और अधिकारों की बात करती हैं।

आन्या कहती हैं, “अगर लोग सामाजिक क्षेत्र को कमाई नहीं करने वाले क्षेत्र के रूप में देखते हैं, तो फंडिंग चक्र भी ऐसा ही हो जाता है। लोग परिवर्तन कर रहे युवाओं को फंड नहीं देना चाहते हैं। युवाओं के लिए अपनी बात कहनी और अपनी आवाज सुनानी कठिन हो जाती है। ” यह एकमात्र पूर्वाग्रह नहीं है, जिसका उन्होंने सामना किया है।

लोगों के माइंडसेट को बदलने से आएगा बदलावा

बचपन के दिनों को याद करते हुए आन्या बताती हैं, ‘जब मैं स्कूल में थी, तो मैं एक ओवरपरफॉर्मर थी। मैं पढ़ाई में बढ़िया थी। एक्स्ट्रा करिकुलर और पब्लिक स्पीकिंग में भी सक्रिय थी। लेकिन वहां योग्यता की बजाय अच्छा दिखने और सामाजिक दायरे को अधिक मापा जाता था।”

आन्या एक ऐसी लड़की रहीं हैं, जिसने छोटी उम्र में ही अपने बाल रंगवाए थे, छोटी स्कर्ट पहनी थी या फोन रखती थी। ज्यादातर लड़कियों की तरह वे भी रूढ़िवादिता के जाल में फंस गई थीं। लेकिन उनके काम ने उन्हें पूरी तरह बदल दिया। वे जोरदार तरीके से कहती हैं, ‘लोग अब मेरे सामने कभी सेक्सिस्ट जोक नहीं करते

बदलाव है जरूरी 

बहुत सारे लोग मुझसे पूछते हैं, ‘सोशल मीडिया पर वकालत करने से क्या फायदा मिल सकता है?’ पर मुझे लगता है कि अगर मेरे द्वारा बनाई गई कोई पोस्ट किसी व्यक्ति को अगली बार सेक्सिस्ट टिप्पणी करने पर रोक देती है, तो यह मेरे लिए बदलाव है।

कम उम्र होने के बावजूद आन्या के पास कई उपलब्धियां हैं।

परिवर्तन को सिर्फ लोगों की संख्या से नहीं मापा जा सकता है, जिन तक मैं पहुंच पाती हूं। मेरे कहने पर व्यक्ति यदि कुछ करने या कहने से पहले दो बार सोचता है, तो यह भी समाज में परिवर्तन कहलायेगा!

सभी काम कर सकती हैं महिलाएं

हर आयु वर्ग की महिलाओं के लिए आन्या संदेश देती हैं, ‘दुनिया को यह मत बताने दो कि आप क्या कर सकती हैं और क्या नहीं। आप जो बदलाव देखना चाहती हैं, उसे लाने की कोशिश करें।

(आन्या विग को सोशल कॉज़ चैंपियन श्रेणी में हेल्थ शॉट्स शी स्लेज़ अवार्ड्स के लिए नामांकित किया गया है।

उन्हें वोट या अन्य प्रत्याशियों के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – शी स्लेज़ अवार्ड्स।)

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