घाव जल्दी भरने में भी मददगार हो सकती है सेल्फी, शोध बता रहा है कैसे

हम दिन में कितनी बार और कहां-कहां सेल्फी लेते हैं, हमें भी याद नहीं रहता। पर क्या कभी आपने सोचा है कि यह आपको संक्रमण से भी बचा सकती है!
selfie se wound treatment
सेल्फी से सर्जरी के बाद होने वाले संक्रमण की समय रहते पहचान की जा सकती है. चित्र : शटरस्टॉक
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खुद से खुद की तस्वीर लेना आजकल सबसे लोकप्रिय शगल बन गया है। हर मौके पर अपने मोबाइल से हम सेल्फी लेते रहते हैं। आज के दौर में सेल्फी लेना एक आदत बन चुकी है। लेकिन क्या आपको लगता है कि सेल्फी का कोई सदुपयोग भी हो सकता है? या सिर्फ आप इसको टाइम पास और कुछ यादें इकट्ठा करने का जरिया समझते हैं? लेकिन कुछ शोधकर्ताओं ने सेल्फी का एक ऐसा उपयोग ढूंढ निकाला है, जिससे सर्जरी के पेशेंट को काफी सहायता मिल सकती है।  

जानिए क्या कहता है शोध 

दरअसल सर्जरी के बाद मरीज द्वारा ली गई और फिर डॉक्टरों को दिखाई गई स्मार्टफोन की सेल्फी से सर्जरी के बाद होने वाले संक्रमण की समय रहते पहचान की जा सकती है? सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा एक रिसर्च में इस बात का जिक्र किया गया है।

सेल्फी लेने के इस अभ्यास को देखभाल का हिस्सा बनाने से मरीजों की रिकवरी में सुधार होता है। शटरस्टॉक

सेल्फी कैसे सर्जरी के बाद मददगार हो सकती है?

शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में इस बात की जानकारी सामने आई है कि अगर मरीज सर्जरी के बाद अपने घाव की तस्वीरें लेकर उन्हें डॉक्टर्स के साथ साझा करता है, तो सर्जरी के मरीज को संक्रमण से होने वाली जटिलताओं की संभावनाएं काफी हद तक कम हो सकती हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि सेल्फी के माध्यम से पोस्टऑपरेटिव घटनाओं को वक्त रहते पहचानने में मदद मिल सकती है। जिससे रिकवरी के समय जीपी और इमरजेंसी डिपार्टमेंट के चक्कर कम लगाने पड़ सकते हैं।

क्या है अध्ययन का आधार 

एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस सेल्फी लेने के इस अभ्यास को देखभाल का हिस्सा बनाने से मरीजों की रिकवरी में सुधार देखने को मिल सकता है और एनएचएस पर दबाव भी कम हो सकता है।

अध्ययन कर रहे शोधकर्ताओं ने 492 आपातकालीन पेट की सर्जरी के रोगियों को शामिल करते हुए एक परीक्षण चलाया और पाया कि जिन लोगों ने बार-बार पोस्ट-ऑपरेशन तस्वीरें भेजीं, उनकी सर्जरी के सात दिनों के भीतर उनके घाव के संक्रमण का निदान होने की संभावना लगभग चार गुना अधिक थी। 

बढ़ती टेक्नोलॉजी के लाभ को दर्शाता है अध्ययन

इस अध्ययन को लीड कर रहे प्रोफेसर का कहना है, “हमारा अध्ययन सर्जरी के बाद फॉलो-अप के लिए मोबाइल तकनीक का उपयोग करने के लाभों को दर्शाता है। रिकवरी हर किसी के लिए चिंताजनक समय हो सकता है।  

ये दृष्टिकोण आश्वासन प्रदान करते हैं – आखिरकार, हम में से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि सर्जरी के कुछ सप्ताह बाद सामान्य रूप से ठीक होने वाला घाव कैसा दिखता है।”

उन्होंने कहा,”हम आशा करते हैं कि घाव की समस्याओं का जल्द पता लगाने से ऐसे उपचार मिल सकते हैं जो जटिलताओं को कम करते हैं। सर्जरी के समय मोबाइल फोन ऐप का उपयोग करना आम होता जा रहा है। हम इसे एनएचएस के भीतर बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं, जिससे मरीजों का इलाज करने वाली अस्पताल टीम के साथ सीधे जुड़े रहने के लाभ मिलता रहे।”

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