अर्थराइटिस सूजन संबंधी जॉइंट डिसऑर्डर (Joint Disorder Arthritis) है। यह जोड़ों के आसपास के ऊतकों और अन्य संयोजी ऊतकों को प्रभावित करता है। इससे जोड़ों में दर्द और स्टिफनेस आ जाती है। 100 से अधिक प्रकार के अर्थराइटिस मौजूद हैं। सबसे आम ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस हैं। इस रोग के प्रति जागरूकता और सही उपचार नहीं होने के कारण गठिया या अर्थराइटिस ने दुनिया भर में एक बड़ी संख्या में लोगों के जीवन को पंगु बना दिया है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही वर्ल्ड अर्थराइटिस डे (World Arthritis Day 2023) मनाया जाता है।
वर्ल्ड अर्थराइटिस डे या विश्व गठिया दिवस एक वर्ल्ड हेल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम है, जो हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से गठिया और मस्कुलोस्केलेटल रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने, जीवन पर इसके प्रभाव, लक्षणों और उपचार के उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाता है। यह दिवस गठिया और मस्कुलोस्केलेटल रोगों (Rheumatic and Musculoskeletal Diseases ) से प्रभावित लोगों को और बेहतर उपचार विकल्प प्रदान करने के लिए दुनिया भर के लोगों को एक मंच पर लाने पर केंद्रित है। वर्ल्ड अर्थराइटिस डे 2023 की थीम है-यह आपके हाथ में है, कार्रवाई करें (It’s in your hands, take action) । इसका उद्देश्य गठिया से पीड़ित लोगों, उनकी देखभाल करने वालों को अपनी जीवनशैली में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नई दिल्ली में कन्सल्टेंट ओर्थोपेडिक्स डॉ. विवेक कुमार परसुरामपुरिया (Dr. Vivek Kr. Parsurampuriya, Consultant Orthopaedics) बताते हैं, ‘ गठिया एक ऐसी बीमारी है, जो आपके जोड़ों को प्रभावित करती है। इसमें आमतौर पर जोड़ों की सूजन या विकृति (टूटना) शामिल होती है। जोड़ का उपयोग करने पर दर्द होता है। अर्थराइटिस के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। प्रकार के आधार पर उपचार भी भिन्न होते हैं। इसलिए संकेत और लक्षणों को समझना और सही उपचार का लाभ उठाने के लिए जल्दी निदान जरूरी है। गठिया शरीर के पैर, हाथ, हिप्स जॉइंट, घुटने, पीठ के निचले हिस्से को प्रभावित करता है।
डॉ. विवेक कुमार परसुरामपुरिया बताते हैं, ‘विभिन्न प्रकार के गठिया के अलग-अलग कारण होते हैं। शरीर में बहुत अधिक यूरिक एसिड का परिणाम है गाउट। गठिया का पारिवारिक इतिहास होने पर हो सकता है। किसी ख़ास कार्य के कारण जोड़ों पर बार-बार तनाव पड़ता हो। कुछ ऑटोइम्यून बीमारियां या वायरल संक्रमण भी इसका कारण बनती हैं।
विभिन्न प्रकार के गठिया के अलग-अलग लक्षण होते हैं। कुछ लोगों में ये हल्के हो सकते हैं और कुछ में गंभीर हो सकते हैं। जोड़ों की परेशानी लगातार बनी रह सकती है या कुछ अंतराल के बाद हो सकती है। गठिया के कारण दर्द, रेडनेस, स्टिफनेस, सूजन, गर्म लगना या मुलायम होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।’
न्यूबर्ग सुप्राटेक रेफरेंस लेबोरेट्री के कन्सल्टेंट पैथोलोजिस्ट डॉ. विज्ञान मिश्रा के अनुसार, गठिया होने की आशंका पर तुरंत हेल्थकेयर प्रोवाइडर से मिलना चाहिए। लक्षणों के आधार पर गठिया का निदान किया जायेगा। जोड़ों की गतिशीलता के आकलन, जोड़ों के आसपास कोमलता या सूजन की जांच करने पर इसका निदान किया जा सकता है। इमेजिंग टेस्ट से हड्डियों, जोड़ों और ऊतकों की स्पष्ट इमेज प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। एक्स-रे, एमआरआई या अल्ट्रासाउंड से भी इसका पता चल सकता है।
अर्थराइटिस के कारण बोन फ्रैक्चर या किसी प्रकार की स्थिति जोड़ों में दर्द का कारण बन सकती है। जॉइंट के आसपास कार्टिलेज टूट सकती है। मसल, लिगामेंट, टेंडन में चोट लग सकती है। कोमल टिश्यू की सूजन हो सकती है। ब्लड टेस्ट के माध्यम से इसका पता नहीं चलता है। गाउट या रुमेटाइड गठिया के लिए ब्लड टेस्ट हो सकता है। इससे यूरिक एसिड या सूजन संबंधी प्रोटीन का पता चलता है।
डॉ. विवेक कुमार परसुरामपुरिया के अनुसार, गठिया का कोई इलाज नहीं है। कुछ उपचार हैं इस स्थिति को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। गठिया की गंभीरता, इसके लक्षणों और समग्र स्वास्थ्य के आधार पर इसका उपचार किया जाता है।
सूजन-रोधी और दर्द निवारक दवाएं गठिया के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं। कुछ बायोलॉजिक्स दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली की सूजन प्रतिक्रिया को लक्ष्य कर ठीक करती हैं। हेल्थकेयर प्रोवाइडर
रुमेटाइड या सोरियाटिक अर्थराइटिस के लिए बायोलॉजिक्स की सिफारिश कर सकता है।
जॉइंट को रीजुवेनेट करने, ताकत देने, समग्र मोबिलिटी में सुधार करने में यह मदद कर सकता है। चिकित्सक बताते हैं कि गठिया के दर्द को कम करने के लिए डेली एक्टिविटी को कैसे अंजाम दिया जाये।
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कस्टमाइज़ करेंकॉर्टिसोन शॉट्स जोड़ों में दर्द और सूजन को अस्थायी रूप से राहत दे सकते हैं। विस्कोसप्लीमेंटेशन उपचार भी किया जाता है। यह जोड़ों को सुचारू रूप से चलने में मदद करने के लिए लुब्रिकेंट इंजेक्ट करता है।
दो या दो से अधिक हड्डियां स्थायी रूप से एक साथ जुड़ जाती हैं। फ़्यूज़न जोड़ को स्थिर करता है और हिलने-डुलने से होने वाले दर्द को कम करता है। गंभीर स्थिति में सर्जरी और जॉइंट रिप्लेसमेंट भी किया जाता है।
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