अगर दिन भर टीवी देखते रहते हैं आपके एजिंग पेरेंट्स? तो उनके लिए बढ़ सकता है डिमेंशिया का जोखिम

नए अध्ययन के मुताबिक शारीरिक रूप से सक्रिय न होने और खाली समय में बैठकर केवल टीवी देखने से 60 वर्ष से अधिक लोगों में डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा देता है।
dementia aur tv mein kya hai link
वृद्धावस्था में निष्क्रिय जीवनशैली बढ़ा सकती है डिमेंशिया का जोखिम। चित्र : शटरस्टॉक

नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट के अनुसार, यूके में 850,000 से अधिक लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं। शोध में पाया गया कि 65 वर्ष से अधिक आयु के 14 लोगों में से एक को डिमेंशिया होता है, और यह स्थिति 80 वर्ष से अधिक उम्र के छह लोगों में से एक को प्रभावित करती है।

शारीरिक रूप से फिट रहने और स्वस्थ आहार लेने से उम्र से संबंधित कई बीमारियों को कम करने में मदद मिलती है। मगर क्या आप जानती हैं कि आप खाली समय में क्या कर रही हैं यह भी बहुत मायने रखता है। लेकिन आप अपने ख़ाली समय में क्या करती हैं वह भी बहुत मायने रखता है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि बैठने के दौरान आप अपना समय कैसे व्यतीत करते हैं, यह भी आपके डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा या घाटा सकता है। शोध में पाया गया है कि 60 से अधिक उम्र के लोग जो निष्क्रिय रहते हैं और लंबे समय तक बैठ रहते हैं, उनमें मस्तिष्क विकार विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।

पिछली समीक्षा जिसमें दो मिलियन लोग शामिल थे, ने बताया कि कुछ फ्री टाइम एक्टिविटीज में भी व्यक्ति की संज्ञानात्मक गिरावट की संभावना को 23% तक कम करने की शक्ति होती है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि बैठने के दौरान की जाने वाली एक्टिविटी का मनोभ्रंश पर एक बड़ा प्रभाव पड़ता है।

जानिए इस नए अध्ययन के बारे में

हमारे व्यस्त और तनावपूर्ण जीवन को देखते हुए बैठना और आराम करना हर किसी के लिए जरूरी है। मगर प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज नामक पत्रिका में प्रकाशित यूएससी और यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि बैठने के दौरान हम जो करते हैं उसका हमारे डिमेंशिया जोखिम पर एक बड़ा प्रभाव हो सकता है।

इस शोध के लिए, यूके बायोबैंक से एक रिपोर्ट किए गए डेटा सेट का उपयोग किया गया था। जिसमें पूरे यूके में 500,000 से अधिक प्रतिभागियों का डेटा था। प्रतिभागियों ने अपने गतिहीन व्यवहार के स्तर के बारे में जानकारी की रिपोर्ट करने के लिए टचस्क्रीन प्रश्नावली का उपयोग किया।

Dementia
बढ़ती उम्र के साथ डिमेंशिया को बढ़ने न दें। चित्र शटरस्टॉक।

टीवी और डिमेंशिया आपस में हैं संबंधित

परिणामों में पाया गया कि शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्तियों में, टीवी देखने में बिताया गया समय मनोभ्रंश के बढ़ते जोखिम से जुड़ा था। दूसरी ओर कंप्यूटर का उपयोग करने में ख़ाली समय बिताने से मनोभ्रंश विकसित होने के जोखिम में कमी देखने को मिली।

यूएससी डोर्नसाइफ कॉलेज ऑफ लेटर्स, आर्ट्स में जैविक विज्ञान और नृविज्ञान के प्रोफेसर, अध्ययन लेखक डेविड रायचलेन ने कहा, “यह बैठने का समय नहीं है, बल्कि खाली समय के दौरान की जाने वाली एक्टिविटी का प्रकार है जो मनोभ्रंश जोखिम को प्रभावित करता है।”

उन्होंने आगे कहा: “हमें पिछले अध्ययनों से पता चलता हैं कि टीवी देखने में कंप्यूटर या पढ़ने की तुलना में मांसपेशियों की गतिविधि और ऊर्जा के उपयोग का निम्न स्तर शामिल हैं। अन्य शोध से पता चला है कि लंबे समय तक बिना रुके बैठे रहने से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, कंप्यूटर के उपयोग के दौरान होने वाली अधिक बौद्धिक उत्तेजना बैठने के नकारात्मक प्रभावों का प्रतिकार कर सकती है।”

जानिए डिमेंशिया के जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है

बैठने के दौरान डिमेंशिया के कम जोखिम से जुड़ी गतिविधियों में शामिल हैं:

पहेली
पढ़ना
एक नई भाषा सीखना
शिल्प बनाना
लिखना
खेलने वाले खेल
दूसरों के साथ चैट करना।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

यह भी पढ़ें : National Sports Day 2022 : बस एक घंटे खेलें अपना पसंदीदा खेल और तेजी से घटाएं वज़न

  • 125
लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

हेल्थशॉट्स वेलनेस न्यूजलेटर

अपने इनबॉक्स में स्वास्थ्य की दैनिक खुराक प्राप्त करें!

सब्स्क्राइब करे
अगला लेख