वेलेंटाइन वीक शुरू हो चुका है, रोज और प्रोपोज डे के बाद अब चॉकलेट डे सेलिब्रेशन की बारी है। चॉकलेट लवर्स के लिए ये दिन काफी खास है। वहीं इस दिन सभी कपल्स एक दूसरे की पसंदीदा और बेस्ट चॉकलेट गिफ्ट करने की कोशिश करते हैं। चॉकलेट सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। पर बाजार में चॉकलेट के हजारों ऑप्शंस उपलब्ध हैं, जिनमें एडेड शुगर सहित कई आर्टिफिशियल फ्लेवर्स जोड़ दिए जाते हैं, जिससे की चॉकलेट की असल गुणवत्ता पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। तो इस चॉकलेट डे अपने लव्ड वन के लिए चॉकलेट लेते वक्त उनके टेस्ट के साथ सेहत का भी ध्यान रखें।
कोई भी चॉकलेट खरीदने से पहले इन 5 बातों को ध्यान में रखना जरूरी है (how to choose healthy chocolate)। ये सही ऑप्शन का चयन करने में आपकी मदद करेंगे। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में अधिक विस्तार से।
डार्क चॉकलेट में लगभग 70 से 99% तक कोको की मात्रा पाई जाती है। चॉकलेट में जितना ज्यादा कोको होता है, उतने ही कम शुगर का इस्तेमाल किया जाता है। कोको युक्त डार्क चॉकलेट सेहत के लिए कोई रूपों में फायदेमंद हो सकते हैं। वहीं कोको एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत है, जो शरीर के लिए तमाम रूपों में लाभदायक साबित हो सकता है।
इस तरह के चॉकलेट में कोको की बेहद कम मात्रा पाई जाती है। साथ ही इनमें रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसे एक अनहेल्दी ऑप्शन बना देते हैं। शुगर बॉडी के लिए कई रूपों में हानिकारक होता है, इसलिए इसे जितना हो सके अवॉइड करें।
चॉकलेट में आमतौर पर दो प्रकार के इमल्सीफायर, कार्बोक्सिमिथाइलसेलुलोज और पॉलीसोर्बेट-80 होते हैं, जो गट माइक्रोबायोम को बाधित कर सकते हैं और म्यूकोसा को ख़राब कर सकते हैं। जानवरों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार, ऐसे कंपाउंड इंफ्लेमेशन संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसलिए, इमल्सीफायर वाली चॉकलेट को अवॉइड करने की कोशिश करें।
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ऑर्गेनिक फूड्स में पेस्टिसाइड और हर्बिसाइड्स का एक्सपोजर कम हो जाता है। चॉकलेट की गुणवत्ता पॉलीफेनोल्स हैं, जो सबसे जरूरी होते हैं। प्रोसेसिंग के दौरान चॉकलेट की ये गुणवत्ता बहुत हद तक कम हो जाती है। ऐसे में चॉकलेट की असल गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए ऑर्गेनिक विकल्प तलाशें। इससे आप उच्च पॉलीफेनॉल सामग्री सुनिश्चित कर सकती हैं।
आप जांच लें कि जो चॉकलेट आप खरीद रहे हैं, वे डच या अल्कलाइज्ड तो नहीं है। अल्कलाइज्ड के दौरान कोको प्रोसेसिंग के दौरान फ्लेवोनोइड्स और अन्य एंटीऑक्सीडेंट श्री गुणवत्ता काम हो जाती है, और ये सेहत के लिए उतने फायदेमंद नहीं रहते। इसलिए, ऐसी चॉकलेट खरीदने से बचें जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण कम हों।
बहुत से लोग एक्सपायरी डेट देखे बिना ही चॉकलेट खरीद लेते हैं। वहीं आजकल चॉकलेट बुफे, और कई ऐसे गिफ्ट आइटम मिलते हैं, जिनमें चॉकलेट के ऊपर उसकी एक्सपायरी डेट नहीं लिखी होती है। पुरानी और एक्सपायर्ड चॉकलेट न खरीदें, हमेशा एक्सपायरी डेट लिखी हुई चॉकलेट लें।
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