क्या कच्चा दूध भी हो सकता है किसी बीमारी का कारण, जानिए क्या है दूध उबालने का सही तरीका

दूध को संपूर्ण आहार कहा गया है, यह पोषक तत्वों का भंडार है। पर क्या आप जानती हैं कि कुछ बीमारियां आपको दूध भी दे सकता है। अगर इसे ठीक तरीके से न उबाला जाए।
दूध को पीने से पहले उबालना है ज़रूरी. चित्र : शटरस्टॉक
दूध को पीने से पहले उबालना है ज़रूरी. चित्र : शटरस्टॉक

ज़्यादातर भारतीय घरों में आज भी दूध उबाल कर ही पिया जाता है, क्योंकि यह दूध पैकेट बंद नहीं होता है। मगर आजकल पैकेट बंद दूध उपलब्ध हैं, जिन्हें लोग बहुतायत में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में यह सवाल पैदा होता है कि क्या पैकेट बंद दूध को उबालना चाहिए या नहीं? क्योंकि ये पहले से ही पाश्चराइज्ड होता है।

क्या है दूध और बीमारियों का कनैक्शन?

कॉर्नेल विश्वविद्यालय में खाद्य विज्ञान विभाग के अनुसार, कच्चे दूध में ई. कोलाई, साल्मोनेला और अन्य हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, 1993 से 2012 तक, कच्चे दूध या कच्चे दूध से बने उत्पादों जैसे आइसक्रीम, सॉफ्ट चीज़, या दही से जुड़ी 127 स्वास्थ्य समस्याएं सामने आयीं। जिनके परिणामस्वरूप 1,909 लोग बीमार हुए और 144 अस्पताल में भर्ती हुए।

दूध उबालना रोग पैदा करने वाले जीवों से निपटने का एक प्रभावी तरीका है। हालांकि यह सभी अशुद्धियों को दूर नहीं करता है, लेकिन यह अधिकांश खतरनाक बैक्टीरिया और अन्य जीवों को मार देता है।

कच्चा दूध पीना आपके लिए हानिकरक हो सकता है । Gif: giphy
कच्चा दूध पीना आपके लिए हानिकरक हो सकता है । Gif: giphy

कच्चा दूध पीने के स्वास्थ्य जोखिम

दूध कच्चा पीने वाले या कच्चे दूध से बने उत्पादों को खाने वाले किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य को ये बैक्टीरिया गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, कच्चे दूध में बैक्टीरिया कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों (जैसे प्रत्यारोपण रोगियों और एचआईवी / एड्स, कैंसर और मधुमेह वाले व्यक्तियों), बच्चों, वृद्ध वयस्कों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकते हैं।

वास्तव में, सीडीसी ने पाया कि कच्चे दूध से खाद्य जनित बीमारी विशेष रूप से बच्चों और किशोरों को प्रभावित करती है।

दूध पोषक तत्वों का भंडार है। यह प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है। मगर क्या आप जानती हैं कि गलत तरीके से उबालने से आपके दूध में इन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से कई प्रभावित हो सकते हैं?

तो क्या होना चाहिए दूध उबालने का सही तरीका?

  • दूध को बहुत अधिक तापमान पर ज्यादा देर तक न उबालें
  • इसे उबालने के बाद खुले में न छोड़ें, इसे तुरंत रेफ्रिजरेट करें।
  • इसके अलावा, दूध को बार-बार गर्म न करें।
  • उबालते समय दूध को चलाना न भूलें।
  • अगर दोबारा दूध को गर्म करना है, तो इसके लिए माइक्रोवेव ओवन का प्रयोग न करें।
डेरी से लाये हुए दूध को जरूर उबालें। चित्र : शटरस्टॉक।
डेरी से लाये हुए दूध को जरूर उबालें। चित्र : शटरस्टॉक।

तो क्या पैकेट बंद दूध को भी उबालना जरूरी है?

हालांकि पैकेट बंद दूध पाश्चराइज्ड होता है। पाश्चराइजेशन में दूध को अधिक तापमान पर गर्म करने के बाद तेजी से ठंड़ा करके पैक किया जाता है। यह प्रक्रिया दूध को लंबे समय तक ताज़ा रखती है। साथ ही यह तकनीक हानिकारक बैक्टीरिया को भी खत्म करती है। इसलिए, पाश्चराइज्ड दूध को उबालने की कोई ज़रुरत नहीं है, मगर फिर भी इसे उबालने में कोई बुराई नहीं है।

परंतु, यदि आप डेरी से दूध ला रही हैं, तो इसे भूल कर भी बिना उबाले इस्तेमाल न करें। कच्चे दूध को चाहे आप सीधे पीना चाहती हैं या उसका कोई व्यंजन बनाना चाहती हैं, इस्तेमाल से पहले इसे उबालना बहुत जरूरी है।

कोविड-19 महामारी और बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि दूध को उबाल कर ही पिया जाए।

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प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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