शरीर के सभी अंगों-जैसे हाथ-मुंह, कान-नाक, चेहरे और पेट की सफाई जरूरी है। ठीक इसी तरह योनि की साफ़-सफाई भी जरूरी है। हम इसका ख्याल तो रखते हैं। पर अकसर कुछ बातों पर हम ध्यान नहीं दे पाते हैं, जो हमें नहीं करना चाहिए। हम अपने शरीर के अन्य अंगों का ख्याल रखने के लिए खानपान और जरूरी पोषक तत्वों का इंटेक सुनिश्चित करते हैं। लेकिन योनि स्वास्थ्य के लिए कौन-सा फ़ूड जरूरी है और कौन-सा नहीं, यह जान ही नहीं पाते हैं। शरीर को पूरी तरह स्वच्छ रखने के लिए हमें अन्तरंग स्वच्छता (Intimate Hygiene) का ख्याल रखना चाहिए। जानें इंटिमेट हायजीन के लिए किन बातों को नहीं (Intimate Hygiene) करना चाहिए।
इंटिमेट हायजीन का ख्याल रखने से गैस्ट्रोएंटेराइटिस, सर्दी-जुकाम, फ्लू और कोविड-19 संक्रमण से बचाव में मदद मिलती है। सफाई से बैक्टीरियल इन्फेक्शन, खुजली, रेड रैशेज आदि से बचाव किया जा सकता है। व्यक्तिगत स्वच्छता का ख्याल रखने से अन्य लोगों में भी बीमारियां फैलने से रोकने में मदद मिल सकेगी।
वेजाइनल हाइजीन के लिए सही मात्रा में पानी पीना और अधिक चीनी युक्त पेय को अवॉयड करना भी जरूरी है। चीनी योनि के बैक्टीरियल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। इससे भी डीहाइड्रेशन का खतरा बना रह सकता है। विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और योनि को साफ और स्वस्थ रखने के लिए खूब पानी पीना जरूरी है।
खुद को साफ रखना सबसे जरूरी है। जैसे-जैसे आप युवावस्था की ओर आगे बढ़ती हैं, शरीर में होने वाले परिवर्तन व्यक्तिगत स्वच्छता को और भी अधिक जरूरी बना देते हैं। पीरियड, नियमित वेजाइनल डिस्चार्ज और स्वेट ग्लैंड से पसीना आना जैसी चीजें साफ-सफाई को और अधिक जरूरी बना देती हैं। इसलिए इंटिमेट पार्ट को प्रतिदिन साफ़ करना अवॉयड नहीं करना चाहिए। ध्यान दें कि योनि अंदर की सफाई खुद करती है। इसे धोने, रगड़ने या साफ़ करने की ज़रूरत नहीं है। योनि के केवल बाहरी हिस्से को ही धोना चाहिए।
नियमित साबुन और शॉवर जैल योनि क्षेत्र पर खराब असर डालते हैं। स्किन का पीएच 5.5 होता है, जबकि स्वस्थ योनि का पीएच स्तर 3.8 से 4.5 के बीच होता है। नियमित साबुन का उपयोग योनि के पीएच को बदल सकता है। इससे संक्रमण का खतरा बनने लगता है। अंतरंग क्षेत्र की सफाई के लिए पानी या पीएच संतुलन बरकरार रखने वाले विशेष वॉश का उपयोग करने का प्रयास करें। पानी को सीधे योनि पर नहीं लगाना चाहिए।
अकसर योनि को पीछे से आगे पोछा जाता है। यह ध्यान देना जरूरी है कि आगे से पीछे की ओर पोछा जाए। कभी भी पीछे से सामने की ओर न पोंछें! यह सुनिश्चित करता है कि एनस से कोई हानिकारक बैक्टीरिया योनि में न जा पाए। ऐसा करने पर बैक्टीरिया असुविधाजनक और बदबूदार संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसे ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत पड़ेगी।
फैशन के दौर में आर्टिफीशियल धागे से तैयार पैंटी पहनने का इन दिनों खूब चलन है। इस तरह की पैंटी को एवोइड करना जरूरी है। व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए कॉटन अंडरवियर पहनना जरूरी है। कॉटन से हवा आ-जा पाती है। यह बैक्टीरिया, खराब गंध, पसीने और किसी भी तरह की अतिरिक्त नमी को वाष्पित होने देता है।
योनि स्राव को सोखने में मदद करता है पैंटीलाइनर। डिस्चार्ज योनि को विषाक्त पदार्थों से साफ करने और स्वच्छ और नमीयुक्त रहने का तरीका है। लेकिन इससे गीलेपन का एहसास होता है। इससे बचने के लिए हर दिन पैंटीलाइनर पहनना स्वच्छता के लिए जरूरी है। पैंटी लाइनर पैड की तरह काम करते हैं, लेकिन वे बहुत पतले होते हैं। ये डिस्चार्ज को अवशोषित करने और साफ तथा सूखा महसूस कराने में मदद करते हैं।
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