सर्जरी से बेहतर है बचाव, यहां हैं 8 उपाय जो आपको मोतियाबिंद से बचा सकते हैं 

एक्सपर्ट मानते हैं कि उम्र बढ़ने पर कैटेरेक्ट की समस्या होती है और इसका एकमात्र उपाय सर्जरी है। मगर आप समय रहते कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इससे बच सकती हैं। 
cataract ko surgery se hi thik kiya ja sakta hai
मोतियाबिंद को प्राकृतिक रूप से ठीक नहीं किया जा सकता, यह समझना जरूरी है। चित्र:शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 26 Jul 2022, 19:01 pm IST
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हमारी आंखें हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और जीवन के लिए सबसे जरूरी अंग है। बढ़ती उम्र के साथ आपकी आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है, तब इसका असर आपकी शारीरिक गतिविधियों पर ही नहीं, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। बढ़ती उम्र के साथ होने वाली ऐसी ही एक समस्या है मोतियाबिंद (Cataracts)। विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका एकमात्र उपचार सर्जरी है। पर कुछ उपाय अपनाकर आप समय रहते इस समस्या से बच सकती हैं। यहां जानिए मोतियाबिंद से बचाव के उन उपायों (How to avoid cataracts) के बारे में। 

कैटेरेक्ट क्या है?

दुनिया में ब्लाइंडनेस का सबसे आम कारण कैटेरेक्ट है। यह आंखों के लेंस में क्लाउडिंग के कारण हुए परिवर्तन के कारण होता है। ज्यादातर मामलों में उम्र बढ़ने पर या चोट लगने के कारण भी मोतियाबिंद हो सकता है। इसमें धुंधला दिखाई पड़ने लगता है, क्योंकि आंख के लेंस में मौजूद प्रोटीन और फाइबर खराब होने लगते हैं और उनका ब्रेक डाउन होने लगता है। इसके अलावा, यह ग्लेयर, कलर डिसरप्शन और कॉन्ट्रास्ट सेंसिटिविटी में कमी के रूप में प्रकट हो सकता है।

क्या हो सकते हैं मोतियाबिंद के कारण

40 साल की उम्र के आसपास, मोतियाबिंद आमतौर पर मनुष्यों में विकसित होने लगता है। इसका स्पष्ट अर्थ है कि मोतियाबिंद का सबसे आम कारण उम्र बढ़ना है। इस पर आपका कोई नियंत्रण नहीं होता है। ट्रॉमा, कुछ जेनेटिक डिसऑर्डर, आंखों में संक्रमण जैसे कॉर्नियल अल्सर, आंखों की सर्जरी के बाद पुराने स्टेरॉयड का उपयोग और डायबिटीज जैसी बीमारियां भी इसके अन्य कारण हो सकते हैं। रेयर केसेज में बर्थ एबनॉर्मेलिटी के परिणामस्वरूप बच्चे इस स्थिति के साथ पैदा होते हैं।

क्या मोतियाबिंद को प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है?

मोतियाबिंद को प्राकृतिक रूप से ठीक नहीं किया जा सकता है। मेयो क्लिनिक का कहना है कि किसी भी शोध ने मोतियाबिंद को रोकने या उनके विकास में देरी करने का कोई तरीका नहीं दिखाया है। हालांकि कुछ स्वस्थ जीवनशैली की आदतों को अपनाने से आप मोतियाबिंद से बचने या प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।

हेल्थ शॉट्स ने कैटेरेक्ट मैनेजमेंट के कुछ तरीके खोजने के लिए फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के ऑप्थैलमोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. शिबल भारतीय से बात की।

घर पर कैटेरेक्ट मैनेजमेंट के तरीके यहां दिए गए हैं:

  1. धूम्रपान छोड़ें : 

धूम्रपान से टॉक्सिन फ्री रेडिकल्स निकलते हैं, जो मोतियाबिंद के फॉर्मेशन को तेज करते हैं। इसलिए स्मोकिंग छोड़ दें।

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मोतियाबिंद से बचाव के लिए स्मोकिंग छोड़ना जरूरी है।
चित्र : शटरस्टॉक
  1. डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का प्रबंधन करें : 

अपने ब्लड शुगर को सामान्य श्रेणी में बनाए रखने से मोतियाबिंद के विकास को धीमा करने में मदद मिल सकती है।

  1. एक स्वस्थ आहार चुनें जो एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर हो : 

सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त विटामिन और पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के रंगीन फलों और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें। 

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मोतियाबिंद से बचाव के लिए स्वस्थ आहार लेना जरूरी है। चित्र:शटरस्टॉक

हालांकि इस बात के सीमित प्रमाण हैं कि एंटीऑक्सिडेंट वाले सप्लीमेंट्स आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। एक स्वस्थ आहार मोतियाबिंद के विकास के कम जोखिम से जुड़ा हुआ है। फलों और सब्जियों के कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं। हमेशा याद रखें कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आंखें होती हैं।

  1. सनग्लासेज पहनें : 

अल्ट्रावॉयलेट ए और बी दोनों रेज मोतियाबिंद के विकास को बढ़ावा देती हैं। जब आप बाहर निकलें, तो इन हानिकारक सूरज की किरणों को रोकने के लिए सनग्लासेज पहनें।

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  1. आघात के जोखिम को कम करें :

खेलते समय पॉली कार्बोनेट चश्मा पहनें, जिससे आंखों में चोट लगने से बचाव हो सके।

  1. शराब का सेवन कम करें :

अत्यधिक शराब के सेवन से भी मोतियाबिंद का खतरा बढ़ सकता है।

  1. दवाओं से बचें :

डॉक्टर की जब तक सलाह न मिलें, स्टेरॉयड दवाओं या आईड्रॉप्स का अधिक प्रयोग न करें। स्टेरॉयड के अंधाधुंध उपयोग से मोतियाबिंद हो सकता है।

  1. नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं :

यदि आप अपनी दृष्टि में कोई बदलाव देखती हैं, तो अपने आई डॉक्टर को जरूर संपर्क करें। यदि आपको डबल विजन, डिक्रीज विजन, पेनफुल रेड आई, कलर्ड हेलोज आदि जैसी समस्या होती है, तो बिना देर किए अपने ऑप्थैलमोलॉजिस्ट से मिलें। यह किसी भी आई डिजीज जोखिम को कम करेगा, जिसके परिणामस्वरूप त्वरित मोतियाबिंद हो सकता है।

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